पूर्व CIA अधिकारी ने बताया कि इजरायल ने भारत को पाकिस्तान के काहूटा नाभिकीय ठिकाने पर हमले का प्रस्ताव दिया था, लेकिन इंदिरा गांधी ने अनुमति नहीं दी।
भारत-इजरायल की संयुक्त योजना का खुलासा, पूर्व CIA अधिकारी बोले- इंदिरा गांधी ने मौका गंवाया
पूर्व CIA अधिकारी रिचर्ड बार्लो ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण खुलासा किया है कि 1980 के दशक के शुरुआत में इजरायल ने भारत को एक गुप्त प्रस्ताव दिया था, जिसमें पाकिस्तान के काहूटा नाभिकीय ठिकाने पर एक प्री-एम्प्टिव (पूर्वव्यापी) हमला करने का प्रस्ताव था। यह कदम उस समय के ‘इस्लामिक बम’ की बढ़ती आशंकाओं के बीच उठाया गया था।
बार्लो ने कहा, “इजरायल ने भारत को उनके जमनागर और उदयपुर एयरबेस पर अपने एफ-16 और एफ-15 लड़ाकू विमानों को तैनात करने का प्रस्ताव दिया था। भारतीय जगुआर विमान इस ऑपरेशन का समर्थन करते। काहूटा में स्थित नाभिकीय सुविधा को नष्ट करना लक्ष्य था।”
हालांकि, तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने शुरुआत में इस योजना को अस्थायी मंजूरी दी थी, लेकिन बाद में उन्होंने भू-राजनीतिक जोखिमों के कारण अपनी अनुमति वापस ले ली। इसमें पाकिस्तान की कड़ी प्रतिक्रिया, बड़े युद्ध की संभावना और विशेष रूप से अमेरिका का दबाव शामिल था, जो उस समय अफगानिस्तान-सोवियत युद्ध में पाकिस्तान का समर्थन कर रहा था।
CIA ने कथित तौर पर पाकिस्तान को इस हमले की योजना की जानकारी दी, जिससे काहूटा में सुरक्षा व्यवस्था और सतर्कता बढ़ गई।
यह प्रस्ताव एक सुनहरा अवसर था जो भारत के लिए कई मौजूदा समस्याओं का समाधान कर सकता था, लेकिन अंततः नहीं हो पाया। बार्लो ने इसे एक बड़ी चूक बताया और कहा कि इस घटना में भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मौका छूट गया।
FAQs:
- भारत और इजरायल ने पाकिस्तान के किस नाभिकीय ठिकाने पर हमले का प्रस्ताव दिया था?
- काहूटा नाभिकीय सुविधा पर।
- इस योजना को मंजूरी क्यों नहीं दी गई?
- भू-राजनीतिक जोखिम, अमेरिका के दबाव और युद्ध के खतरे के कारण।
- इजरायल ने भारत को क्या समर्थन देने का प्रस्ताव दिया था?
- अपने F-16 और F-15 लड़ाकू विमानों को भारतीय एयरबेस पर तैनात करने का।
- CIA की भूमिका इस योजना में क्या थी?
- CIA ने पाकिस्तान को इस योजना की जानकारी दे दी थी।
- पूर्व CIA अधिकारी इस घटना को कैसे देखते हैं?
- वे इसे भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मौका छूटने के रूप में देखते हैं।
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