शोध ने दिखाया है कि प्रकाश बढ़ने पर भी Jungle की पेड़-प्रजाति विविधता नहीं बढ़ पाती क्योंकि बारहसिंगे शिकार करते रहते हैं।
Jungle में प्रकाश खुला हुआ, फिर भी विविधता घटती क्यों?
Jungle में एक आम धारणा है कि जब पेड़ों का तना छज्जा टूटे, या आँधी-तूफ़ान के कारण छाया कम हो जाए, तब धूप (प्रकाश) ज्यादा मिलेगी और युवा पेड़ों को बढ़ने का मौका मिलेगा। लेकिन हाल की शोध ने यह चुनौती दी है कि सिर्फ प्रकाश बढ़ जाना पर्याप्त नहीं है। विशेष रूप से जब वहाँ सक्रिय रूप से बारहसिंगे मौजूद हों। इस शोध में यह सामने आया है कि ये हिरण-प्रजाति जंगल की विविधता को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है, चाहे प्रकाश कितना भी बढ़ जाए।
शोध का सेट-अप और मुख्य बातें
- शोधकर्ताओं ने चार वर्ष-लंबे क्षेत्र-प्रयोग किए जिनमें समान आकार के प्लॉट बनाए गए — कुछ प्लॉट हिरण-द्वारा सुरक्षित (फेंस द्वारा) और कुछ खुला छोड़ दिया गया।
- इन प्लॉट्स को ऐसे जंगलों में बनाया गया जहाँ प्राकृतिक रूप से तना छज्जा खुल चुका था — यानी प्रकाश बढ़ा हुआ था, युवा पेड़ों के लिए अनुकूल माना जाता था।
- परिणाम स्पष्ट रहे: खुला छोड़ा गया प्लॉट जहाँ हिरण आ-जा सकते थे, वहाँ पेड़-प्रजाति विविधता लगभग आधी रह गई, जबकि नियंत्रित प्लॉट में बेहतर स्थिति बनी रही।
- प्रकाश की मात्रा जितनी बढ़ी हुई थी, हिरणों द्वारा युवा पेड़ों की चारा-शिकार (browsing) ने उस लाभ को लगभग खत्म कर दिया।
मुख्य निष्कर्ष एवं कारण
- प्रकाश-सक्षम खुली जगह (canopy gap) में जब हिरणों की पहुँच होती है, वहाँ युवा पेड़ अधिक आसानी से हिरणों द्वारा खाये या क्षतिग्रस्त होते हैं — विशेष रूप से वे पेड़ जो 1.3 मीटर ऊँचाई तक पहुँचते हैं, उस ऊँचाई तक हिरण-खा सकते हैं।
- परिणामस्वरूप, उन प्रजातियों का विकास रुक जाता है जिनको हिरण पसंद करते हैं, और वे पेड़-प्रजातियाँ ही बच जाती हैं जिन्हें हिरण कम पसंद करते हैं या पहुँच नहीं कर पाते। यही कारण है कि विविधता कम होती है और जंगल एक-समान प्रजातियों-की ओर झुकता है।
- शोध से यह सुझाव मिलता है कि जंगल की प्रतिरूपता (regeneration) के लिए केवल उपयुक्त प्रकाश पर्याप्त नहीं है; चराई नियंत्रण (herbivory control) भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
प्रबंधन-दृष्टिकोण और सुझाव
- Jungle प्रबंधन में यह समझना जरूरी है कि खोली गई छज्जा को सिर्फ प्रकाश-प्रदान का अवसर न समझें, बल्कि उसे हिरण-प्रवेश से सुरक्षित करना भी आवश्यक है।
- यदि हिरणों की संख्या नियंत्रित नहीं हो सकती, तो छज्जा वाले अभियानों के दौरान फेंसिंग का उपयोग करना सुझावित है — कुछ वर्ष के लिए रोक-थाम करना ताकि विविध रूप से पेड़ विकसित हो सकें।
- आगे की पड़ताल में सलाह दी गई है कि हिरण-चारा प्रभाव, प्रकाश-प्रदता, मिट्टी-जीवितता, कीट-प्रजातियाँ व अन्य उप-वन्यजीवन (understorey vegetation) को सामूहिक रूप से देखें।
यह शोध संकेत देता है कि बायोलॉजिकल दबाव (जैसे हिरणों द्वारा चारा) और पर्यावरण-दबाव (जैसे प्रकाश) दोनों को साथ-मिलाकर समझना पड़ेगा। सिर्फ एक को सुधारने से पूरी तस्वीर नहीं बनेगी। हमारा प्राकृतिक जंगल-विविधता हमारे अनुमान से भी अधिक नाजुक है — और उसे बचाने के लिए हमारी रणनीतियाँ मजबूत व बहुआयामी होनी चाहिए।
FAQs
Q1. क्या सिर्फ प्रकाश कम होने से जंगल की विविधता कम हो जाती है?
A1. हो सकती है, लेकिन इस शोध में यह बात सामने आई है कि प्रकाश कम या ज्यादा हो — यदि हिरण-चारा मौजूद है, तब भी विविधता कम होती है।
Q2. हिरणों को पूरी तरह जंगल से हटाना संभव है?
A2. नहीं, पहाड़ी-जंगल क्षेत्रों में हिरण-प्रजातियों को पूरी तरह हटाना व्यवहारिक नहीं है; लेकिन उनकी संख्या नियंत्रित करना व जोखिम-क्षेत्रों में फेंसिंग करना संभव है।
Q3. क्या यह समस्या सिर्फ यूरोपियन जंगलों में है?
A3. इस शोध यूरोप (जर्मनी) में किया गया है, लेकिन हिरण-चारा व वन-विविधता का संबंध विश्व-भर के तापीय व समशीतोष्ण जंगलों में पाया गया है।
Q4. फेंसिंग कितने समय तक करनी चाहिए?
A4. शोध सुझाव देता है कि disturbance (उद्घाटन) के बाद कुछ वर्ष तक फेंसिंग रखना चाहिए — तब तक जब तक पेड़-प्रजातियाँ स्वयं सुरक्षित रूप से विकसित हो सकें।
Q5. इस शोध से हमें रोज-दिन की जीवनशैली पर क्या सबक मिलता है?
A5. यह हमें याद दिलाता है कि पर्यावरण-सुरक्षा सिर्फ एक पहलू नहीं है — हमें समग्र दृष्टिकोण अपनाना होगा जिसमें पौधे-जीव, वन्य-जीव व बाहरी-प्रेरक सभी शामिल हों।
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