दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता गंभीर रूप से बिगड़कर ‘रेड ज़ोन’ में पहुंच गई है, जिससे स्वास्थ्य जोखिम बढ़ गए हैं।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की Situation गंभीर, AQI आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है
दिल्ली और उसके आसपास के एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण ने शनिवार को ’रेड ज़ोन’ में प्रवेश कर लिया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक, राजधानी में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के आंकड़े को पार कर ’स Severe’ श्रेणी में पहुंच गया है।
शहर के कई इलाकों में प्रदूषण का स्तर बेहद गंभीर है जहाँ पर अलीपुर में AQI 404, ITO 402, नेहरू नगर 406, विवेक विहार 411, वज़ीरपुर 420 और बुराड़ी 418 तक दर्ज किया गया। एनसीआर के नोएडा (354), ग्रेटर नोएडा (336) और गाज़ियाबाद (339) में भी हवा की गुणवत्ता ’बहुत खराब’ श्रेणी में है।
इस बढ़ते प्रदूषण के प्रमुख कारणों में उत्तर भारत के पंजाब सहित कई प्रदेशों में पराली जलाने की घटनाएं हैं, जो दिल्ली की वायु गुणवत्ता पर कड़ी चोट पहुंचा रही हैं। पिछले सप्ताह पंजाब में दर्ज सैकड़ों पराली जलने की घटनाओं ने प्रदूषण स्तर को बढ़ा दिया।
CPCB के Decision Support System के अनुसार, पराली जलाने से दिल्ली प्रदूषण का लगभग 30 प्रतिशत हिस्सा उत्पन्न होता है, जबकि वाहन उत्सर्जन 15.2 प्रतिशत योगदान देता है।
भारतीय मौसम विभाग ने दिल्ली की न्यूनतम तापमान 12.7 डिग्री सेल्सियस और सुबह की आर्द्रता 67 प्रतिशत बताई है। उन्होंने पूरे दिन हल्के कोहरे की संभावना जताई है, जिससे दृश्यता बाधित हो सकती है।
दिल्लीवासियों को सफेद जहरीली धुंध से बचने के लिए सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
FAQs:
- दिल्ली-एनसीआर में AQI का स्तर क्या है?
- AQI 400 से ऊपर, ’स Severe’ श्रेणी में।
- प्रदूषण के मुख्य कारण क्या हैं?
- पराली जलाना और वाहन उत्सर्जन।
- दिल्ली के कौन से इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हैं?
- वज़ीरपुर, बुराड़ी, विवेक विहार, नेहरू नगर, अलीपुर, ITO।
- मौसम विभाग ने क्या चेतावनी दी है?
- हल्का कोहरा और कम दृश्यता की संभावना।
- प्रदूषण से बचने के लिए क्या सावधानी जरूरी है?
- बाहर कम जाना, मास्क पहनना और प्रदूषित हवा से बचना।
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