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“भारत के लिए जिम्मेदार हैं हिंदु”: RSS प्रमुख मोहन भागवत का जोरदार बयान

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Mohan Bhagwat RSS speech, Hindu responsibility for Bharat
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RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत की मूल संस्कृति हिंदू है और सभी भारतीय उसी संस्कृति के वंशज हैं, RSS का उद्देश्य देश की सेवा और हिंदू समाज का संगठन है।

RSS प्रमुख ने कहा- भारत की मूल संस्कृति हिंदुत्व है, देश में कोई ‘अहिंदू’ नहीं

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि हिंदू भारत के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि RSS का उद्देश्य सत्ता या समाज में चरण बढ़ाना नहीं है, बल्कि हिंदू समाज को संगठित कर भारत माता की महिमा बढ़ाना है।

भागवत ने कहा कि भारत कोई नवजात राष्ट्र नहीं, बल्कि एक प्राचीन सभ्यता है जिसकी मुख्य संस्कृति हिंदू है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत में कोई ‘अहिंदू’ नहीं है, क्योंकि सभी भारतीय समान पूर्वजों से जुड़े हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि हिन्दू धर्म और संस्कृति सभी भारतीयों का साझा आधार हैं, जिसमें मुस्लिम और ईसाई भी शामिल हैं जो इसी संस्कृति के वंशज हैं, चाहे वे इसे जानते हों या भूल गए हों।

भागवत ने कहा कि ‘हिंदू होने का मतलब है भारत के प्रति जिम्मेदार होना’। इसी जिम्मेदारी के तहत RSS हिंदू समाज के संगठन में लगा है ताकि देश की विविधता के बीच एकता बनी रहे।

RSS के इतिहास, जिसने 60-70 साल की कठिनाइयों और विरोधों का सामना किया, भागवत ने कहा कि संगठन का मकसद हमेशा सेवा और समाज के निर्माण का रहा है।

उन्होंने ‘सनातन धर्म’ को हिंदू राष्ट्र के मूल के रूप में बताया और देश की प्रगति के लिए उसकी महत्ता को रेखांकित किया।

भागवत ने कहा कि RSS सभी शादी, जाति और वर्गों के भारतीय समुदायों तक पहुँचना चाहता है और इस संवाद प्रक्रिया को जारी रखा है।


FAQs:

  1. मोहन भागवत ने भारत की संस्कृति के बारे में क्या कहा?
    • भारत की संस्कृति हिंदू है और सभी भारतीय उसी के वंशज हैं।
  2. RSS का उद्देश्य क्या है?
    • हिंदू समाज का संगठन और भारत की महिमा बढ़ाना, सत्ता नहीं।
  3. क्या भागवत ने कहा कि भारत में कोई ‘अहिंदू’ नहीं है?
    • हाँ, उन्होंने कहा कि सभी भारतीय समान पूर्वजों से जुड़े हैं।
  4. RSS ने अपने इतिहास के बारे में क्या बताया?
    • संगठन ने कई विरोधों का सामना किया, लेकिन सेवा और निर्माण का मकसद रखा।
  5. RSS का सामाजिक संगठन का लक्ष्य क्या है?
    • पूरे देश के विविध समुदायों तक पहुँचना और उनमें संवाद स्थापित करना।
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