नेपाल के मनांग जिले में तीन सप्ताह से लापता भारतीय पिता-पुत्री के शव बर्फ में दबे हुए मिले, सुरक्षा बलों ने पुष्टि की।
मनांग जिला, नेपाल में बर्फ़ के नीचे मिले पिता-पुत्री के शव, सुरक्षा बलों ने दी सूचना
नेपाल के मनांग जिले में तीन सप्ताह से लापता भारतीय पिता-पुत्री के शव बर्फ में दबे मिले
नेपाल के मनांग जिले में लगभग तीन सप्ताह से लापता भारतीय पिता और बेटी के शव बरफ में दबे हुए पाए गए हैं। सुरक्षा बलों ने इस बाबत पुष्टि की है कि 52 वर्षीय जिगनेश कुमार लल्लुभाई पटेल और 17 वर्षीय प्रियांसा कुमारी पटेल की मृत देहें लगभग 100 मीटर ऊंचे स्थान पर, मठ के पास बरफ के नीचे मिली हैं।
मामले का विवरण
परिवार के अनुसार, दोनों ने 20 अक्टूबर को ग्याल्जेन होटल से निकलते वक्त मलेरिपा मठ जाने का कहा था, इसके बाद उनसे संपर्क टूट गया था। होटल ने पुलिस को सूचित किया, जिसके बाद माउंटेन रेस्क्यू टास्क फोर्स ने खोज अभियान शुरू किया। भारी हिमस्खलन और तूफान की वजह से ट्रेकिंग मार्ग लगभग एक सप्ताह के लिए बंद हो गए थे।
पिछली घटनाएं और मौसम की चुनौतियां
अक्टूबर में आए तूफान के दौरान मनांग जिले में सुरक्षा बलों ने 1500 से अधिक फंसे हुए पर्यटकों को बचाया था। इस घटना से पहले भी क्षेत्र में कड़ी बर्फबारी और आंधी ने कई इलाकों को प्रभावित किया था, जिससे खोज अभियान में बाधाएं आईं।
सुरक्षा और बचाव के प्रयास
आर्म्ड पुलिस फोर्स (APF) के डीएसपी शैलेन्द्र थापा के अनुसार, खोज टीम ने शवों को बरामद कर उनके सुरक्षित निकासी की प्रक्रिया शुरू की है। जांच जारी है और शवों को परिवार को सौंपने की व्यवस्था की जा रही है।
FAQs:
- लापता पिता-पुत्री की पहचान कैसे हुई?
उनकी पहचान सुरक्षा बलों द्वारा की गई, वे दोनों भारतीय पर्यटक थे। - वे कब और कहां से लापता हुए थे?
20 अक्टूबर को ग्याल्जेन होटल से मलेरिपा मठ जाने के लिए निकले थे। - खोज अभियान कब शुरू हुआ?
परिचितों से संपर्क टूटने के बाद तुरंत खोज शुरू की गई। - क्या उन्हें ढूंढ़ने के लिए और कितने लोग फंसे थे?
हजारों पर्यटक भी बर्फबारी के कारण फंसे हुए थे, जिनमें से 1500 से अधिक को बचाया गया। - यह हादसा किस कारण हुआ?
भारी हिमस्खलन और तेज़ मौसम की वजह से वे क्षतिग्रस्त हो गए।
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