रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान की गुप्त ISI इकाई ‘S1’ ने 25 वर्षों से भारतीय सीमा में आतंकवादी हमलों के लिए प्रशिक्षण दिया और हमलों का समन्वय किया।
रिपोर्ट: ISI की ‘S1’ इकाई ने भारतीय सीमा में अल्पसंख्यक को कई दशकों से आतंक की ट्रेनिंग दी
पाकिस्तान की गुप्त ISI इकाई ‘S1’ भारत पर दशकों से आतंकवादी हमलों से जुड़ी: रिपोर्ट
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की एक रहस्यमयी इकाई ‘S1’ पिछले 25 वर्षों से भारत के खिलाफ आतंकवादी हमलों में सक्रिय रही है। इस इकाई ने हजारों आतंकवादियों को घुसपैठ और हमले की ट्रेनिंग दी तथा भारत के भीतर की संयुक्त हमलों का समन्वय किया, ऐसी गंभीर जानकारी एक ताजा रिपोर्ट में सामने आई है।
‘S1’ इकाई का कार्य और रणनीतियां
रिपोर्ट के मुताबिक, ‘S1’ अपने आतंकवादी कस्बे और गुप्त ठिकानों में ऑपरेशनों की योजना बनाती है। यह इकाई आतंकवाद को बढ़ावा देने, प्रतिद्वंद्वी देशों की सीमाओं में घुसपैठ कराने, और भारत में चल रहे विभिन्न आतंकवादी समूहों को हथियार और प्रशिक्षण उपलब्ध कराने में मुख्य भूमिका निभाती है।
पिछले दशकों के हमलें और ‘S1’ का हस्तक्षेप
‘S1’ से जुड़े संदिग्धों ने भारत में कट्टरपंथी हमलों, विशेषकर जम्मू-कश्मीर और अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में नियोजित हमलों का श्रेय लिया है। यह इकाई आतंकवाद का समन्वय करने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छुपे हुए नेटवर्क से भी जुड़ी है, जिससे सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं।
भारत और अन्य देशों की सुरक्षा प्रतिक्रिया
भारत तथा उसके साथी देश इस गुप्त इकाई की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखते हुए आतंकवाद से निपटने के लिए साझा रणनीतियां विकसित कर रहे हैं। सुरक्षा बल ‘S1’ के नेटवर्क को तोड़ने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं, ताकि क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
FAQs:
- ‘S1’ इकाई क्या है?
यह पाकिस्तान की ISI की एक गुप्त शाखा है जो आतंकवादी गतिविधियों का समन्वय करती है। - यह इकाई किस तरह के आतंकवादी काम में शामिल है?
अत्यधिक हिंसक हमलों, घुसपैठ और आतंकवादियों को प्रशिक्षण देने में। - इस इकाई का भारत में क्या प्रभाव रहा है?
भारत में कई दशकों से आतंकवादी हमलों का समन्वय और समर्थन। - भारत की सुरक्षा एजेंसियां क्या कर रही हैं?
‘S1’ के नेटवर्क को पकड़ने और खत्म करने के लिए कार्यवाही। - क्या अन्य देश भी ‘S1’ की गतिविधियों से प्रभावित हैं?
यह अधिकतर क्षेत्रीय सुरक्षा संबंधित है लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी पहुंच है।
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