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Mandalakala व्रतम और मंडला पूजा:अयप्पा भक्तों के लिए सम्पूर्ण जानकारी

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Mandalakala 2025 सबरीमाला में 17 नवंबर से शुरू होकर 27 दिसंबर को मंडला पूजा के साथ समाप्त होगा। जानें 41 दिन के व्रतम का महत्व और पूजा की पूरी प्रक्रिया।

Mandalakala 2025: सबरीमाला में एक पवित्र 41 दिन का आध्यात्मिक व्रतम

Mandalakala वह पावन अवधि है जो सबरीमाला अयप्पा मंदिर में मनायी जाती है, जहां भक्त कड़े नियमों के साथ 41 दिन का व्रतम रखते हैं। यह अवधि 17 नवंबर 2025 को प्रारंभ होगी और 27 दिसंबर 2025 को मंडला पूजा के साथ समाप्त होगी। इस अभूतपूर्व समय में भक्त संयम, शुद्ध आहार और पूजा-अर्चना के माध्यम से अपने मन और तन की स्वच्छता का अभ्यास करते हैं।

मंडलकाल का आध्यात्मिक महत्व
मंडलकाल व्रतम भगवान अयप्पा को समर्पित होता है, जो भक्तों को मानसिक और शारीरिक रूप से तीर्थयात्रा के लिए तैयार करता है। इस दौरान भक्त 41 दिन ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं, गीता में वर्णित शुद्धता बनाए रखते हैं और “स्वामिये शरणम् अयप्पा” का जाप करते हैं। यह व्रतम समर्पण, अनुशासन और आध्यात्मिक पारंगतता की ओर उनका मार्गदर्शन करता है।

मंडला पूजा 2025: अंतिम उत्सव
27 दिसंबर को धानु मास की एकादशी या द्वादशी तिथि को मंडला पूजा संपन्न होती है। यह पूजा भक्तों की तपस्या का परिणाम होती है और सबरीमाला में लाखों श्रद्धालु भगवान अयप्पा के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस दिन विशेष आरती, भजन और दर्शन का आयोजन होता है।

मंडलकाल के दौरान सामान्य नियम और व्रतम

  • श्रद्धालु इस अवधि में संतोश और शांति बनाए रखते हैं।
  • व्रत के दौरान मांसाहार, शराब, और अन्य सांसारिक आकर्षणों से दूर रहते हैं।
  • दिनचर्या में नियमित पूजा, मंत्र जाप और स्वच्छता के नियम शामिल होते हैं।
  • भक्तों द्वारा माला पहनना व्रतम का प्रतीक होता है।

मकरविलक्कु और मंडला पूजा
मंडला पूजा के बाद मंदिर कुछ दिनों के लिए बंद हो जाता है और जनवरी में मकरविलक्कु उत्सव के लिए फिर से खुलता है। यह पर्व मकर ज्योति के प्रकट होने का प्रतीक है, जिसे भक्त गहन श्रद्धा से देखते हैं।


FAQs

प्र1. मंडलकाल 2025 कब शुरू होगा और कब समाप्त होगा?
यह 17 नवंबर 2025 से शुरू होकर 27 दिसंबर 2025 को मंडला पूजा के साथ समाप्त होगा।

प्र2. मंडलकाल में भक्त किन नियमों का पालन करते हैं?
वे 41 दिन संयम, ब्रह्मचर्य, शुद्ध आहार और नियमित पूजा का पालन करते हैं।

प्र3. मंडला पूजा का क्या आध्यात्मिक महत्व है?
यह तपस्या का फल है, भक्तों की धार्मिक उपासना का महत्त्वपूर्ण अवसर।

प्र4. मंडलकाल व्रतम कैसे शुरू किया जाता है?
भक्त माला पहनकर व्रतम प्रारंभ करते हैं और “स्वामिये शरणम् अयप्पा” जाप करते हैं।

प्र5. मकरविलक्कु उत्सव कब होता है?
मंडला पूजा के बाद जनवरी माह में आयोजित होता है।

प्र6. क्या मंडलकाल व्रतम महिलाओं के लिए भी है?
हाँ, सभी अयप्पा भक्तों के लिए यह पवित्र व्रतम है।

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