G7 देशों के विदेश मंत्रियों ने यूक्रेन में तत्काल युद्धविराम और सूडान में हिंसा के समाधान के लिए विश्व समुदाय से सहयोग का आह्वान किया है।
G7 विदेश मंत्रियों की बैठक में यूक्रेन युद्धविराम और सूडान संकट पर चर्चा
G7 के सात प्रमुख देशों के विदेश मंत्रियों ने कनाडा में बुधवार को आयोजित बैठक के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने यूक्रेन में तत्काल युद्धविराम की मांग की और सूडान में बढ़ते संकट को लेकर गंभीर चिंता जताई।
बयान में ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका ने यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति अपनी “अडिग समर्थन” को दोहराया।
बैठक में यूक्रेन के विदेश मंत्री [translate:अंद्रिय सिबिहा] शामिल हुए, जिन्होंने रूस के राष्ट्रपति [translate:व्लादिमीर पुतिन] पर युद्ध जारी रखने की लागत को बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पुतिन ने अब तक एक भी रणनीतिक लक्ष्य हासिल नहीं किया है और युद्ध का बोझ उनके लिए असहनीय होना चाहिए।
कनाडा के विदेश मंत्री [translate:अनीता आनंद] ने यूक्रेन पर रूस के साइबर हमलों के खिलाफ नई आर्थिक प्रतिबंधों की घोषणा की, साथ ही रूस के “छाया बेड़े” के तेल परिवहन पर कार्रवाई भी की।
सूडान में सेना और पैरामिलिट्री रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) के बीच हिंसा को दुनिया की सबसे बड़ी मानवीय आपदा बताया गया। G7 ने दोनों पक्षों से तनाव कम करने, स्थायी युद्धविराम का पालन करने और मानवीय सहायता पहुंचाने को सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
अमेरिका के विदेश सचिव [translate:मार्को रुबियो] ने हथियारों की सप्लाई रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई की मांग की ताकि RSF की हिंसा को कम किया जा सके।
G7 ने कैरिबियाई क्षेत्र में अमेरिका के सैन्य संचालन पर भी चिंता जताई और कहा कि ऐसा अंतरराष्ट्रीय कानून की अवहेलना हो सकती है।
FAQs:
- G7 के विदेश मंत्रियों ने यूक्रेन में क्या मांगा?
- सूडान में हिंसा के संबंध में G7 की क्या प्रतिक्रिया रही?
- रूस के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंधों का क्या उद्देश्य है?
- ग7 ने कैरिबियाई क्षेत्र की कौन सी समस्याओं पर चिंता जताई है?
- इस बैठक में भारत और अन्य आमंत्रित देशों की भूमिका क्या रही?
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