महिलाओं में Calcium की कमी के 10 प्रमुख लक्षण – ऐंठन, कमजोर नाखून, थकान आदि को नज़रअंदाज न करें। गायकॉलजिस्ट की सलाह के अनुसार समय रहते पहचान और उपचार जरूरी है।
महिलाओं में Calcium की कमी:अनदेखा न करें ये 10 लक्षण
Calcium न केवल हड्डियों बल्कि संपूर्ण महिला स्वास्थ्य के लिए जरूरी मिनरल है। इसकी कमी से न केवल हड्डियां कमजोर पड़ती हैं, बल्कि हार्मोनल संतुलन, मांसपेशियों की कार्यक्षमता और मानसिक सेहत भी प्रभावित होती है। जानी-मानी गायनेकॉलजिस्ट के अनुसार, महिलाओं को इन 10 लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए:
1. बार-बार ऐंठन (Cramps):
मांसपेशियों की ऐंठन, खासकर पैरों में, कैल्शियम की कमी का पहला संकेत हो सकता है।
2. कमजोर और टूटते नाखून:
अगर नाखून जल्दी-जल्दी टूट रहे हैं या नरम हो रहे हैं तो ये कैल्शियम की कमी की तरफ इशारा करता है।
3. थकान और कमजोरी:
लगातार थका हुआ महसूस करना और कमजोरी रहना शरीर में कैल्शियम की कम सांद्रता का असर हो सकता है।
4. त्वरित दिल की धड़कन:
कई बार कैल्शियम की कमी से हार्टबीट अनियमित और तेज़ हो सकती है।
5. सुन्नता या झनझनाहट:
हाथ-पाँव या चेहरे में सुन्नता, पिन-प्रिक जैसा महसूस होना कैल्शियम की कमी से जुड़ा है।
6. बार-बार हड्डी टूटना या दर्द:
कैल्शियम की कमी से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और फ्रैक्चर या लगातार दर्द का खतरा रहता है।
7. त्वचा, बाल और दांतों की कमजोरी:
कैल्शियम की कमी से बाल झड़ना, त्वचा का रूखापन और दांतों में दर्द या सेंसिटिविटी भी होती है।
8. मूड स्विंग या चिड़चिड़ापन:
कैल्शियम हार्मोन बैलेंस में मदद करता है, इसकी कमी से मूड में बदलाव, चिड़चिड़ापन या डिप्रेशन हो सकता है।
9. नींद की समस्या:
कैल्शियम सेरोटोनिन स्राव को नियमित करता है; इसकी कमी से नींद न आना या बार-बार जागना आम हो सकता है।
10. मासिक धर्म में बदलाव:
कैल्शियम की कमी हार्मोनल डिसबैलेंस पैदा करती है, जिससे पीरियड्स में बदलाव या अनियमितता आ सकती है।
महिलाओं को क्या करना चाहिए?
- संतुलित आहार में दूध, दही, पनीर, सब्जियां, मेवे शामिल करें
- धूप में पर्याप्त समय बिताएं ताकि विटामिन D से कैल्शियम का अवशोषण बढ़ सके
- आवश्यकतानुसार डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट्स लें
- नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं
FAQs
प्र1. Calcium की कमी कैसे जाँची जा सकती है?
रक्त जांच और बायोकेमिकल रिपोर्ट से डॉक्टर सही स्थिति का निराकरण करते हैं।
प्र2. सबसे अच्छा स्त्रोत क्या है कैल्शियम का?
दूध, पनीर, दही, तिल, सोयाबीन, हरी पत्तेदार सब्जियाँ।
प्र3. क्या सिर्फ वृद्ध महिलाओं में ही कमी होती है?
नहीं, किशोरी और युवावस्था में भी हो सकती है, खासतौर पर प्रेग्नेंसी और स्तनपान के समय।
प्र4. कैल्शियम सप्लीमेंट कब जरूरी हैं?
अगर डाइट से पूरा ना हो पा रहा हो या डॉक्टर ने सलाह दी हो।
प्र5. कैल्शियम की कमी से क्या गंभीर समस्या हो सकती है?
ऑस्टियोपोरोसिस, बार-बार फ्रैक्चर और हार्मोनल बीमारियों का खतरा।
प्र6. क्या कैल्शियम और विटामिन D एक साथ लेना जरूरी है?
हाँ, विटामिन D कैल्शियम के अब्जॉर्प्शन के लिए बहुत जरूरी है।
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