Ayurveda के अनुसार पाचन सुधारने के लिए सफेद चावल की जगह साबुत अनाज, डेयरी की जगह पौधे आधारित विकल्प, प्रोसेस्ड तेल की जगह घी, और जंक फूड की जगह फाइबर युक्त दाल- सब्जियाँ अपनाएं।
पाचन सुधारने के लिए 4 Ayurveda द्वारा स्वीकृत खाद्य विकल्प
Ayurveda में पाचन को स्वास्थ्य की नींव माना गया है। यदि आपको भारीपन, ब्लोटिंग या कब्ज की समस्याएं हैं, तो खानपान में कुछ आयुर्वेदिक बदलाव करके आप आसानी से पाचन को सुधार सकते हैं।
1. परिष्कृत अनाज की जगह साबुत अनाज और बाजरा
आयुर्वेद के अनुसार, सफेद चावल और परिष्कृत आटे में फाइबर की कमी होती है जो पाचन को धीमा करता है। साबुत अनाज और बाजरा शरीर की प्राकृतिक लय के साथ बेहतर मेल खाते हैं, पाचन को नियमित और हल्का बनाते हैं।
कैसे अपनाएं: कुछ दिन सफेद चावल की जगह ब्राउन राइस या बाजरे का प्रयोग करें। खिचड़ी, सूप या दलिया में मिलाकर खा सकते हैं।
2. डेयरी की जगह पौधे आधारित विकल्प
आजकल के दुग्ध उत्पादों में हार्मोन और एडिटिव्स होते हैं जो पाचन को प्रभावित कर सकते हैं। बादाम, नारियल या सोया दूध जैसे पौधे आधारित विकल्प हल्के, सुपाच्य और स्वादिष्ट होते हैं।
कैसे अपनाएं: स्मूदी, सुबह के नाश्ते या चाय में दूध के बदले प्लांट मिल्क का इस्तेमाल करें। पनीर की जगह टोफू या टेम्पे का उपयोग करें।
3. प्रोसेस्ड तेलों की बजाय घी और ऑलिव ऑयल
घी आयुर्वेद में पाचन के लिए एक वरदान है, जो आंतों को चिकनाई देता है और पोषक तत्वों के अवशोषण को बेहतर बनाता है। इसके विपरीत, रिफाइंड तेल पाचन अग्नि को कमजोर करते हैं। ऑलिव ऑयल और नट्स भी अच्छे विकल्प हैं।
कैसे अपनाएं: रोजाना के खाने में घी को प्राथमिकता दें, सलाद या सब्ज़ी में ऑलिव ऑयल अपनाएं।
4. प्रोसेस्ड स्नैक्स की जगह फाइबर युक्त दाल और सब्ज़ियाँ
चिप्स, बिस्किट जैसे प्रोसेस्ड फ़ूड पाचन में बाधा डालते हैं। आयुर्वेद में फाइबर युक्त दालें और हरी सब्ज़ियों को प्राथमिकता दी जाती है जो लीवर और आंतों को साफ़ करते हैं।
कैसे अपनाएं: स्नैक्स के स्थान पर मूंग दाल, चना या राजमा और पत्तेदार सब्ज़ियों के साथ हल्का भोजन करें।
FAQs
प्र1. साबुत अनाज और बाजरे से पाचन क्यों बेहतर होता है?
इनमें फाइबर अधिक होता है जो आंतों की सफाई और पाचन को नियमित करता है।
प्र2. पौधे आधारित दूध बेहतर क्यों है?
यह हल्का, पचने में आसान और प्राकृतिक प्रोबायोटिक्स से भरपूर होता है।
प्र3. घी पाचन में कैसे मदद करता है?
यह आंतों में चिकनाई बढ़ाता है और पोषण अवशोषण को सुधारता है।
प्र4. प्रोसेस्ड स्नैक्स से बचना क्यों जरूरी है?
वे पाचन शक्ति को कमजोर करते हैं और ब्लोटिंग व कब्ज का कारण बन सकते हैं।
प्र5. क्या अचानक इन खाद्य स्वैप्स को अपनाना चाहिए?
धीरे-धीरे बदलाव करना बेहतर होता है ताकि शरीर अनुकूल हो सके।
प्र6. कितना समय लग सकता है पाचन में सुधार होने में?
नियमितता के साथ सप्ताहों में फर्क महसूस किया जा सकता है।
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