ISRO अगले तीन वर्षों में अंतरिक्ष यान उत्पादन तीन गुना करेगी और 2028 में अपना सबसे जटिल मिशन चंद्रयान-4 लॉन्च करेगी, अध्यक्ष नरेंद्रन ने बताया।
ISRO अध्यक्ष नरेंद्रन ने बताया, तीन गुना अधिक अंतरिक्ष यान उत्पादन और बड़ी मिशन योजनाएं
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अगले कुछ वर्षों में अपने मिशनों का तेजी से विस्तार करने जा रहा है। संगठन 2028 तक अपने अंतरिक्ष यान उत्पादन को तीन गुना बढ़ाने की योजना बना रहा है, साथ ही अपने सबसे जटिल चंद्र मिशन चंद्रयान-4 का प्रक्षेपण करेगा।
Upcoming Missions and Production Goals
अध्यक्ष वी. नरेंद्रन ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में सात लॉन्च की योजना है, जिनमें कई PSLV और GSLV मिशन शामिल होंगे। साथ ही, भारत का पहला पूर्णतया स्थानीय रूप से निर्मित PSLV लॉन्च किया जाएगा। मुख्य रूप से, 2028 का चंद्रयान-4 मिशन चंद्रमा से नमूना वापस लाने का प्रयास करेगा, जिसे अभी केवल अमेरिका, रूस और चीन ही कर पाएं हैं।
Joint Lunar Exploration Efforts
LUPEX नामक भारत-जापान साझेदारी कार्यक्रम के तहत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पानी के ध्रुवीय क्षेत्र का अध्ययन किया जाएगा। यह मिशन चंद्रमा की जल स्रोत खोज का अहम हिस्सा होगा।
Future Vision
ISRO 2035 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने का लक्ष्य रखता है, जिसमें पहला मॉड्यूल 2028 तक लॉन्च होगा। इसके साथ भारत तीसरा ऐसा देश बनेगा जिसके पास अपना अंतरिक्ष स्टेशन होगा।
Gaganyaan and Space Economy
पहली मानवयुक्त उड़ान गगनयान 2027 में होने की दिशा में है। भारत का स्पेस इकोनॉमी अभी वैश्विक बाजार का लगभग 2% हिस्सा है, जिसे 2030 तक 8% तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
ISRO की यह योजनाएं भारत को विश्व के प्रमुख अंतरिक्ष शक्तियों में स्थापित करने की दिशा में एक निर्णायक कदम हैं, जो विज्ञान, प्रौद्योगिकी और उद्योग के क्षेत्र में नए युग की शुरुआत करेंगी।
FAQs
- चंद्रयान-4 के मुख्य उद्देश्य क्या हैं?
चंद्रमा से नमूना वापस लाना। - ISRO इसका उत्पादन कब तीन गुना करना चाहता है?
आगामी तीन वर्षों में। - गगनयान मिशन कब है?
2027 में। - भारत का अपना अंतरिक्ष स्टेशन कब बनने वाला है?
2035 तक। - भारत का वर्तमान और लक्षित स्पेस इकोनॉमी हिस्सा क्या है?
वर्तमान में 2%, लक्षित 8% तक 2030 में।
Leave a comment