RSS ने कालाबुरगी में रूट मार्च निकाली, जिला प्रशासन की सख्त सुरक्षा के बीच 350 लोग शामिल। प्रियंक खरगे ने अनुमति लेने की जरूरत जताई।
कालाबुरगी में RSS की रूट मार्च, कांग्रेस नेता प्रियंक खरगे भी बोले अनुमति लिए जाने की बात
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने रविवार को कर्नाटक के कालाबुरागी जिले के चित्तापुर विधानसभा क्षेत्र में सख्त सुरक्षा के बीच रूट मार्च निकाला। इस मार्च में लगभग 350 RSS कार्यकर्ता शामिल हुए।
शुरुआती तौर पर जिलाधिकारी ने अनुमति नहीं दी थी, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद अनुमति मिली। कांग्रेस के प्रियंक खारगे, जो इस सीट से विधायक हैं, ने कहा कि उन्होंने कभी रूट मार्च का विरोध नहीं किया, लेकिन मुद्दा यह था कि RSS को अनुमति लेकर ही यह मार्च करना चाहिए था।
मार्च का प्रारंभ बजाज कल्याण मंटप से हुआ, जो लगभग 1.2 किलोमीटर की दूरी तय करके वहीं समाप्त हुआ। मार्ग के दोनों ओर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे जिन्होंने RSS कार्यकर्ताओं का स्वागत फूलों की बारिश से किया।
RSS कर्नाटक उत्तर ज़ोन के प्रमुख कृष्ण जोशी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए बताया कि कठिनाईयों और प्रतिबंधों के बावजूद RSS ने कैसे अपनी वृद्धि जारी रखी। उन्होंने RSS के योगदान और हिंदू समुदाय को एकजुट करने की बात भी की।
मार्च के दौरान पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी, जिसमें ड्रोन और सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे।
प्रियंक खारगे ने आरोप लगाया कि कल्याण कर्नाटक क्षेत्र विकास बोर्ड के फंड को RSS द्वारा हेरफेर किया गया, और जल्द ही इस बारे में सबूत प्रस्तुत किए जाएंगे। उन्होंने बिहार चुनाव में NDA की जीत पर भी सवाल उठाए।
यह रूट मार्च राजनीतिक और सामाजिक तनाव के बीच हुआ, जिसमें सुरक्षा और अनुमति का विशेष महत्व था। दोनों पक्षों के बयानों ने राजनेतिक माहौल को गर्माया है।
FAQs
- रूट मार्च कब और कहाँ हुआ?
रविवार को कर्नाटक के कालाबुरागी जिले के चित्तापुर में। - कितने RSS कार्यकर्ता शामिल हुए?
लगभग 350। - अनुमति कब मिली?
जिला प्रशासन ने कोर्ट के आदेश के बाद दी। - प्रियंक खारगे ने क्या कहा?
उन्होंने अनुमति लेकर मार्च निकालने की बात कही और फंड हेरफेर के आरोप लगाए। - पुलिस ने सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की?
सीसीटीवी, ड्रोन और कड़ी पुलिस मौजूदगी के साथ।
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