चीन ने जापान के ताइवान पर बयानों को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और आर्थिक प्रतिबंधों की धमकी दी है, जिससे द्विपक्षीय संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं।
चीन-जापान विवाद में बढ़त, चीन ने आर्थिक जवाबी कदमों की तैयारी बताई
चीन ने जापान के प्रधानमंत्री सना ताकाीची के ताइवान पर बयानों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया तेज करते हुए आर्थिक प्रतिशोध की चेतावनी दी है। चीन के राज्य संचालित मीडिया ने संभावित दंडात्मक कदमों जैसे व्यापार प्रतिबंध, कूटनीतिक संबंधों में कटौती और सैन्य दबाव का संकेत दिया है।
चीन के सोशल मीडिया पर राज्य से जुड़े एक खाते ने कहा कि चीन ने “मुकाबला करने के लिए पूरी तैयारी कर ली है”। चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी डेली ने भी चेतावनी दी कि अगर जापान ताइवान जलडमरूमध्य में सैन्य रूप से दखल देता है तो पूरा देश युद्ध क्षेत्र बन सकता है।
ताइवान विवाद के कारण चीन ने जापान के लिए यात्रा चेतावनी जारी की है, जिससे चीनी पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आई है और जापान के पर्यटन तथा खुदरा क्षेत्र पर इसका नकारात्मक असर पड़ा है। विश्लेषकों ने अनुमान लगाया है कि चीन के प्रतिबंध जापान की जीडीपी पर लगभग 0.36 प्रतिशत का प्रभाव डाल सकते हैं।
हालांकि, जापान एक वरिष्ठ राजनयिक को चीन भेज रहा है ताकि तनाव कम किया जा सके। आगामी G-20 सम्मेलन में जापान की प्रधानमंत्री और चीनी प्रधानमंत्री के बीच संभावित मुलाकात से रिश्तों में सुधार की उम्मीद है।
चीन और जापान के बीच संबंधों में यह तनाव तब आया है जब यूरोप ने ताइवान के उपाध्यक्ष का स्वागत किया, जिससे चीन असंतुष्ट है। इस विवाद के पीछे क्षेत्रीय प्रभाव और आर्थिक हित भी हैं, क्योंकि दोनों देश व्यापारिक साझेदार हैं।
चीन के आर्थिक दंड की धमकी से जापान के लिए कई क्षेत्रों में चुनौतियां बढ़ेंगी। यह दोनों देशों के बीच गतिशीलता और रणनीतिक प्रतिस्पर्धा को और तीव्र कर सकता है।
FAQs
- विवाद किस बात को लेकर है?
जापान के ताइवान पर दिए बयान और चीन की प्रतिक्रिया। - चीन ने क्या धमकी दी है?
आर्थिक प्रतिबंध, व्यापार और कूटनीतिक संबंधों में कटौती। - जापान पर इसका क्या असर होगा?
पर्यटन, खुदरा और जीडीपी पर नकारात्मक प्रभाव। - विवाद को कम करने के लिए क्या हो रहा है?
जापान ने चीन को वरिष्ठ राजनयिक भेजा है। - आगे क्या हो सकता है?
G-20 सम्मेलन में बातचीत से समाधान की उम्मीद।
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