भारत ने जनवरी 2026 तक अनसटडड प्लैटिनम ज्वेलरी के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है, इससे आयात नियम कड़े हो गए हैं।
भारत ने प्लैटिनम ज्वेलरी के आयात पर लगाई रोक, 30 अप्रैल 2026 तक प्रभावी
(India Restricts Imports of Certain Platinum Jewelry Until April 30, 2026)
भारत सरकार ने 17 नवंबर को एक नोटिफिकेशन जारी करते हुए स्पेशल डिरेक्टरेट ऑफ फॉरेन ट्रेड (DGFT) के आदेश पर प्लैटिनम ज्वेलरी के कुछ विशेष वर्ग के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह आदेश अगले साल 30 अप्रैल तक प्रभावी रहेगा। यह कदम उस समय उठाया गया जब कुछ व्यापारियों ने इंडोनेशिया से बिना शुल्क के आयात करके स्वर्ण के रूप में बदलाव कर रहे थे, जिससे सरकार को नुकसान हो रहा था।
आयात की नई नीति
इस कदम के अनुसार, अब से इन विशेष प्लैटिनम ज्वेलरी का आयात क्रय से पहले अनुमति (प्राथमिक मंजूरी) प्राप्त कर ही किया जा सकेगा। इससे आयात नीति का उल्लंघन रोकने और फरेब हेराफेरी को रोका जा सकेगा।
पारित आदेश का मकसद
यह कदम चालू वित्तीय वर्ष में, भारत के सोने और चांदी के आयात में भारी वृद्धि के जवाब में उठाया गया है। अक्टूबर 2025 में भारत ने सोने का आयात पहले की तुलना में 199.2 प्रतिशत बढ़कर 14.7 अरब डॉलर कर दिया है, जबकि चांदी के आयात छह गुना बढ़कर 2.72 अरब डॉलर हो गए हैं।
पहले के कदम
सितंबर में भी सरकार ने कुछ सिल्वर ज्वेलरी के आयात पर प्रतिबंध लगाया था, ताकि फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के तहत थाईलैंड से अनसटडड ज्वेलरी की बढ़ती आयात को रोका जा सके।
यह कदम भारत के स्वर्ण और रत्न व्यवसाय को मजबूत बनाने और आयात नीति को नियंत्रित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार की यह कार्रवाई मुख्यतः अवैध व्यापार और विदेशी फरेब को रोकने पर केंद्रित है।
FAQs:
- भारत ने कब से प्लैटिनम ज्वेलरी का आयात प्रतिबंधित किया है?
उत्तर: 17 नवंबर, 2025 से 30 अप्रैल, 2026 तक। - आयात प्रतिबंध का मकसद क्या है?
उत्तर: विदेशी फरेब और अवैध आयात को नियंत्रित करना, सरकार को राजस्व में वृद्धि सुनिश्चित करना। - क्या पहले से ही सोने और चांदी का आयात कम हुआ है?
उत्तर: भारत में अक्टूबर 2025 में सोने और चांदी का आयात बहुत तेजी से बढ़ा है। - इसके बाद व्यापारियों को क्या करना पड़ेगा?
उत्तर: आयात से पहले अनुमति प्राप्त करनी पड़ेगी, जो DGFT से मिल सकेगी। - क्या यह कदम भारतीय रत्न और आभूषण के व्यापार में सुधार करेगा?
उत्तर: हाँ, इससे अवैध और फर्जी आयात पर रोक लगेगी और पारदर्शिता बढ़ेगी।
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