गृहमंत्री अमित शाह ने SIR प्रक्रिया को देश और लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए जरूरी बताते हुए सभी नागरिकों से समर्थन की अपील की और बताया कि हर घुसपैठिए को मतदाता सूची से हटाया जाएगा।
अमित शाह का विपक्ष पर हमला, SIR के विरोध को लेकर चेतावनी
अमित शाह का बड़ा बयान: SIR प्रक्रिया से हर घुसपैठिए को मतदाता सूची से हटाया जाएगा
गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को गुजरात के भुज के हरिपुर में BSF के 61वें स्थापना दिवस समारोह में उपस्थित नागरिकों से देशभर में जारी वोटर लिस्ट की स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया को पूरा समर्थन देने की अपील की।
SIR प्रक्रिया का महत्व
शाह ने कहा, “हम इस देश में से एक-एक घुसपैठिए को चुन-चुन कर बाहर निकालेंगे, यही हमारा प्रण है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि SIR प्रक्रिया देश और लोकतंत्र की रक्षा के लिए जरूरी है और इसी से हर अवैध घुसपैठिए को मतदाता सूची से बाहर किया जाएगा।
राजनैतिक आरोप-प्रत्यारोप
अमित शाह ने विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए कहा कि कुछ पार्टियाँ SIR और वोटर सूची शुद्धिकरण अभियान को कमज़ोर करने की कोशिश कर रही हैं, जबकि बिहार चुनावों ने NDA को पहले ही जनादेश दे दिया है। उन्होंने चेताया कि जो पार्टियां घुसपैठियों को बचाने की कोशिश कर रही हैं, जनता ने उनकी नीति को पहले ही नकार दिया है।
BSF और सीमा सुरक्षा
शाह ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान BSF और सेना की बहादुरी की तारीफ करते हुए कहा कि उन्हीं के कारण पाकिस्तान को एकतरफा सीज़फायर घोषित करना पड़ा और दुनिया को भारत की सीमा सुरक्षा का एहसास हो गया। BSF की स्थापना 1965 में भारत-पाक युद्ध के बाद की गई थी, और वर्तमान में इसमें 2.7 लाख से अधिक जवान हैं।
FAQs:
- SIR प्रक्रिया क्या है?
उत्तर: Special Intensive Revision (SIR) मतदाता सूची की शुद्धता और अवैध घुसपैठियों की पहचान के लिए एक विशेष अभियान है। - अमित शाह ने SIR का समर्थन क्यों मांगा है?
उत्तर: ताकि लोकतंत्र और देश की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। - BSF की भूमिका क्या है?
उत्तर: सीमा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, BSF देश की सबसे बड़ी सीमा सुरक्षा बल है। - अमित शाह ने किन राजनीतिक दलों को चेतावनी दी?
उत्तर: उन्होंने नाम तो नहीं लिया, पर विपक्षी दलों पर SIR का विरोध कर घुसपैठियों को बचाने का आरोप लगाया। - BSF की स्थापना कब हुई थी?
उत्तर: 1965, भारत-पाक युद्ध के बाद।
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