Lung Cancer के शुरुआती लक्षणों के प्रति जागरूक रहें, क्योंकि भारत में आधे से अधिक मरीज गैर-धूम्रपानकर्ता हैं, डॉक्टरों की चेतावनी।
Lung Cancer के लक्षण: गैर-धूम्रपानियों के लिए भी ज़रूरी चेतावनी
परंपरागत रूप से फेफड़े के कैंसर को धूम्रपान से जुड़ा माना जाता रहा है, लेकिन भारत में हाल के वर्षों में यह स्थिति बदल गई है। पने आरोग्य विशेषज्ञों ने चेताया है कि गैर-धूम्रपान करने वाले लोगों में भी फेफड़ों के कैंसर के मामलों में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है।
भारत में Lung Cancer की नई तस्वीर
डॉ. मनीष जैन, डायरेक्टर, मेडिकल ऑन्कोलॉजी, रुबी हॉल क्लिनिक, पुणे के अनुसार भारत में लगभग आधे फेफड़े के कैंसर के मरीज गैर-धूम्रपानकर्ता हैं। इसका मुख्य कारण लगातार बढ़ता प्रदूषण—घरेलू और बाहरी—is है, जो फेफड़ों को काफी नुकसान पहुंचाता है।
फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती लक्षण
- खांसी जो लंबे समय तक ठीक न हो
- सांस लेने में दिक्कत या सांस फूलना
- सीने में दर्द या असहजता
- आवाज़ का बहना या हाँफना
- बार-बार सर्दी-जुकाम या श्वसन संक्रमण होना
पर्यावरण और पेशेवर जोखिम
गृहिणी जो गैस या लकड़ी के ईंधन से खाना बनाती हैं, या वे लोग जो भारी प्रदूषण वाले क्षेत्रों में रहते हैं या काम करते हैं, उनके लिए जोखिम अधिक होता है। इसके साथ ही, धूल, रासायनिक तत्त्व, और औद्योगिक गैसें भी फेफड़ों को प्रभावित करती हैं।
आधुनिक चिकित्सा और इलाज की प्रगति
फेफड़े के कैंसर का इलाज अब अधिक प्रभावी और व्यक्तिगत बन रहा है। मरीजों का ट्यूमर जैविक प्रोफाइल देख कर टार्गेटेड थेरेपी का चयन किया जाता है, जिससे ज्यादा बेहतर परिणाम मिलते हैं। आज ऐसे मरीज भी 5 साल से अधिक जीवित रह रहे हैं जिन्हें पहले इलाज मुश्किल था।
(FAQs)
प्रश्न 1: क्या फेफड़ों का कैंसर केवल धूम्रपान करने वालों को होता है?
उत्तर: नहीं, भारत में आधे से अधिक मामले गैर-धूम्रपानियों के भी हैं।
प्रश्न 2: फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती लक्षण क्या हैं?
उत्तर: खांसी, सांस लेने में दिक्कत, सीने में दर्द, आवाज़ का बदलना आदि।
प्रश्न 3: प्रदूषण फेफड़ों को कैसे प्रभावित करता है?
उत्तर: प्रदूषण फेफड़ों की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाकर कैंसर का खतरा बढ़ाता है।
प्रश्न 4: क्या फेफड़े के कैंसर का इलाज संभव है?
उत्तर: हाँ, आधुनिक उपचार से मरीजों की जीवित रहने की संभावना बढ़ी है।
प्रश्न 5: फेफड़ों की बीमारी से बचाव के लिए क्या करें?
उत्तर: प्रदूषण से बचाव, धूम्रपान न करना, और नियमित स्वास्थ्य जांच जरूरी है।
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