दिल्ली हाईकोर्ट ने यमुना नदी की सफाई में देरी पर नाराजगी जताई है और परियोजनाओं को तेजी से लागू करने के लिए तीन सदस्यीय पैनल गठित किया है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकारी एजेंसियों की जमकर फटकार लगाई, यमुना प्रदूषण नियंत्रण के लिए पैनल का गठन
दिल्ली हाईकोर्ट ने यमुना नदी की सफाई में हुई देरी पर जताई कड़ी नाराजगी, तेजी से काम के लिए समिति गठित
दिल्ली हाईकोर्ट ने शनिवार को यमुना नदी के प्रदूषण नियंत्रण से जुड़े जल उपचार और औद्योगिक पुनर्विकास परियोजनाओं में देरी को ‘शॉकिंग स्थिति’ बताते हुए सरकारी एजेंसियों की कड़ी आलोचना की। इसके बाद कोर्ट ने त्वरित निर्णय और क्रियान्वयन के लिए एक तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है।
समिति का गठन एवं जिम्मेदारियां
नयी समिति में दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम (DSIIDC), दिल्ली नगर निगम (MCD) और दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के प्रतिनिधि शामिल हैं। यह समिति औद्योगिक क्षेत्र पुनर्विकास की योजनाओं की समीक्षा करेगी और यमुना में मिश्रित जल का बेहतर उपचार सुनिश्चित करेगी।
गंभीर देरी और धनराशि का अटके रहना
कोर्ट ने पाया कि 2023 में लिए गए कैबिनेट निर्णय के बावजूद DSIIDC की रिपोर्टों में दो साल की देरी हुई है। 2.5 करोड़ रुपये जो इस परियोजना के लिए आवंटित थे, प्रशासनिक प्रक्रिया में फंसे हुए हैं।
कोर्ट के निर्देश
हाईकोर्ट ने DSIIDC को निर्देश दिया है कि यह राशि MCD को दो सप्ताह के भीतर जारी की जाए। न्यायाधीश प्रथिबा एम. सिंह ने टिप्पणी की कि जनता भारी प्रदूषण के कारण भारी बीमारियों से जूझ रही है, जबकि परियोजना का खर्चे का बजट बेहद कम है।
अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे
कोर्ट ने सीवेज के प्रबंधन में गंभीर कमजोरियों का भी उल्लेख किया, जहां शुद्ध जल को पुनः सड़क किनारे नालियों में छोड़ दिया जाता है, जिससे सफाई का प्रयास निष्फल हो जाता है।
FAQs:
- दिल्ली हाईकोर्ट ने यमुना साफ-सफाई में देरी पर क्या कहा?
उत्तर: उन्होंने इसे ‘शॉकिंग स्थिति’ बताया और त्वरित कार्रवाई के लिए समिति गठित की। - समिति में कौन-कौन शामिल हैं?
उत्तर: DSIIDC, MCD और DDA के प्रतिनिधि। - परियोजना की राशि का क्या हाल है?
उत्तर: ₹2.5 करोड़ दो वर्षों से फंसी हुई थी, अब जारी करने का आदेश। - कोर्ट ने किस बात पर विशेष जोर दिया?
उत्तर: जल उपचार में देरी, उद्योग क्षेत्र पुनर्विकास, और शुद्ध जल के सही पुनः उपयोग। - इसके बाद क्या कदम उठाए जाएंगे?
उत्तर: समिति द्वारा योजनाओं की समीक्षा और त्वरित क्रियान्वयन।
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