न्यायमूर्ति सूर्य कांत ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।
न्यायमूर्ति सूर्य कांत की नियुक्ति: भारतीय न्यायपालिका में नया अध्याय
न्यायमूर्ति सूर्य कांत ने सोमवार को भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उन्हें शपथ दिलाई, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह समारोह में उपस्थित थे।
न्यायमूर्ति सूर्य कांत ने न्यायमूर्ति BR गवई की जगह ली, जिन्होंने 23 नवंबर को पद से मुक्त हो गए थे। सूर्य कांत की नियुक्ति 30 अक्टूबर को की गई थी और वे लगभग 15 महीने तक इस पद पर रहेंगे। वे 9 फरवरी 2027 को 65 वर्ष की आयु प्राप्त करते ही अवकाश ग्रहण करेंगे।
हरियाणा के हिसार जिले में जन्मे न्यायमूर्ति सूर्य कांत एक मध्यवर्गीय परिवार से आते हैं। उन्होंने 2011 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से कानून में मास्टर्स की परीक्षा में प्रथम श्रेणी प्रथम अंक प्राप्त किए थे। एक छोटे शहर के वकील से शुरुआत कर वे देश के सर्वोच्च न्यायिक पद तक पहुंचे हैं।
न्यायमूर्ति कांत का न्यायिक करियर अनेक महत्वपूर्ण फैसलों से जुड़ा है। वे अनुच्छेद 370 के निरसन, जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति को हटाने, बिहार के मतदाता सूची संशोधन और Pegasus स्पाइवेयर मामले में कई महत्वपूर्ण निर्णयों में शामिल रहे हैं।
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति कांत ने कई उल्लेखनीय फैसले दिए। वे 5 अक्टूबर 2018 को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त हुए थे।
उनके सर्वोच्च न्यायालय के कार्यकाल को अनुच्छेद 370, स्वतंत्रता और नागरिकता अधिकारों से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णयों के लिए जाना जाता है। वे हाल ही में राज्यपाल और राष्ट्रपति की शक्तियों पर राष्ट्रपति संदर्भ में शामिल थे।
न्यायमूर्ति कांत को औपनिवेशिक-काल के राजद्रोह कानून को स्थगित करने के लिए भी जाना जाता है, जिसमें उन्होंने निर्देश दिया कि सरकार के समीक्षा तक कोई नई FIR दर्ज न हो।
चुनाव आयोग को बिहार की मतदाता सूची से 65 लाख मतदाताओं के बहिष्कार के विवरण का खुलासा करने के लिए प्रेरित करने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही।
न्यायमूर्ति कांत के न्यायिक योगदान में बार एसोसिएशनों में महिलाओं के लिए एक-तिहाई सीटें आरक्षित करने की दिशा भी शामिल है। वे PM मोदी के पंजाब दौरे के दौरान सुरक्षा उल्लंघन की जांच के लिए पूर्व न्यायाधीश इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता में एक समिति नियुक्त करने में भी शामिल थे।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
- सूर्य कांत कौन हैं?
भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश। - वे कब तक इस पद पर रहेंगे?
9 फरवरी 2027 तक, लगभग 15 महीने। - उनके प्रमुख फैसले कौन से हैं?
अनुच्छेद 370, मतदाता सूची, Pegasus मामले और महिलाओं के अधिकारों पर। - उनकी शैक्षणिक योग्यता क्या है?
कानून में मास्टर्स, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी। - वे किस जिले में जन्मे थे?
हरियाणा के हिसार जिले में।
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