पूर्वोत्तर भारत में 13 नई झाड़ी Bush Frog प्रजातियों की खोज, जो क्षेत्र की जैव विविधता को समृद्ध करती हैं। DNA और फील्ड सर्वे ने पुष्टि की।
पूर्वोत्तर भारत में 13 नई झाड़ी Bush Frog प्रजातियां मिलीं: शोध एवं खोज
पूर्वोत्तर भारत में वैज्ञानिकों ने 13 नई झाड़ी मेंढक प्रजातियों की खोज की है, जो जैव विविधता के लिहाज से इस क्षेत्र की समृद्धि को दर्शाती हैं। ये मेंढक Raorchestes जीनस से संबंधित हैं और आकार में बहुत छोटे हैं, जिनकी लंबाई मात्र 13 से 28 मिलीमीटर होती है। ये ज्यादातर पेड़ों पर या आंशिक रूप से पेड़ों पर रहते हैं, जहां वे अपनी अनोखी कॉल और शरीर की बनावट से एक-दूसरे से अलग पहचाने जाते हैं।
यह खोज Wildlife Institute of India (WII), देहरादून के वैज्ञानिकों द्वारा की गई है, जिन्होंने पूर्वोत्तर के आठ राज्यों के 81 स्थलों पर फील्ड सर्वे तथा कैमरा सर्वे का सहारा लिया। DNA मेटाबारकोडिंग तकनीक ने पुष्टि की कि ये प्रजातियां वैज्ञानिक दृष्टि से नई हैं। इसके अलावा म्यूजियम में रखे पुरानी प्रजाति नमूनों की पुनःजांच के बाद चार पुरानी प्रजातियों को मर्ज कर के नामकरण संशोधित किया गया है।
यह झाड़ी मेंढक अलग-अलग माइक्रोहैबिटैट में पाए जाते हैं और स्थानीय जंगलों की विभिन्न परतों में अपना आवास बनाते हैं। उनकी उपस्थिति एक स्वस्थ वन पारिस्थितिकी तंत्र का संकेत मानी जाती है, जो संरक्षण प्रयासों के लिए महत्वपूर्ण है।
इनमें से छह प्रजातियां अरुणाचल प्रदेश में मिलीं, जबकि मेघालय के पहाड़ी जंगलों में तीन प्रजातियां नवांकित हुई हैं। अन्य प्रजातियां असम, मिजोरम, नागालैंड और मणिपुर में पाई गई हैं। संरक्षण क्षेत्र जैसे नामदाफा और बरैल जंगलों ने इन प्रजातियों को सुरक्षित रहने में मदद दी है।
भविष्य में शोधकर्ता इन प्रजातियों के वितरण का मानचित्रण करेंगे और दीर्घकालिक निगरानी के लिए जनसंख्या प्रवृत्तियों का अध्ययन करेंगे। वे वन्यजीव पारिस्थितिकी में इन मेंढकों की भूमिका पर भी शोध करेंगे तथा उनके विकास संबंधी आनुवंशिक विश्लेषण भी करेंगे। यह अध्ययन जलवायु परिवर्तन और आवासीय खतरों के तहत संरक्षण उपायों के लिए मार्गदर्शिका तैयार करेगा।
FAQs
- झाड़ी मेंढक कौन हैं?
- छोटे आकार के पेड़ों पर रहने वाले मेंढकों की प्रजाति।
- नई मेंढक प्रजातियां कहाँ पाई गईं?
- पूर्वोत्तर के आठ राज्यों जैसे अरुणाचल, मेघालय, असम आदि में।
- DNA मेटाबारकोडिंग तकनीक क्या है?
- यह तकनीक जीन विश्लेषण द्वारा प्रजाति की पहचान करती है।
- झाड़ी मेंढक क्यों महत्वपूर्ण हैं?
- ये वन्यजीव पारिस्थितिकी और जैव विविधता का सूचक हैं।
- संरक्षण के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे?
- लंबी निगरानी, आवास संरक्षण और जलवायु अनुकूलन योजनाएं।
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