असम ने बहुविवाह को अपराध घोषित करने वाला बिल पेश किया है, जो मुसलमानों पर क्या प्रभाव डालेगा इसके लिए विषलेषण आवश्यक है।
असम सरकार का बहुविवाह विरोधी बिल: मुसलमानों के अधिकार और जिम्मेदारियां
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने विधानसभा में एक नया बिल पेश किया है, जिसका उद्देश्य राज्य में बहुविवाह पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना है। इस बिल के तहत किसी व्यक्ति द्वारा पहली शादी के दौरान दूसरी शादी करना या छुपाना अपराध मानेगा और इसके लिए जेल और भारी जुर्माना हो सकता है।
बिल के प्रावधानों में यह शामिल है कि पोलिगैमी को एक “संवेदनशील अपराध” माना जाएगा, जिसके आरोपियों को तत्काल जमानत नहीं मिलेगी। यदि कोई व्यक्ति पहली शादी के बारे में छुपाते हुए दूसरी शादी करता है, तो उसे 10 साल तक की कैद हो सकती है।
यह कानून असम के उन क्षेत्रों को छोड़कर जहां छठे अनुसूची के अंतर्गत विशेष प्रावधान हैं, सभी जगह लागू होगा। इसके तहत पोलिगैमी करने वाले व्यक्ति का राज्य में सरकारी नौकरियों और योजनाओं में हिस्सा लेना भी प्रतिबंधित होगा।
बिल में महिलाओं के लिए भी मुआवजे का प्रावधान है। जिसमें उन महिलाओं को आर्थिक सहायता दी जाएगी जो बहुविवाह की शिकार हैं। इसके लिए राज्य सरकार एक विशेष प्राधिकरण बनाएगी।
हिंदू विवाह अधिनियम 1955 में पहले से ही हिंदुओं के लिए बहुविवाह अवैध है, लेकिन भारत में मुस्लिम समुदाय को यह सुविधा व्यक्तिगत कानून के तहत दी जाती है। इस बिल से व्यक्तिगत कानून में छूट को प्रभावी तौर पर समाप्त करके सभी के लिए समान विवाह नियम लागू होंगे।
हालांकि, इस बिल को लेकर कुछ धार्मिक और राजनीतिक समूहों द्वारा विरोध भी किया जा रहा है, जो इसे व्यक्तिगत मामलों में दखल मानते हैं। विपक्षी दलों ने इसे राजनीतिक चाल बताया है।
यह बिल लागू होने के बाद नियम बनाने और प्रशासनिक तंत्र स्थापित करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
- असम के नए बिल का उद्देश्य क्या है?
राज्य में बहुविवाह को अपराध घोषित करना। - बिल मुस्लिम समुदाय को कैसे प्रभावित करेगा?
व्यक्तिगत कानून में छूट समाप्त होगी और सभी के लिए समान कानून लागू होगा। - महिलाओं के लिए कौन से प्रावधान हैं?
बहुविवाह की शिकार महिलाओं के लिए आर्थिक मुआवजा। - बिल के उल्लंघन पर क्या सजा है?
7 से 10 साल तक जेल और भारी जुर्माना। - क्या यह बिल पूरे असम में लागू होगा?
छठे अनुसूची वाले क्षेत्रों को छोड़कर राज्य भर में लागू होगा।
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