प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस पर संविधान निर्माताओं को श्रद्धांजलि दी और विकसित भारत के निर्माण में उनकी दूरदर्शिता को सराहा।
संविधान दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान के मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों पर जोर दिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को संविधान दिवस के अवसर पर भारतीय संविधान के निर्माताओं को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि संविधान मानवीय गरिमा, समानता और स्वतंत्रता को सर्वोपरि महत्व देता है।
हर वर्ष भारतीय संविधान के अंगीकरण की स्मृति में 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने अपने X (पूर्व ट्विटर) पोस्ट में लिखा, “संविधान दिवस पर हम अपने संविधान निर्माताओं को नमन करते हैं। उनकी दूरदृष्टि और भविष्यदर्शिता हमें विकसित भारत के निर्माण के लिए प्रेरित करती रहती है।”
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि संविधान न केवल नागरिकों को अधिकार प्रदान करता है, बल्कि उनके कर्तव्यों की भी याद दिलाता है। “ये कर्तव्य मजबूत लोकतंत्र की नींव हैं। आइए हम अपने क्रियाकलापों के माध्यम से संविधानिक मूल्यों को और मजबूत करें।”
भारत अपनी 76वीं संविधान दिवस के जश्न के हिस्से के रूप में संविधान सदन के केंद्रीय हॉल में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति सी पी राधाकृष्णन और संसद के सदस्य उपस्थित होंगे।
कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति द्वारा संविधान के प्रस्तावना का पाठ भी किया जाएगा। साथ ही संविधान के नौ भाषाओं में अनुवाद जारी करने और ‘भारत के संविधान में कला और शिल्प’ नामक स्मारक पुस्तिका का शुभारंभ किया जाएगा।
संविधान दिवस 2015 से भारत में 26 नवंबर को मनाया जा रहा है। यह दिन 1949 में संविधान के अंगीकरण की याद दिलाता है और यह राष्ट्रीय एकता और लोकतंत्र की प्रतीक है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
- संविधान दिवस कब मनाया जाता है?
हर वर्ष 26 नवंबर को। - पीएम मोदी ने संविधान दिवस पर क्या कहा?
संविधान निर्माता को श्रद्धांजलि और विकसित भारत के निर्माण के लिए प्रेरणा बताया। - इस वर्ष संविधान दिवस समारोह कहाँ होगा?
संविधान सदन के केंद्रीय हॉल में। - संविधान दिवस कार्यक्रम में कौन-कौन होंगे?
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और संसद सदस्य। - संविधान दिवस का महत्व क्या है?
राष्ट्रीय एकता, लोकतंत्र और अधिकारों की याद दिलाना।
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