Shilpa Shetty ने Bombay High Court में याचिका दायर कर पर्सनैलिटी राइट्स की सुरक्षा मांगी – बिना अनुमति फोटो/वीडियो व पहचान के गलत उपयोग पर सख्त कानून की मांग।
डिजिटल युग में पहचान की सुरक्षा:Shilpa Shetty ने क्यों दायर की Bombay High Court में याचिका
डिजिटल तकनीक, सोशल मीडिया और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस दौर में किसी की पहचान का गलत इस्तेमाल अब पहले से कहीं आसान हो गया है। एक सेलिब्रिटी की फोटो को एडिट करना, एक वीडियो को मॉर्फ करना, किसी की आवाज़ की नकल कर विज्ञापन बना देना, या किसी लोकप्रिय चेहरे का नाम इस्तेमाल कर देकर लाखों की बिक्री करना—यह सब आज चंद सेकंड में किया जा सकता है।
इसी पृष्ठभूमि में अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी ने बॉम्बे हाई कोर्ट में एक महत्वपूर्ण याचिका दायर की है। उन्होंने कोर्ट से मांग की है कि उनकी अनुमति के बिना उनके नाम, छवि, तस्वीर, वीडियो, आवाज़ या किसी भी प्रकार की पर्सनैलिटी विशेषता का उपयोग कंपनियाँ, ब्रांड्स, वेबसाइटें या सोशल मीडिया अकाउंट्स न कर सकें।
यह मामला सिर्फ एक अभिनेत्री की व्यक्तिगत शिकायत नहीं, बल्कि आधुनिक डिजिटल युग में “पर्सनैलिटी राइट्स” कितने महत्वपूर्ण हो चुके हैं, इसका बड़ा उदाहरण है।
पर्सनैलिटी राइट्स क्या होते हैं? सरल भाषा में समझें
पर्सनैलिटी राइट्स वो अधिकार हैं जिनके तहत कोई भी व्यक्ति—विशेषकर सेलिब्रिटी—अपनी पब्लिक पहचान की सुरक्षा कर सकता है। इनमें शामिल हैं:
• नाम
• तस्वीरें
• वीडियो
• आवाज़
• चेहरा (likeness)
• स्टाइल, हावभाव
• सिग्नेचर
• पब्लिक इमेज
किसी भी कंपनी या व्यक्ति को इनका व्यावसायिक उपयोग करने से पहले अनुमति लेनी पड़ती है। बिना अनुमति किसी की पहचान का उपयोग करना पब्लिसिटी राइट्स और व्यक्तिगत अधिकारों का उल्लंघन माना जाता है।
शिल्पा शेट्टी की शिकायत क्या है?
पिछले कुछ महीनों में कई प्लेटफॉर्म ने:
• उनकी तस्वीरें बिना अनुमति इस्तेमाल कीं
• मॉर्फ्ड या एडिटेड वीडियो बनाए
• AI-generated fake content तैयार किया
• उनके नाम से नकली एंडोर्समेंट दिखाए
• कई वेबसाइटों ने उनकी तस्वीरें दवाइयों, स्किन-क्रीम, गेमिंग ऐप, हेल्थ प्रोडक्ट्स और अन्य सेवाओं में दिखाईं
• उनके साथ जुड़े होने का झूठा दावा करके उत्पाद बेचे
इन सभी गतिविधियों से न सिर्फ उनकी निजी प्रतिष्ठा पर असर पड़ा, बल्कि ब्रांड कॉन्ट्रैक्ट, करियर और उनकी विश्वसनीयता भी प्रभावित हुई।
AI और Deepfake का खतरा—याचिका का बड़ा कारण
आज deepfake तकनीक इतनी उन्नत हो चुकी है कि किसी भी व्यक्ति का चेहरा, आवाज़ और हावभाव कॉपी करके सेकंडों में वीडियो बनाया जा सकता है।
इससे होने वाले नुकसान:
• गलत बयानबाजी
• फेक विज्ञापन
• अशोभनीय कंटेंट में चेहरा जोड़ देना
• नकली एंडोर्समेंट
• वित्तीय धोखाधड़ी
• सामाजिक और मानसिक नुकसान
कई सेलेब्स विश्व स्तर पर deepfake से परेशान हैं, और भारत में यह बड़ा होता खतरा है।
शिल्पा शेट्टी ने अपनी याचिका में इस बात को विशेष चिंता के रूप में उठाया है।
कानून क्या कहता है? क्या भारत में पर्सनैलिटी राइट्स सुरक्षित हैं?
भारत में “पर्सनैलिटी राइट्स” पर अभी कोई एक व्यापक कानून नहीं है, लेकिन कुछ कानूनी आधार मौजूद हैं:
• बौद्धिक संपदा (IP) अधिकार
• निजता का अधिकार
• मानहानि कानून
• कॉन्ट्रैक्ट और पब्लिसिटी अधिकार
• ट्रेडमार्क के तहत नाम की सुरक्षा
• डिजिटल प्लेटफॉर्म पर दुरुपयोग के खिलाफ IT नियम
सेलेब्रिटीज़ अक्सर अदालतों में “passing off” और “unfair trade practice” जैसे प्रावधानों का सहारा लेते हैं।
लेकिन डिजिटल युग में यह सुरक्षा पर्याप्त नहीं है—इसलिए कई सेलेब्स अब अदालत का रुख कर रहे हैं।
याचिका से क्या माँगा गया है?
शिल्पा शेट्टी ने बॉम्बे हाई कोर्ट से मांग की है:
- उनकी तस्वीर, नाम, वीडियो, आवाज़, पहचान—किसी भी प्रकार का उपयोग बिना उनकी अनुमति कोई न कर सके।
- फर्जी विज्ञापन, वेबसाइट, पेज या ऐप्स जो उनका नाम इस्तेमाल करते हैं—उन्हें तुरंत प्रतिबंधित किया जाए।
- किसी भी ब्रांड को उनके नाम से फर्जी एंडोर्समेंट दिखाने से रोका जाए।
- डिजिटल प्लेटफार्मों को ऐसे कंटेंट हटाने का आदेश दिया जाए।
- deepfake या AI-generated कंटेंट पर सख्त कार्रवाई हो।
समाज और उद्योग पर इसका असर
यह मामला सिर्फ शिल्पा शेट्टी तक सीमित नहीं। इसका प्रभाव:
• सेलेब्स की पहचान की सुरक्षा मजबूत होगी
• ब्रांड्स बिना अनुमति सेलिब्रिटी चेहरे इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे
• विज्ञापन में पारदर्शिता बढ़ेगी
• deepfake और AI दुरुपयोग पर रोक लगेगी
• उपभोक्ताओं को भी फेक एंडोर्समेंट से सुरक्षा मिलेगी
• डिजिटल प्लेटफॉर्म पर मॉनिटरिंग बढ़ेगी
यह भारत की मनोरंजन और डिजिटल उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।
क्या आम लोग भी इससे सीख सकते हैं?
हाँ। पर्सनैलिटी राइट्स सिर्फ सेलेब्रिटीज़ के नहीं, हर व्यक्ति के होते हैं।
• आपकी तस्वीर किसी वेबसाइट पर इस्तेमाल हो
• किसी ऐप पर आपका चेहरा दिखाया जाए
• आपके नाम से फेक प्रोफाइल बनाई जाए
• आपका वीडियो एडिट करके गलत संदेश दिया जाए
इन सभी मामलों में शिकायत करने, कानूनी कार्रवाई करने और कंटेंट हटाने के अधिकार हर भारतीय नागरिक के पास हैं।
डिजिटल युग में पहचान की चोरी का खतरा
आज identity theft केवल बैंकिंग या पासवर्ड चोरी तक सीमित नहीं।
पहचान की चोरी के प्रकार:
• फोटो चोरी
• सोशल मीडिया अकाउंट खोलना
• आपका व्यवहार, आवाज़, चेहरा deepfake से कॉपी करना
• गलत ब्रांड प्रमोशन दिखाना
• आपके नाम से फर्जी बयान देना
ऐसे मामलों में नुकसान केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामाजिक प्रतिष्ठा, मानसिक स्वास्थ्य और विश्वसनीयता पर भी होता है।
सेलेब्स के लिए क्यों महत्वपूर्ण हैं पर्सनैलिटी राइट्स?
• उनकी पहचान ही उनकी सबसे बड़ी पूँजी होती है
• विज्ञापन कॉन्ट्रैक्ट उनकी छवि पर आधारित होते हैं
• गलत उपयोग से वे लाखों रुपये का नुकसान झेल सकते हैं
• फैंस को भ्रमित किया जा सकता है
• सार्वजनिक छवि को नुकसान हो सकता है
इसलिए, सेलेब्स अब पहले से अधिक सतर्क हो गए हैं।
क्या इस याचिका से कानून में बदलाव की संभावना है?
हाँ, यह संभव है।
क्योंकि:
• डिजिटल कंटेंट तेज़ी से बढ़ रहा है
• deepfake तकनीक तेजी से उभर रही है
• सेलेब्रिटी पहचान दुरुपयोग बढ़ रहा है
• उपभोक्ताओं को फेक विज्ञापनों से नुकसान हो रहा है
अगर अदालत गोपनीयता और पर्सनैलिटी राइट्स पर मजबूत फैसला देती है, तो यह एक मजबूत मिसाल बन सकता है।
यह सिर्फ शिल्पा शेट्टी का नहीं, हर व्यक्ति का मामला है
आज इंटरनेट पर पहचान सिर्फ एक फोटो नहीं—बल्कि सामाजिक प्रतिष्ठा, पब्लिक इमेज, व्यावसायिक मूल्य और जीवनभर की मेहनत का परिणाम है।
किसी भी व्यक्ति, विशेषकर कलाकार, खिलाड़ी, नेता और पब्लिक फिगर के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि उनकी पहचान का गलत उपयोग न हो।
शिल्पा शेट्टी का यह कदम भारत में पर्सनैलिटी राइट्स को लेकर जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा अध्याय है।
यह मामला आने वाले समय में भारतीय कानून, डिजिटल कंटेंट मॉनिटरिंग और ऑनलाइन सुरक्षा को एक नई दिशा दे सकता है।
FAQs
1. पर्सनैलिटी राइट्स क्या होते हैं?
पर्सनैलिटी राइट्स वह अधिकार हैं जिनसे व्यक्ति अपने नाम, फोटो, आवाज़ और पहचान के उपयोग को नियंत्रित कर सकता है।
2. शिल्पा शेट्टी ने अदालत में याचिका क्यों दायर की?
क्योंकि कई प्लेटफॉर्म उनके नाम, फोटो और पहचान को बिना अनुमति व्यवसायिक उपयोग में ला रहे थे।
3. क्या deepfake तकनीक भी इस मामले से जुड़ी है?
हाँ। deepfake वीडियो और AI-generated कंटेंट पर्सनैलिटी राइट्स के लिए बड़ा खतरा हैं।
4. क्या भारत में पर्सनैलिटी राइट्स पर कोई कानून है?
अलग से कोई विशेष कानून नहीं है, लेकिन कई कानूनी प्रावधानों के तहत अदालतें नागरिकों की पहचान की सुरक्षा कर सकती हैं।
5. क्या आम लोग भी इस तरह के मामलों में कार्रवाई कर सकते हैं?
बिल्कुल। किसी की भी पहचान का दुरुपयोग होने पर शिकायत और कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
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