उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र ने आधार को जन्म प्रमाण पत्र का प्रमाण मानना बंद किया, सख्त सत्यापन फ्रेमवर्क लागू, अवैध प्रवासियों पर यूपी में कार्रवाई।
जन्म प्रमाण पत्र के लिए आधार अमान्य: यूपी और महाराष्ट्र के नए निर्देश
उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र सरकारों ने आधार कार्ड को जन्म या जन्मतिथि का प्रमाण मानना बंद कर दिया है। दोनों राज्यों ने जन्म प्रमाण पत्र जारी करने के लिए दस्तावेजों पर सख्त निर्देश जारी किए हैं। यूपी के योजना विभाग ने सभी विभागों को स्पष्ट किया कि आधार में जन्म विवरण दर्ज नहीं होता इसलिए इसे जन्म प्रमाण पत्र नहीं माना जा सकता।
महाराष्ट्र के नए नियम
महाराष्ट्र राजस्व विभाग ने विलंबित जन्म प्रमाण पत्रों के लिए आधार स्वीकार न करने का आदेश दिया। 2023 के जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण संशोधन अधिनियम के बाद केवल आधार पर जारी प्रमाण पत्र रद्द होंगे। ऐसे प्रमाण पत्र स्वीकृत करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई होगी। 16-सूत्री सत्यापन फ्रेमवर्क जारी किया गया है।
यूपी में अवैध प्रवासी कार्रवाई
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिला मजिस्ट्रेटों को अवैध प्रवासियों की पहचान और कार्रवाई के निर्देश दिए। सभी जिलों में अस्थायी डिटेंशन सेंटर बनाए जाएंगे। दस्तावेज सत्यापन के बाद बिना वैध कागजात वाले विदेशी नागरिकों को निर्वासित किया जाएगा। नेपाल के साथ खुली सीमा होने से अन्य देशों के नागरिकों पर सतर्कता बरती जा रही।
SIR प्रक्रिया का संदर्भ
ये निर्देश तब आए जब 12 राज्यों में SIR प्रक्रिया चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार मतदाता सूची में आधार को पहचान दस्तावेज स्वीकार किया लेकिन जन्म प्रमाण के लिए नहीं। नई मतदाता सूची 7 फरवरी 2026 को प्रकाशित होगी।
FAQs:
- यूपी और महाराष्ट्र ने आधार को क्यों जन्म प्रमाण मानना बंद किया?
- महाराष्ट्र में आधार पर जारी प्रमाण पत्रों का क्या होगा?
- योगी आदित्यनाथ ने अवैध प्रवासियों पर क्या निर्देश दिए?
- SIR प्रक्रिया में आधार का उपयोग कैसे होगा?
- जन्म प्रमाण पत्र के लिए अब कौन से दस्तावेज जरूरी हैं?
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