हॉन्गकॉन्ग में अपार्टमेंट अग्निकांड से 128 मौतें, 79 घायल। 1948 के बाद सबसे बुरा हादसा। 200 लापता, बिजली तारों की खराबी जिम्मेदार।
1948 के बाद सबसे खतरनाक हॉन्गकॉन्ग फायर: 200 लापता, मौतें बढ़ेंगी?
27 नवंबर 2025 को हॉन्गकॉन्ग के एक पुराने अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स में भयानक आग लग गई। आग इतनी तेज भड़की कि 28 नवंबर तक मौत का आंकड़ा 128 पहुंच गया। सिक्योरिटी सेक्रेटरी क्रिस टैंग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 200 लोग अभी भी लापता हैं, इसलिए संख्या बढ़ सकती है। 467 मिसिंग रिपोर्ट्स में से 39 की मौत कन्फर्म हुई। 79 लोग घायल हैं, ज्यादातर धुएं से। यह 1948 के बाद हॉन्गकॉन्ग का सबसे बुरा हादसा है।
आग दोपहर में शुरू हुई और कुछ ही मिनटों में पूरे बिल्डिंग को लील गई। फायरफाइटर्स ने 24 घंटे से ज्यादा रेस्क्यू चलाया। ज्यादातर पीड़ित चीनी परिवार थे, जो घनी आबादी वाले इलाके में रहते थे। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार, हर साल दुनिया में 18 लाख लोग आग से मरते हैं, जिनमें 80% घरेलू हादसे। हॉन्गकॉन्ग जैसे घनी जगहों पर खतरा दोगुना।
आग कैसे भड़की? मुख्य कारण क्या?
जांच में पता चला कि बिजली के पुराने तार शॉर्ट सर्किट से फटे। 50 साल पुरानी बिल्डिंग में वायरिंग 1960s की थी, जो प्लास्टिक कवर खराब हो चुकी। गैस सिलेंडर लीक ने आग तेज की। लकड़ी के फर्नीचर और प्लास्टिक ने फायर को फैलाया। नेशनल फायर प्रोटेक्शन एसोसिएशन (NFPA) कहता है कि 40% घरेलू आग वायरिंग से होती हैं। हॉन्गकॉन्ग में 70% बिल्डिंग्स 30 साल से पुरानी।
नीचे टेबल में आम आग के कारण:
| कारण | प्रतिशत (%) | उदाहरण हॉन्गकॉन्ग केस में |
|---|---|---|
| बिजली तार खराब | 40 | शॉर्ट सर्किट |
| गैस लीक | 25 | किचन सिलेंडर |
| धूम्रपान | 15 | सिगरेट ऐश |
| कंडल/दीया | 10 | फेस्टिवल टाइम |
| अन्य | 10 | प्लास्टिक जलना |
रेस्क्यू ऑपरेशन: क्या हुआ?
फायर सर्विस ने 300 फाइटर्स भेजे, 50 हाइड्रोलिक लैडर्स लगाईं। लेकिन ऊंची मंजिलों पर पहुंच मुश्किल। 128 बॉडीज बरामद, ज्यादातर 10वीं फ्लोर से ऊपर। धुआं इतना घना कि ऑक्सीजन खत्म। स्मोक डिटेक्टर्स काम नहीं किए, क्योंकि बैटरी डेड। 79 घायलों को हॉस्पिटल में भर्ती किया। गवर्नमेंट ने पीड़ित परिवारों को 10 लाख हॉन्गकॉन्ग डॉलर मुआवजा देने का ऐलान किया।
हॉन्गकॉन्ग चीफ एक्जीक्यूटिव ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई। बिल्डिंग सेफ्टी चेक का ऑर्डर।
हॉन्गकॉन्ग vs भारत: क्या समानताएं?
भारत में भी पुरानी बिल्डिंग्स में वैसा ही खतरा। दिल्ली का मुंडका फायर (2022, 27 मौतें), मुंबई हाईराइज (2017, 10 मौतें)। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के अनुसार, भारत में सालाना 20,000 आग से मौतें। 60% वायरिंग और गैस से। हॉन्गकॉन्ग से सीख: स्मोक अलार्म हर फ्लोर पर।
अगर आग लगे: क्रॉल करके बाहर निकलें, धुएं से नीचे रहें। STOP, DROP, ROLL अगर कपड़े जलें। NFPA गाइडलाइन्स फॉलो।
ग्लोबल फायर स्टैट्स और सबक
दुनिया में हाईराइज फायर्स: ग्रेनफेल टावर (लंदन 2017, 72 मौतें) – क्लैडिंग समस्या। ब्राजील रियो (2019, 4 मौतें)। हॉन्गकॉन्ग सबसे घना शहर, प्रति sq km 7000 लोग। WHO डेटा: एशिया में 50% फायर डेथ्स। भारत को बिल्डिंग कोड सख्त करने चाहिए।
नीचे तुलना टेबल:
| हादसा | जगह/वर्ष | मौतें | मुख्य कारण |
|---|---|---|---|
| हॉन्गकॉन्ग अपार्टमेंट | 2025 | 128 | वायरिंग |
| मुंडका फायर | दिल्ली 2022 | 27 | शॉर्ट सर्किट |
| ग्रेनफेल टावर | लंदन 2017 | 72 | क्लैडिंग |
| पारेख हॉस्पिटल | मुंबई 2018 | 7 | ऑक्सीजन लीक |
आगे क्या? जांच और बदलाव
इंजीनियर्स टीम बिल्डिंग सर्वे करेगी। पुरानी बिल्डिंग्स को रिफर्बिश का प्लान। हॉन्गकॉन्ग लीजेंडेटिव काउंसिल में फायर सेफ्टी बिल। भारत में NBC 2016 फॉलो करें। हर शहर में फायर स्टेशन बढ़ाएं।
आम आदमी के लिए: इंश्योरेंस लें, फर्स्ट एड किट रखें। प्रिवेंशन ही बेस्ट क्योर।
FAQs
- प्रश्न: हॉन्गकॉन्ग फायर में कितने मरे?
उत्तर: 128 मौतें कन्फर्म, 200 लापता। 79 घायल। 1948 के बाद सबसे बुरा। - प्रश्न: आग का मुख्य कारण क्या?
उत्तर: पुरानी बिजली वायरिंग शॉर्ट सर्किट। गैस लीक ने तेज किया। - प्रश्न: रेस्क्यू में क्या समस्या आई?
उत्तर: धुआं घना, ऊंची मंजिलें। स्मोक डिटेक्टर्स फेल। - प्रश्न: भारत में बचाव के टिप्स क्या?
उत्तर: वायरिंग चेक, स्मोक अलार्म, गैस टेस्ट। क्रॉल एग्जिट। - प्रश्न: दुनिया में ऐसे हादसे कितने?
उत्तर: WHO: 18 लाख सालाना मौतें। 40% वायरिंग से।
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