नाइजीरिया में बच्चों के अपहरण और हमलों के बाद राष्ट्रपति बॉला टिनुबू ने राष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया। 20,000 अतिरिक्त पुलिसों की भर्ती और सुरक्षा बढ़ाई जाएगी।
नाइजीरिया सुरक्षा में तब्दीली: सरकार ने बढ़ाए जंगे के लिए कदम, आपातकाल लागू
नाइजीरिया में राष्ट्रीय आपातकाल: बच्चों के अपहरण और बढ़ते आतंक की साजिश
नाइजीरिया के राष्ट्रपति बॉला टिनुबू ने हाल ही में देश में राष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया है। यह फैसला बच्चों के बड़े पैमाने पर अपहरण और नागरिकों के खिलाफ हो रही हमलों के बाद लिया गया। हाल के दिनों में केब्बी और नाइजर राज्यों में 25 और 300 से अधिक बच्चों के अपहरण ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठा दिए थे।
राष्ट्रपति टिनुबू ने कहा है कि सुरक्षा बलों को मजबूत करने के लिए 20,000 अतिरिक्त पुलिस अधिकारी भर्ती किए जाएंगे, जिससे कुल संख्या 50,000 हो जाएगी। इसके अलावा खुफिया एजेंसियों को जंगल क्षेत्रों में हथियारबंद समूहों से सुरक्षा के लिए और अधिक अधिकार दिए गए हैं। उन्होंने अपने बयान में कहा कि यह राष्ट्रीय आपातकाल है और सरकार तुरंत सुरक्षा-चुनौती वाले इलाकों में जंगे बढ़ाएगी।
नाइजीरिया की सुरक्षा चुनौतियां
देश में कई हथियारबंद समूह सक्रिय हैं, जिनमें बोको हराम और इसका स्प्लिंटर ग्रुप इस्लामिक स्टेट वेस्ट अफ्रीका प्रांत (ISWAP) शामिल हैं। ये समूह मुख्यतः पैसा कमाने के लिए हमले करते हैं। इन समूहों की बढ़ती ताकत और घुसपैठ ने देश की सुरक्षा व्यवस्था को कमजोर कर दिया है। पिछले आपातकाल 2013 में देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में इसी आतंक की वजह से लागू किया गया था।
विशेषज्ञों की राय
सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि केवल पुलिस अधिकारियों की संख्या बढ़ाना समस्या का स्थाई समाधान नहीं होगा। कन्फिडेंस मैकहैरी, एक वरिष्ठ सुरक्षा विश्लेषक, ने कहा कि मूल कारणों को समझना जरूरी है जैसे सरकारी जवाबदेही, स्थानीय शिकायतें और सुरक्षा बलों की भलाई। सुरक्षा बढ़ाने के प्रयास तभी सफल होंगे जब ये समस्या के जड़ तक जाएंगे।
अमेरिका का प्रभाव और दबाव
अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नाइजीरिया के इस संकट पर कड़ा रुख अपनाया था और यह दावा किया कि देश में ईसाइयों का उत्पीड़न हो रहा है। उन्होंने ‘गन्स-ए-ब्लेज़िंग’ हस्तक्षेप की धमकी भी दी थी, जिससे नाइजीरिया पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए भारी दबाव आया।
भविष्य की चुनौतियां और कदम
राष्ट्रपति टिनुबू ने स्कूलों, चर्चों और मस्जिदों की सुरक्षा बढ़ाने की भी मांग की है, खासकर दूरदराज इलाकों में। हालांकि विशेषज्ञों को संदेह है कि यह कदम असुरक्षा के लिए पूरी तरह कामयाब रहेगा या नहीं। सरकार को अब स्थानीय, राजनीतिक और सामाजिक कारणों पर गहराई से काम करना होगा।
नाइजीरिया में सुरक्षा सुधार के लिए कदम
- 20,000 नई पुलिस भर्ती, कुल सुरक्षा बल 50,000 तक।
- intelligence service को जंगलों में तैनाती के लिए अधिकार।
- स्कूलों, चर्चों, मस्जिदों में सुरक्षा बढ़ाना।
- स्थानीय समुदायों के साथ बेहतर संवाद।
- आतंकी समूहों की गतिविधि पर सख्त नज़र।
यह राष्ट्रीय आपातकाल नाइजीरिया के लंबे समय से चली आ रही सुरक्षा चुनौतियों का एक गंभीर मोड़ है जो देश की स्थिरता और विकास के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।
5 FAQs
- प्रश्न: नाइजीरिया में राष्ट्रीय आपातकाल कब घोषित हुआ?
उत्तर: राष्ट्रपति बॉला टिनुबू ने 2025 में बच्चों के अपहरण और हमलों के बाद आपातकाल घोषित किया। - प्रश्न: सरकार ने सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए हैं?
उत्तर: 20,000 अतिरिक्त पुलिस भर्ती की घोषणा और जंगल इलाकों में सुरक्षा बढ़ाने के आदेश। - प्रश्न: बोको हराम और ISWAP क्या हैं?
उत्तर: ये नाइजीरिया में सक्रिय आतंकवादी समूह हैं जो मुख्य रूप से हिंसक हमले करते हैं। - प्रश्न: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का क्या प्रभाव रहा?
उत्तर: ट्रंप ने नाइजीरिया में ईसाइयों के उत्पीड़न का दावा किया और कड़ा कदम उठाने की धमकी दी। - प्रश्न: क्या पुलिस भर्ती नाइजीरिया की सुरक्षा समस्याओं का अंतिम समाधान है?
उत्तर: विशेषज्ञों का मानना है कि यह पर्याप्त नहीं है और गहराई से सरकारी जवाबदेही और स्थानीय मुद्दों का समाधान जरूरी है।
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