टीएमसी ने ईसीआई को ‘बेरहम’ SIR का आरोप लगाया। पश्चिम बंगाल में 39 बीएलओ मौतें। डेरेक ओ’ब्रायन ने सीईसी को लिस्ट सौंपी, जवाब नहीं मिला। क्या बदलेगा?
सीईसी को 39 बीएलओ मौतों की लिस्ट: टीएमसी ने क्यों कहा ‘खून तुम्हारे हाथों पर’?
पश्चिम बंगाल में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन का विवाद: 39 बीएलओ मौतें, टीएमसी ने ईसीआई पर साधा निशाना
28 नवंबर 2025 को दिल्ली में टीएमसी के 10 नेताओं का डेलिगेशन चुनाव आयोग के फुल बेंच से मिला। राज्या सभा सांसद डेरेक ओ’ब्रायन के नेतृत्व में उन्होंने चीफ इलेक्शन कमिश्नर ज्ञानेश कुमार को 39 बूथ लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) की मौतों की लिस्ट सौंपी, जो स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) ड्यूटी पर मरे। ओ’ब्रायन ने कहा, “हमने साफ कहा- तुम्हारे हाथों पर खून है।” दो घंटे की मीटिंग में सीईसी ने घंटे भर बोला, लेकिन जवाब कुछ नहीं मिला।
टीएमसी का कहना है कि SIR प्लानिंग रहित और खतरनाक है। बीएलओ पर बोझ डाला गया। महुआ मोहत्रा ने कहा कि सीईसी को मौतों की जानकारी तक नहीं थी। उन्होंने पूछा- बॉर्डर स्टेट्स में घुसपैठिए की बात करते हो, फिर बंगाल ही क्यों सख्ती? ममता बनर्जी ने पहले ही सीईसी को पत्र लिखा था।
SIR क्या है और क्यों विवाद?
स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन मतदाता सूची को साफ करने का अभियान है। पश्चिम बंगाल सहित 12 राज्यों में चल रहा। बीएलओ घर-घर जाकर फॉर्म भरवाते, वेरिफाई करते। टीएमसी मानता है कि यह अच्छा है, लेकिन ‘बेरहम’ तरीके से किया गया। बीएलओ ओवरवर्क्ड, बीमार पड़े। 39 मौतें- हार्ट अटैक, स्ट्रोक जैसी। उदाहरण: दक्षिण 24 परगना के 10, नॉर्थ 24 के 8।
पिछले साल जनरल रिवीजन में भी दिक्कतें आईं। अब SIR में टारगेट 2.9 करोड़ नए वोटर। बीजेपी का आरोप- घुसपैठिए वोटर बन रहे। टीएमसी उल्टा कहती है- ईसीआई पक्षपाती। (नोट: वास्तविक स्रोत से डेटा)
मीटिंग में क्या हुआ?
डेलिगेशन में महुआ मोहत्रा, सौगत रॉय समेत। पांच सवाल पूछे:
- मौतों पर जिम्मेदारी कौन लेगा?
- SIR कैंसल या रिव्यू क्यों नहीं?
- बीएलओ को रिलीफ कब?
- बॉर्डर स्टेट्स में बंगाल ही क्यों निशाना?
- बीजेपी प्रेशर में ईसीआई क्यों?
सीईसी ने सुना, लेकिन क्लैरिटी नहीं दी। ओ’ब्रायन बोले- जवाब शून्य। मोहत्रा ने कहा, “शॉकिंग कि सीईसी अनजान थे।”
नीचे टेबल में मुख्य पॉइंट्स:
| मुद्दा | टीएमसी का आरोप | ईसीआई रिस्पॉन्स |
|---|---|---|
| 39 बीएलओ मौतें | ओवरवर्क, खराब प्लानिंग | जानकारी न होने का दावा |
| SIR इंटेंसिटी | बंगाल पर ज्यादा सख्ती | 12 स्टेट्स में चल रहा |
| बॉर्डर स्टेट्स | असम, झारखंड में ढील | कोई स्पष्ट जवाब नहीं |
| ममता का पत्र | तुरंत हस्तक्षेप की मांग | चर्चा में आया |
पश्चिम बंगाल का मतदाता विवाद
राज्य में 7.4 करोड़ वोटर। SIR से 21 लाख नए ऐड, 19 लाख डिलीट। बीजेपी कहती है- बांग्लादेशी घुसपैठिए। टीएमसी- फर्जी डिलीशन। 2024 लोकसभा में टीएमसी 29, बीजेपी 12 सीटें। 2026 विधानसभा से पहले टेंशन। ममता ने कहा- बीएलओ हेल्पलाइन दें।
आंकड़े:
राजनीतिक बैकग्राउंड
ईसीआई पर पक्षपात के आरोप पुराने। 2024 में भी विवाद। अब SIR को बीजेपी का हथियार बताया। महुआ बोलीं- “बीजेपी चाहे तो ईसीआई तैयार।” असम, झारखंड में कम सख्ती। टीएमसी ने कलेक्टरों को पत्र लिखा।
बीएलओ की भूमिका और चुनौतियां
बीएलओ ग्रासरूट हीरो। फॉर्म 6,7 भरवाते। लेकिन:
- 1500-2000 वोटर प्रति बीएलओ
- घर-घर घूमना, रजिस्टर चेक
- हीट, ट्रैफिक, उम्रदराज
- ट्रेनिंग कम, टारगेट ज्यादा
टीएमसी डिमांड:
आगे क्या होगा?
टीएमसी प्रोटेस्ट करेगी। ममता सुप्रीम कोर्ट जा सकतीं। ईसीआई रिपोर्ट देगी। 2026 चुनाव से पहले वोटर लिस्ट फाइनल। राजनीतिक तनाव बढ़ेगा।
आम लोगों के लिए: वोटर आईडी चेक करें, फॉर्म भरें। लोकतंत्र मजबूत हो।
5 FAQs
- प्रश्न: SIR क्या है?
उत्तर: स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन- मतदाता लिस्ट साफ करने का ड्राइव। 12 स्टेट्स में चल रहा। - प्रश्न: कितने बीएलओ मरे?
उत्तर: 39, ज्यादातर ओवरवर्क से। दक्षिण 24 परगना में सबसे ज्यादा। - प्रश्न: टीएमसी ने क्या कहा ईसीआई को?
उत्तर: ‘खून तुम्हारे हाथों पर।’ प्लानिंग खराब, बेरहम SIR। - प्रश्न: महुआ मोहत्रा ने क्या पूछा?
उत्तर: बॉर्डर स्टेट्स में बंगाल ही क्यों? बीजेपी प्रेशर में ईसीआई? - प्रश्न: अब क्या एक्शन?
उत्तर: टीएमसी प्रोटेस्ट, ममता पत्र। ईसीआई जवाब देगी।
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