Home देश Waqf (संशोधन) अधिनियम 2025: SC ने क्यों ठुकराया छह माह का विस्तार प्रस्ताव?
देश

Waqf (संशोधन) अधिनियम 2025: SC ने क्यों ठुकराया छह माह का विस्तार प्रस्ताव?

Share
UMEED Portal glitches and SC’s firm stand on Waqf registration timeline explained
Share

सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संपत्ति पंजीकरण की छह महीने की सीमा बढ़ाने की याचिका को ठुकरा दिया। अब राहत के लिए आवेदन करना होगा Waqf ट्रिब्यूनल में। 

Waqf संपत्ति पंजीकरण विवाद: सुप्रीम कोर्ट का Tribunal के पास जाने का निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के तहत वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण के लिए तय छह महीने की समय सीमा बढ़ाने की याचिकाओं को अस्वीकार कर दिया है। इस मामले पर न्यायमूर्ति दिवाकर दत्ता और न्यायमूर्ति ऑगस्टिन जॉर्ज मसिह की बेंच ने स्पष्ट किया कि जो मामलों में अतिरिक्त समय की आवश्यकता हो, उन लोगों को संबंधित वक्फ ट्रिब्यूनल के पास जाना होगा, क्योंकि अधिनियम में इस तरह की राहत का प्रावधान मौजूद है।

इस छ’ माह की विंडो का आरंभ अधिनियम के लागू होने के दिन से 8 अप्रैल 2025 से हुआ और इसकी अंतिम अवधि 6 दिसंबर 2025 को समाप्त हो रही है। पंजीकरण के लिए इस्तेमाल होने वाले UMEED पोर्टल में तकनीकी समस्याओं के चलते कई वक्फ संपत्ति प्रबंधक पंजीकरण नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पोर्टल के तकनीकी कारणों से होने वाली देरी के लिए आवेदनकर्ता जिम्मेदार नहीं माने जा सकते। इस स्थिति में भी वे ट्रिब्यूनल से समय विस्तार की मांग कर सकते हैं।

समस्या यह है कि संपत्ति दस्तावेज जैसे वक्फ दस्ता, प्रभारी वक्फ प्रबंधक का नाम- पता आदि, जो सदियों पुराने वक्फ के साथ जुड़े हैं, वे पोर्टल में अनिवार्य हैं। कई ऐसे संपत्ति के प्रबंधक इन अनिवार्य जानकारी को उपलब्ध कराने में असमर्थ हैं। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में यह तर्क दिया कि छह महीने की अवधि बहुत कम है, विशेषकर ये देखते हुए कि पोर्टल हाल ही में जून 2025 में शुरू हुआ था और नियम जुलाई में लागू हुए।

वक्फ ट्रिब्यूनल अधिनियम के सेक्शन 3B के तहत, ट्रिब्यूनल को समय बढ़ाने का अधिकार प्राप्त है और यही सही मंच है जहां आवेदनकर्ताओं को अपनी समस्याएं प्रस्तुत करनी चाहिए। अगर जरूरत पड़ी तो नैदानिक मामलों में सर्वोच्च न्यायालय में भी पुनर्विचार के लिए अर्ज़ी दी जा सकेगी।

वक्फ संपत्ति पंजीकृत न होने पर नए अधिनियम के सेक्शन 36 (10) के तहत मुकदमेबाजी पर रोक लगाई गई है, यानी बिना पंजीकरण वाले वक्फ संपत्तियों पर कानूनी जवाबदेही तय की गई है। इसलिए वक्फ ट्रस्टों और मुतावल्लियों के लिए समय सीमा का पालन बेहद आवश्यक है ताकि संपत्ति के नियंत्रण और प्रबंधन में विवाद न उत्पन्न हो।

UMEED पोर्टल और डिजिटल पंजीकरण की चुनौतियां

UMEED पोर्टल 6 जून 2025 को शुरू हुआ, जिसका उद्देश्य वक्फ संपत्ति का केंद्रीकृत, पारदर्शी डेटा बेस बनाना है जिसमें फोटो, भू-स्थान (Geotagging) भी शामिल हैं। पोर्टल पर कई तकनीकी समस्याएं सामने आईं, जिनमें ऑनलाइन अपलोडिंग और अनिवार्य फील्ड्स भरने में दिक्कतें प्रमुख हैं। इससे हजारों मुतावल्लियों को समस्या हुई।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश और आगे की राह

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्पष्ट किया है कि वह कानून को संशोधित नहीं कर सकता है और आवेदनकर्ता अपनी कठिनाइयों के समाधान के लिए पहले वक्फ ट्रिब्यूनल का रुख करें। हालांकि अगर आवश्यकता हो तो बाद में सुप्रीम कोर्ट में भी आवेदन किया जा सकता है। शनिवार तक पोर्टल पर डाटा अपलोड करने की अंतिम तारीख है।

वक्फ प्रबंधन के लिए सुझाव

  • जितना संभव हो दस्तावेज इकट्ठा करें और पंजीकरण जल्द पूरा करें।
  • पोर्टल पर तकनीकी दिक्कतें आने पर उसका प्रमाण रखें।
  • ट्रिब्यूनल में आवेदन कर समय सीमा बढ़ाने की बात उठाएं।
  • मुकदमे से बचने के लिए पंजीकरण नितांत आवश्यक है।
  • सरकारी हेल्पलाइन और वक्फ विभाग से समय-समय पर संपर्क बनाएं।

यह फैसला वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। कानून के अनुपालन से संपत्तियों के दुरुपयोग पर रोक लगेगी और समुदाय को सुनिश्चित कानूनी सुरक्षा मिलेगी।


FAQs

  1. Waqf संपत्ति पंजीकरण के लिए अंतिम तारीख क्या है?
    6 दिसंबर, 2025 तक सभी Waqf संपत्तियों का UMEED पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य है।
  2. क्या सुप्रीम कोर्ट ने पंजीकरण की समय सीमा बढ़ाई है?
    नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने छह महीने की सीमा बढ़ाने से स्पष्ट इनकार कर दिया है।
  3. अगर टेक्निकल समस्या आती है तो क्या करना होगा?
    ऐसी स्थिति में आप वक्फ ट्रिब्यूनल के पास समय बढ़ाने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
  4. Waqf Tribunal क्या भूमिका निभाता है?
    यह कानूनी मंच है जहां पंजीकरण सहित अन्य विवादों का समाधान किया जाता है।
  5. UMEED पोर्टल पर क्या-क्या विवरण भरने होते हैं?
    वक्फ दस्ता, मुतावली का नाम, पता, तस्वीरें, भू-स्थान आदि महत्वपूर्ण जानकारी आवश्यक होती है।
Share

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

BLO पर बोझ: 18 घंटे काम, 2000 रुपये इनाम – जिंदगी की कीमत इतनी ही?

SIR अभियान में BLOs की लगातार मौतें और इस्तीफे: यूपी, बंगाल, राजस्थान...

बार-बार CM आवास को बम धमकी: तमिलनाडु पॉलिटिक्स से लिंक, डार्क वेब का खेल!

केरल CM पिनाराई विजयन के क्लिफ हाउस और बैंक को बम धमकी...

मोहन यादव के पुत्र अभिमन्यु की रॉयल शादी: मास वेडिंग में क्या छिपा सामाजिक संदेश?

मध्य प्रदेश CM मोहन यादव के बेटे अभिमन्यु की शादी उज्जैन में...