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BLO पर बोझ: 18 घंटे काम, 2000 रुपये इनाम – जिंदगी की कीमत इतनी ही?

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10+ BLO Deaths, Mass Resignations: The Hidden Cost of India's SIR Exercise?
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SIR अभियान में BLOs की लगातार मौतें और इस्तीफे: यूपी, बंगाल, राजस्थान में दबाव से सुसाइड। क्या है जिम्मेदारी, चुनौतियां और चुनाव आयोग का जवाब?

यूपी से केरल तक BLO सुसाइड: वोटर लिस्ट बनाने का दर्द कौन समझेगा?

SIR अभियान में BLOs की मौतें: क्या वोटर लिस्ट अपडेट का बोझ असहनीय हो गया?

दोस्तों, आजकल खबरों में एक ऐसा मुद्दा छाया हुआ है जो हर भारतीय को सोचने पर मजबूर कर रहा है। स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी SIR – ये वोटर लिस्ट को साफ-सुथरा बनाने का चुनाव आयोग का बड़ा कदम है। लेकिन इसकी चमक के पीछे BLO यानी बूथ लेवल ऑफिसर्स की जिंदगियां दांव पर लग रही हैं। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में 46 साल के सरवेश कुमार ने सुसाइड कर लिया। वीडियो में रोते हुए कह रहे थे – परिवार को माफ करना, काम पूरा नहीं कर पाया। चार बेटियां छोड़ गए। ऐसा ही केस बंगाल, राजस्थान, केरल और गुजरात में भी। कम से कम 10 BLOs की मौतें हो चुकीं – सुसाइड, हार्ट अटैक से। सैकड़ों ने इस्तीफा दे दिया। आखिर क्या हो रहा है? चलिए, इसकी गहराई में उतरते हैं।

BLO कौन होते हैं और SIR क्या है? सरल शब्दों में समझें तो BLO वो लोकल सरकारी कर्मचारी होते हैं – ज्यादातर टीचर – जो अपने इलाके के वोटर्स को अच्छे से जानते हैं। चुनाव आयोग इन्हें ग्रासरूट लेवल पर तैनात करता है। SIR एक खास कवायद है जो वोटर रोल को 100% एक्यूरेट बनाने के लिए चल रही है। 12 राज्यों और यूटी में – यूपी, बंगाल, केरल, राजस्थान, गुजरात, तमिलनाडु, गोवा, पुदुच्चेरी, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप। 27 अक्टूबर को चुनाव आयोग ने आदेश दिया। 4 नवंबर से एन्यूमरेशन शुरू, पहले 4 दिसंबर तक था लेकिन प्रेशर देखकर 11 दिसंबर कर दिया। ड्राफ्ट रोल 16 दिसंबर को। कुल 5.3 लाख BLOs, 7.64 लाख BLA, 10,448 EROs लगे हैं। हर BLO को 1000 वोटर्स यानी 300 घरों का जिम्मा।

BLOs की जिम्मेदारियां: रोज 14-18 घंटे का दमघोंटू रूटीन
BLO का काम आसान नहीं। घर-घर जाकर फॉर्म बांटना, भरवाना, चेक करना, डेड, शिफ्टेड, डुप्लीकेट वोटर्स ढूंढना। फॉर्म EF – एन्यूमरेशन फॉर्म – पहले से आधा भरा आता है। लेकिन अपलोडिंग में सर्वर क्रैश, नेटवर्क प्रॉब्लम, OTP इश्यू। एक BLO को रोज 20 घर घूमने हैं, कई बार दोबारा। सुबह 7 बजे सेंटर, दोपहर फील्ड, शाम फिर डेटा एंट्री – रात 1 बजे तक फोन आते रहते। नोएडा की पिंकी सिंह ने इस्तीफा दे दिया – 1179 वोटर्स का बोझ, टीचिंग के साथ। केरल में एक BLO ने नंगा होकर विरोध किया। गुजरात में 250 टीचर्स ने धरना दिया।

यहां एक टेबल से समझें BLO का डेली वर्कलोड:

काम का प्रकाररोजाना टारगेटचुनौतियां
घर-घर सर्वे20 घर (300 कुल में)लोग सहयोग न करें, बार-बार जाना
फॉर्म डिस्ट्रीब्यूशन1000 वोटर्स के लिएप्रिंटिंग डिले, लोग न लें
डेटा वेरिफिकेशनA-S-D-D (Absent, Shifted, Dead, Duplicate)फैमिली डिटेल चेक, मोबाइल नंबर
अपलोडिंग और रिपोर्टिंगशाम तक ERO को सबमिटसर्वर डाउन, नेटवर्क फेल, थ्रेट्स
अतिरिक्तपार्टी प्रतिनिधियों से मीटिंगअफसरों का प्रेशर, नाइट कॉल्स

सोर्स: चुनाव आयोग गाइडलाइंस और BLO हैंडबुक।

मौतों का आंकड़ा: 10 से ज्यादा, लेकिन कितने छिपे?
पिछले हफ्ते ही 10 मौतें – यूपी में सरवेश कुमार (सुसाइड, नोट छोड़ा), सुधीर कुमार कुरिल (27 साल, लेखपाल), पिंकी सिंह इस्तीफा। बंगाल में रिंकू तर्फदार (52, पैरा-टीचर, सुसाइड), कमल नस्कर, जाकिर हुसैन। राजस्थान में हरिओम बैरवा, धौलपुर में 42 साल का BLO। केरल में अनीश जॉर्ज। गुजरात में 4 टीचर्स। कुछ हार्ट अटैक, कुछ सुसाइड। 27 दिनों में 41 क्लेम्स। बिजनौर, फतेहपुर में और केस। परिवार कहते हैं – प्रेशर बहुत। वीडियो में सरवेश बोले – जीना चाहता हूं लेकिन क्या करूं? चार बेटियां बीमार।

प्रोटेस्ट भी जोर पकड़ रहे। कोलकाता CEO ऑफिस के बाहर झड़प, पुलिस से टकराव। केरल, बंगाल में यूनियन सड़कों पर। RSS की ABRSM (13.5 लाख टीचर्स) ने CEC ग्यानेश कुमार को लेटर लिखा – डेडलाइन बढ़ाओ, 1 करोड़ मुआवजा, जॉब परिवार को। बोले – अनैतिक वर्कलोड, 16-18 घंटे।

राजनीतिक घमासान: विपक्ष का हमला, BJP का बचाव
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी बोले – SIR सुधार नहीं, तानाशाही। 3 हफ्ते में 16 मौतें। TMC की ममता बनर्जी – अलार्मिंग, SIR रोक दो, इनह्यूमन प्रेशर। BJP कहती – सिर्फ SIR नहीं, पॉलिटिकल प्रेशर भी। लेकिन विपक्ष पूछता – 98% फॉर्म बंटे, 20% ही डिजिटाइज क्यों?

चुनाव आयोग ने रिएक्ट किया। बोले – 1000 वोटर्स से ज्यादा न हो। सालाना अलाउंस 12,000 रुपये दोगुना, SIR के लिए 2000 इंसेंटिव। डेडलाइन 7 दिन बढ़ाई। लेकिन BLOs कहते – ट्रेनिंग कम, टेक्निकल हेल्प न। गुजरात में सर्वर ठीक होने का दावा, लेकिन नाइट कॉल्स जारी।

BLOs की परेशानियां: क्यों टूट रहे ये सिपाही?

  • टाइट डेडलाइन: 30 दिन में 1000 वोटर्स, लेकिन बारिश, त्योहार, लोकल हॉस्टिलिटी।
  • टेक्निकल हिचकिचाहट: पोर्टल क्रैश, OTP न आए।
  • लो पे: 2000 रुपये में 18 घंटे? परिवार समय न।
  • थ्रेट्स: अफसर फोन पर गालियां, पब्लिक झगड़ा।
  • डबल ड्यूटी: टीचिंग + SIR। बच्चे स्कूल, वो फील्ड।

एक लिस्ट में देखें मुख्य कारण:

  • लंबे काम के घंटे (14-18 घंटे रोज)।
  • अपर्याप्त ट्रेनिंग और सपोर्ट स्टाफ।
  • सर्वर और नेटवर्क समस्याएं।
  • सीनियर अफसरों का दबाव और धमकी।
  • कम इनाम के मुकाबले भारी जिम्मेदारी।
  • फैमिली प्रॉब्लम्स – बीमार बच्चे, घर का ख्याल।

5 FAQs

  1. SIR क्या है और किन राज्यों में चल रहा?
    SIR वोटर रोल की स्पेशल रिवीजन है। 12 राज्य/यूटी: यूपी, बंगाल, केरल आदि। 11 दिसंबर तक एन्यूमरेशन।
  2. BLO की मौतें कितनी हुईं SIR में?
    कम से कम 10-41 क्लेम्स। यूपी, बंगाल, राजस्थान में ज्यादा। सुसाइड और हार्ट अटैक।
  3. BLO को कितने वोटर्स का जिम्मा?
    1000 वोटर्स, 300 घर। रोज 20 घर चेक।
  4. चुनाव आयोग ने क्या कदम उठाए?
    डेडलाइन 7 दिन बढ़ाई, इंसेंटिव 2000 रुपये, अलाउंस दोगुना।
  5. BLO अगर प्रेशर में हो तो क्या करें?
    यूनियन से बात, मेंटल हेल्थ हेल्प लें। ECI हेल्पलाइन यूज करें।
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