भारत ने चक्रवात दितवाह से प्रभावित श्रीलंका को ऑपरेशन सागर बंधु के तहत त्वरित मानवीय सहायता दी। हेलीकॉप्टर, बचाव दल और राहत सामग्री भेजी गई।
चक्रवात दितवाह के विनाश के बाद भारत की मानवीय मदद: ऑपरेशन सागर बंधु की कहानी।
भारत ने चक्रवात दितवाह प्रभावित श्रीलंका के लिए शुरु किया ऑपरेशन सागर बंधु
अगले पड़ोसी देश श्रीलंका में हाल ही में आए भीषण चक्रवात दितवाह ने व्यापक तबाही मचाई। भारी वर्षा, बाढ़ और भूस्खलन से 334 लोग मारे गए और लाखों बेघर हुए। इस कठिन घड़ी में भारत ने तुरंत मानवीय सहायता भेजने के लिए ऑपरेशन सागर बंधु नामक विशेष अभियान की शुरुआत की।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारतीय वायु सेना का C-130J विमान लगभग 12 टन राहत सामग्री (तम्बू, कंबल, भोजन और चिकित्सा किट) लेकर कोलम्बो पहुंचा। इसके साथ ही भारतीय नौसेना के दो जहाज, INS विक्रांत और INS उदयगिरी राहत सामग्री और उपकरण लेकर इस अभियान में शामिल हुए।
श्रीलंका की प्रतिक्रिया और राहत कार्य
श्रीलंका के विदेश मंत्री विजिथा हेराथ ने X पर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर का धन्यवाद किया और कहा कि यह कदम उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। श्रीलंका पुलिस ने भी भारत की सहायता के लिए सार्वजनिक नोट जारी कर आभार व्यक्त किया।
भारतीय वायु सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमों ने कोटकमले और पुत्तलम जैसे बाढ़ प्रभावित इलाकों में बचाव कार्य किए। IAF ने हेलीकॉप्टरों से कई बार हवाई निशाना बनाया, फंसे हुए लोगों को निकाला और चिकित्सा सहायता पहुंचाई।
ऑपरेशन सागर बंधु की प्रमुख विशेषताएं
- INS विक्रांत और INS उदयगिरी ने चिकित्सा सामग्री, तंबू, भोजन और बचाव उपकरण पहुंचाए।
- IAF के हेलीकॉप्टरों ने 45 से अधिक फंसे हुए नागरिकों को सुरक्षित निकाला।
- NDRF की टीमों ने लकड़ी, मलबा हटाने और प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराने का कार्य किया।
- भारत की सहायता पड़ोसी नीति और MAHASAGAR विजन के अनुरूप है।
भारत-श्रीलंका संबंध और क्षेत्रीय सहयोग
यह राहत अभियान भारत की पड़ोसी पहले नीति का एक उदाहरण है, जिसमें क्षेत्रीय देशों के प्रति सहयोग और सहायता को प्राथमिकता दी जाती है। यह महासागर क्षेत्रीय स्थिरता और आपदा प्रबंधन में भारत की भूमिका को मजबूत करता है।
5 सामान्य प्रश्न
- ऑपरेशन सागर बंधु क्या है?
भारत का मानवीय सहायता और आपदा राहत मिशन जो श्रीलंका के लिए चक्रवात दितवाह की आपदा में शुरू किया गया। - भारत ने कितनी राहत सामग्री भेजी?
करीब 12 टन तंबू, भोजन, दवाईयाँ, और बचाव उपकरण। - कौन-कौन से बल राहत में शामिल हुए?
भारतीय वायु सेना, भारतीय नौसेना, और NDRF। - श्रीलंका की प्रतिक्रिया क्या रही?
विदेश मंत्री और पुलिस समेत विभिन्न स्तरों पर भारत की सहायता की सराहना। - इस तरह के ऑपरेशन का भारत के क्षेत्रीय संबंधों में क्या महत्व?
यह पड़ोसी प्रथम नीति के तहत क्षेत्रीय सहयोग, दोस्ताना संबंध और आपदा प्रबंधन में भारत की सक्रिय भूमिका दर्शाता है।
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