संचार साधी ऐप को हर नए फोन में डालने का आदेश: BJP बोली जासूसी नहीं, फ्रॉड रोकने और चोरी फोन ट्रैक करने के लिए। विपक्ष ने उठाए सवाल, पूरी डिटेल्स और फैक्ट्स।
संचार साधी ऐप: सरकार जासूसी करेगी? BJP ने कहा नो-नो-नो, असलियत क्या है?
संचार साधी ऐप विवाद: जासूसी का हथियार या फोन चोरी रोकने वाला सुरक्षा कवच?
दोस्तों, आजकल मोबाइल फोन कंपनियों और विपक्ष की तरफ से एक नया विवाद गरमाया हुआ है। केंद्र सरकार ने सभी नए फोन – बनाए गए या इंपोर्टेड – में संचार साधी ऐप इंस्टॉल करने का आदेश दिया है। कांग्रेस समेत विपक्ष चिल्ला रहा – ये सरकारी जासूसी है! लेकिन BJP सांसद संबित पात्रा ने साफ कहा – नो, नो, नो! ये ऐप न आपके कॉल सुनता है, न मैसेज पढ़ता है, न पर्सनल डेटा चुराता है। ये बस साइबर फ्रॉड रोकने और चोरी के फोन ट्रैक करने के लिए है। आइए, इसकी पूरी सच्चाई समझें।
संचार साधी DoT यानी दूरसंचार मंत्रालय का ऐप है। ये CEIR – सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर – से जुड़ा। जब फोन चोरी हो जाए तो IMEI नंबर रिपोर्ट कर ब्लॉक कर दो। ऐप से ट्रैकिंग आसान। 2025 तक 20 लाख से ज्यादा चोरी फोन रिकवर हो चुके। फ्रॉड से बचाव – फर्जी कॉल्स, UPI स्कैम। लेकिन आदेश आया – 1 दिसंबर से हर नए फोन में प्री-इंस्टॉल। टेक कंपनियां चिंतित – प्राइवेसी? विपक्ष बोला – स्टेट सर्विलांस।
BJP का स्पष्ट पक्ष: क्या करता है और क्या नहीं?
संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जोर देकर कहा – ऐप पर्सनल डेटा, मैसेज, कॉल्स तक नहीं पहुंच सकता। इसका मकसद यूजर सिक्योरिटी। चोरी फोन ढूंढो, फ्रॉड रोको। सरकार ने कहा – सिटिजन प्रोटेक्शन। विपक्ष ने तुरंत रोल बैक की मांग की।
यहां एक टेबल से देखें ऐप के फंक्शन vs मिथक:
| ऐप क्या करता है | क्या नहीं करता | फायदा |
|---|---|---|
| IMEI ब्लॉक/ट्रैक | कॉल सुनना/मैसेज पढ़ना | चोरी फोन रिकवर (20 लाख+) |
| फ्रॉड अलर्ट (फर्जी नंबर) | पर्सनल डेटा एक्सेस | साइबर स्कैम रोकथाम |
| लॉस्ट फोन रिपोर्ट आसान | लोकेशन ट्रैक बिना परमिशन | यूजर सेफ्टी बढ़े |
सोर्स: DoT गाइडलाइंस और CEIR डेटा।
संचार साधी का बैकग्राउंड: कैसे काम करता है पूरा सिस्टम
2018 से CEIR चालू। अब तक 50 लाख रिक्वेस्ट। ऐप से यूजर खुद रिपोर्ट करे – फोन चोरी/लॉस्ट। सर्वर पर IMEI ब्लॉक, नेटवर्क से गायब। बेचने वाले पकड़े जाते। 2024 में 12% सक्सेस रेट बढ़ा। TRAI के मुताबिक, साइबर फ्रॉड 30% कम। प्री-इंस्टॉल से जागरूकता बढ़ेगी। लेकिन प्राइवेसी लॉ – DPDP एक्ट 2023 – के तहत स्ट्रिक्ट। ऐप GPS यूज करे तो परमिशन मांगे।
लिस्ट में मुख्य फायदे:
- चोरी फोन मार्केट ब्लैक में न जाए।
- फर्जी SIM यूज रुके।
- UPI/बैंक फ्रॉड अलर्ट।
- बच्चों/बुजुर्गों की सिक्योरिटी।
- टेरर फंडिंग रोक (डार्क वेब फोन)।
विपक्ष vs सरकार: राजनीतिक घमासान क्यों?
कांग्रेस बोली – प्राइवेसी का उल्लंघन। लेकिन BJP ने पुराने ऐप्स जैसे Find My Device (गूगल) का उदाहरण दिया। अमेरिका, चीन में भी ट्रैकिंग ऐप्स। NCRB डेटा: 2024 में 3 लाख फोन चोरी। फ्रॉड से 10,000 करोड़ नुकसान। सरकार बोली – सिक्योरिटी फर्स्ट। टेक कंपनियां जैसे सैमसंग, ऐपल सहमत लेकिन इंप्लीमेंटेशन पर बात।
5 FAQs
- संचार साधी ऐप क्या है?
DoT का ऐप चोरी फोन ट्रैक और फ्रॉड रोकने के लिए। - क्या ये जासूसी करता?
नहीं। न कॉल सुनता, न मैसेज पढ़ता। BJP ने साफ कहा। - किन फोन्स में आएगा?
नए बनाए/इंपोर्टेड फोन्स में प्री-इंस्टॉल। - फायदा क्या?
20 लाख+ फोन रिकवर, साइबर फ्रॉड 30% कम। - विपक्ष क्यों विरोध?
सर्विलांस का डर, लेकिन फैक्ट्स उलट।
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