Preity Zinta को 10 करोड़ के टैक्स नोटिस से ITAT ने राहत दी। 2016 रिटर्न से 2025 फैसले तक पूरा विवाद, Section 147 प्रक्रिया की खामियां और कानूनी लड़ाई।
Preity Zinta टैक्स रिलीफ: Section 147, 68 के उल्लंघन से 10 करोड़ डिमांड रद्द
मुंबई इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल (ITAT) ने बॉलीवुड अभिनेत्री प्रीति जिंटा के खिलाफ लगभग 10 करोड़ रुपये के टैक्स डिमांड को रद्द कर दिया। 17 नवंबर 2025 के ऐतिहासिक फैसले में ITAT ने कहा कि आयकर विभाग की पुनर्मूल्यांकन प्रक्रिया (Section 147) मूलभूत प्रक्रियात्मक खामी से ग्रस्त थी। यह फैसला न केवल प्रीति जिंटा को बड़ी राहत देता है बल्कि सेलिब्रिटीज के खिलाफ टैक्स रिकवरी के मामलों में नया मानदंड स्थापित करता है।
विवाद की शुरुआत: 2016 आयकर रिटर्न
वित्त वर्ष 2016-17 के लिए प्रीति जिंटा ने नॉन-रेजिडेंट के रूप में ITR-2 फाइल किया। घोषित आय: ₹46 लाख। लेकिन विभाग के आंतरिक ऑडिट में उनके कॉर्पोरेशन बैंक खाते में हाई-वैल्यू ट्रांजेक्शन दिखे। जनवरी 2016 में खोले गए इस खाते में कुल क्रेडिट-डेबिट ₹13.10 करोड़। खासकर ₹13 करोड़ का एक बड़ा डिपॉजिट तुरंत विड्रॉ किया गया, बैलेंस सिर्फ ₹10,300 बचा। विभाग ने ₹10 करोड़ को अव्यक्त नकद क्रेडिट (Section 68) मान लिया।
पुनर्मूल्यांकन प्रक्रिया (Section 147): चरणबद्ध विवरण
| चरण | तारीख | कार्रवाई | राशि |
|---|---|---|---|
| मूल रिटर्न | FY 2016-17 | नॉन-रेजिडेंट ITR | ₹46 लाख |
| नोटिस जारी | 2021 | Section 148 नोटिस | – |
| ड्राफ्ट ऑर्डर | 31 मार्च 2022 | आय संशोधन प्रस्ताव | ₹11.3 करोड़ |
| DRP सुनवाई | 31 दिसंबर 2022 | ऐडिशन को मंजूरी | ₹10 करोड़ |
| फाइनल ऑर्डर | 23 जनवरी 2023 | टैक्स डिमांड | ₹10 करोड़ |
| ITAT अपील | 2023 | सुनवाई | – |
| ITAT फैसला | 17 नवंबर 2025 | डिमांड रद्द | राहत |
आयकर विभाग का केस: मुख्य तर्क
- Section 147 उल्लंघन: आय छिपाने का विश्वास।
- Section 68: ₹10 करोड़ अव्यक्त नकद क्रेडिट।
- नॉन-रेजिडेंट स्टेटस: भारतीय स्रोत आय पर टैक्स देनदारी।
- बैंक स्टेटमेंट: हाई वैल्यू ट्रांजेक्शन बिना स्रोत।
प्रीति जिंटा का बचाव: वकीलों का पक्ष
धरन गांधी और विनीता नारा ने तर्क दिया:
- प्रक्रियात्मक खामी: Section 147 के तहत पुनर्मूल्यांकन का आधार कमजोर।
- डिमांड की वैधता: AO और DRP ने आधार जांचा ही नहीं।
- ट्रांजेक्शन स्पष्टीकरण: सभी लेन-देन वैध स्रोतों से।
- नॉन-रेजिडेंट प्रमाण: NRI स्टेटस सही।
ITAT का ऐतिहासिक फैसला: मुख्य बिंदु
ITAT ने नोट किया:
- मूलभूत प्रक्रियात्मक त्रुटि: AO/DRP ने Section 147 वैधता जांची नहीं।
- पूरी कार्यवाही अवैध: आधार कमजोर होने से चेन ऑफ प्रोसीडिंग्स टूट गई।
- फ्रेश स्क्रूटनी आदेश: विभाग को नया आधार जांचना होगा।
- डिमांड क्वाश: फिलहाल 10 करोड़ डिमांड रद्द।
कानूनी विश्लेषण: Section 147 और 68
Section 147: आय छिपाने का विश्वास होने पर 4-16 साल पुराने केस दोबारा खोल सकते हैं। लेकिन “तर्कसंगत विश्वास” जरूरी। ITAT ने कहा आधार कमजोर।
Section 68: अव्यक्त नकद क्रेडिट को आय मान सकते हैं जब तक स्रोत न साबित हो। लेकिन प्रक्रिया सही होनी चाहिए।
सेलिब्रिटी टैक्स केस तुलना
| सेलिब्रिटी | विवाद | राशि | परिणाम | वर्ष |
|---|---|---|---|---|
| प्रीति जिंटा | Section 147 | ₹10 करोड़ | ITAT राहत | 2025 |
| अमिताभ बच्चन | बंगला वैल्यूएशन | ₹2.8 करोड़ | ITAT हार | 2024 |
| अजय देवगन | फिल्म आय | ₹6.5 करोड़ | सेटलमेंट | 2023 |
| हृतिक रोशन | NRI स्टेटस | ₹11 करोड़ | HC में लंबित | 2025 |
प्रीति जिंटा का करियर संक्षेप
| वर्ष | प्रमुख फिल्में | कमाई |
|---|---|---|
| 1998 | सोल्जर, मैंने प्यार किया | डेब्यू |
| 2001 | कल हो ना हो, कभी खुशी कभी गम | ₹5 करोड़ |
| 2003 | कल हो ना हो | Filmfare |
| 2013 | IPL पुणे वॉरियर्स मालिक | ₹9 करोड़ |
| 2025 | बॉलीवुड कमबैक | – |
टैक्स विशेषज्ञों की राय
निखिल गुप्ता (CA): “ITAT फैसला Section 147 प्रक्रिया के लिए गाइडलाइन। आधार जरूरी।”
सुधीर मंगले (टैक्स लॉयर): “सेलिब्रिटीज के खिलाफ हाई-प्रोफाइल केस बढ़े।”
भविष्य की संभावनाएं
विभाग नई जांच कर सकता है। लेकिन मजबूत आधार चाहिए। प्रीति को अंतरिम राहत।
FAQs
- ITAT ने किस आधार पर डिमांड रद्द की?
Section 147 प्रक्रिया में मूलभूत खामी। - विवाद किस साल का ITR था?
FY 2016-17 (AY 2017-18)। - कितनी राशि का डिमांड था?
₹10 करोड़ (अव्यक्त नकद क्रेडिट)। - क्या मामला खत्म हो गया?
नहीं, फ्रेश स्क्रूटनी होगी। - किन धाराओं का उल्लंघन?
Section 147 (पुनर्मूल्यांकन), Section 68 (अव्यक्त क्रेडिट)।
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