PMO का नया भवन ‘सेवा तीर्थ’ नाम से खुलेगा। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का हिस्सा, साउथ ब्लॉक से शिफ्ट। सेवा-केंद्रित शासन का प्रतीक। विरोधियों की आलोचना और समर्थन की पूरी डिटेल।
साउथ ब्लॉक से शिफ्ट होगा PMO: ‘सेवा तीर्थ’ में क्या खास होगा?
PMO का नया घर ‘सेवा तीर्थ’: सत्ता भवन से सेवा का तीर्थ – क्या है इस बदलाव का मतलब?
दोस्तों, एक बड़ी खबर आ रही है। प्रधानमंत्री कार्यालय यानी PMO को जल्द नया पता मिलने वाला है। साउथ ब्लॉक से कुछ सौ मीटर दूर एग्जीक्यूटिव एन्क्लेव में शिफ्ट होगा। और नाम रखा गया है ‘सेवा तीर्थ’। ये नाम सेंट्रल विस्टा रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट का हिस्सा है। सरकार कहती है – ये सेवा भाव का प्रतीक है, सत्ता नहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद को ‘प्रधान सेवक’ कहते हैं, और ये नाम उसी सोच को दिखाता है। लेकिन विपक्ष पूछ रहा – नाम बदलने से क्या होगा, असली सेवा कहां? चलिए पूरी डिटेल समझते हैं।
पुराना PMO साउथ ब्लॉक में है। नया कॉम्प्लेक्स ‘सेवा तीर्थ-1’ कहलाएगा। ये तीन भवनों का पहला हिस्सा – वायु भवन के पास। यहां PMO के अलावा कैबिनेट सेक्रेटेरिएट, नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल और इंडिया हाउस बनेगा। इंडिया हाउस विदेशी मेहमानों से हाई-लेवल मीटिंग्स के लिए। कुल 2.26 लाख स्क्वायर फीट एरिया, जिसमें PM आवास 36,000 स्क्वायर फीट। लागत करीब 467 करोड़। पूरा प्रोजेक्ट 2027 तक खत्म। पहले इसे ‘एग्जीक्यूटिव एन्क्लेव’ कहा जाता था।
नाम बदलाव की लिस्ट: सत्ता से सेवा की ओर सफर
ये पहला केस नहीं। मोदी सरकार नामों से शासन की सोच बदल रही। यहां टेबल में देखें मुख्य बदलाव:
| पुराना नाम | नया नाम | साल/राज्य | मतलब |
|---|---|---|---|
| राजपथ | कर्तव्य पथ | 2022, दिल्ली | ड्यूटी पर फोकस |
| 7, रेसकोर्स रोड | 7, लोक कल्याण मार्ग | 2016, दिल्ली | जनकल्याण का संदेश |
| राजभवन/राज निवास | लोकभवन/लोक निवास | 2025, 9 राज्य+1 UT | जनता का घर |
| सेंट्रल सेक्रेटेरिएट | कर्तव्य भवन | हालिया | जिम्मेदारी का प्रतीक |
| PMO कॉम्प्लेक्स | सेवा तीर्थ | 2025, दिल्ली | सेवा का तीर्थ स्थल |
सोर्स: गृह मंत्रालय निर्देश और न्यूज रिपोर्ट्स।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया पर कहा – ये विकसित भारत का मील का पत्थर। पिछले 11 सालों में मोदी सरकार सेवा का पर्याय बनी। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह बोले – नया सनातन भारत उभर रहा। पहले PM आवास ‘लूट भवन’ जैसा था, अब सेवा का प्रतीक। अफसर कहते – शासन ‘सत्ता’ से ‘सेवा’ की ओर, अधिकार से जिम्मेदारी की ओर। ट्रांसपेरेंसी और कर्तव्य पर जोर।
विपक्ष की आलोचना: नाम बदलाव या धोखा?
कांग्रेस के प्रमोद तिवारी बोले – नाम बदलने का गिनीज रिकॉर्ड बनाओ। संसद सत्र 120 से घटकर 55 दिन। बहस-चर्चा खत्म। समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव पूछे – रुपया डॉलर के आगे गिरा, पेट्रोल-डीजल महंगा, ये सेवा कहां? विपक्ष का कहना – नाम बदलना आसान, लेकिन महंगाई, बेरोजगारी सुलझाओ। कुछ राज्य पहले ही राजभवन को लोकभवन नाम दे चुके।
लिस्ट में विपक्ष के मुख्य सवाल:
- नाम बदलने से अर्थव्यवस्था मजबूत होगी?
- संसद के सत्र क्यों कम हुए?
- पेट्रोल, गैस के दाम कब घटेंगे?
- असली सेवा तो ग्रासरूट स्तर पर दिखाओ।
- बजट में कितना खर्च नाम बदलाव पर?
सेंट्रल विस्टा का हिस्सा: नया भारत, नई इमारतें
सेवा तीर्थ सेंट्रल विस्टा का अहम भाग। नया संसद भवन, PM आवास सब जुड़े। डिजाइन ऐसा कि सेवा भाव झलके। नेशनल प्रायोरिटी यहां शेप लेंगी। सरकार का विजन – हर इमारत सेवा का संदेश दे। WHO और UN रिपोर्ट्स कहतीं – अच्छा गवर्नेंस ट्रांसपेरेंट स्पेस से बढ़ता।
भविष्य में क्या? सेवा तीर्थ का असर
PMO शिफ्ट होते ही कामकाज तेज। डिजिटल इंडिया से जोड़ा जाएगा। जनता के लिए पारदर्शिता बढ़ेगी। लेकिन असली टेस्ट – नाम से आगे जाकर काम।
5 FAQs
- ‘सेवा तीर्थ’ क्या है?
PMO का नया कॉम्प्लेक्स, सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में। सेवा भाव का प्रतीक। - PMO कब शिफ्ट होगा?
जल्द, फाइनल स्टेज में। 2027 तक पूरा प्रोजेक्ट। - अन्य नाम बदलाव कौन से?
राजभवन→लोकभवन, राजपथ→कर्तव्य पथ। - विपक्ष क्यों नाराज?
नाम बदलाव से समस्या सुलझेगी नहीं, असली मुद्दे उठाओ। - इसका मतलब क्या?
शासन में सेवा, कर्तव्य, पारदर्शिता पर फोकस।
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