राज भवनों को लोक भवन नाम देने का फैसला: 8 राज्य और 1 केंद्र शासित प्रदेश शामिल। PM मोदी की सेवा-कर्तव्य की नीति का हिस्सा। कॉलोनियल नाम हटाकर जनसेवा का संदेश।
कर्तव्य पथ से लोक भवन तक: मोदी के नाम बदलाव का राज क्या है?
राज भवन से लोक भवन: PM मोदी की सेवा-कर्तव्य वाली सोच का नया कदम
दोस्तों, हाल ही में एक ऐसा बदलाव हुआ है जो छोटा लगता है लेकिन गहरी सोच दर्शाता है। केंद्र सरकार ने राज भवनों और राज निवासों का नाम बदलकर लोक भवन और लोक निवास करने का निर्देश दिया। 8 राज्य और 1 केंद्र शासित प्रदेश ने इसे अपना लिया। गृह मंत्रालय का पत्र आया तो राज्य सरकारों ने तुरंत अमल किया। पीछे का राज है गवर्नर्स कॉन्फ्रेंस 2024। वहां सुझाव आया कि कॉलोनियल नाम हटाओ, जनता से जुड़े नाम लाओ। ये बदलाव सिर्फ नाम नहीं, सोच का बदलाव है – सत्ता से सेवा की ओर।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की ये स्टाइल पुरानी है। 2016 में उनका आधिकारिक निवास लोक कल्याण मार्ग बना। राजपथ को कर्तव्य पथ नाम दिया। सेंट्रल सेक्रेटेरिएट अब कर्तव्य भवन। PMO का नया कॉम्प्लेक्स सेवा तीर्थ। हर नाम कहता है – सरकार जनता की सेवा के लिए है, न कि राज करने के लिए। ये नाम बदलाव प्रतीक हैं। जनता को याद दिलाते हैं कि नेता कर्तव्य निभाने आए हैं।
कौन से राज्य बदले नाम? पूरी लिस्ट और कारण
गृह मंत्रालय के निर्देश पर ये राज्य आगे आए:
- उत्तर प्रदेश
- मध्य प्रदेश
- गुजरात
- असम
- हरियाणा
- महाराष्ट्र
- झारखंड
- तेलंगाना
- केंद्र शासित प्रदेश: जम्मू-कश्मीर (लेफ्टिनेंट गवर्नर हाउस → लोक निवास)
ये नाम बदलाव कॉलोनियल एरा के ‘राज’ शब्द को हटाते हैं। ‘लोक’ जनता को जोड़ता है। गवर्नर्स कॉन्फ्रेंस में चर्चा हुई कि राज्यपाल जनता के प्रतिनिधि हैं, राजा नहीं। MHA ने पत्र लिखा – सुझाव लागू करो। अब राज्यपाल भवन जनता के भवन जैसे लगेंगे।
यहां एक टेबल से देखें मुख्य बदलाव:
| पुराना नाम | नया नाम | राज्य/केंद्र | महत्व |
|---|---|---|---|
| राज भवन | लोक भवन | उत्तर प्रदेश | जनसेवा का प्रतीक |
| राज भवन | लोक भवन | मध्य प्रदेश | कॉलोनियल छवि हटाई |
| राज्यपाल भवन | लोक भवन | गुजरात | कर्तव्य भावना मजबूत |
| राज निवास | लोक निवास | जम्मू-कश्मीर | UT में भी लागू |
सोर्स: गृह मंत्रालय निर्देश और राज्य सरकार घोषणाएं।
मोदी जी के नाम बदलावों की पूरी कहानी
ये पहला नहीं। शुरू से ही बदलाव:
- राजपथ → कर्तव्य पथ (2022 गणतंत्र दिवस)
- PM आवास → लोक कल्याण मार्ग (2016)
- सेंट्रल सेक्रेटेरिएट → कर्तव्य भवन
- PMO नया भवन → सेवा तीर्थ (गृह प्रवेश पूजा हुई)
हर बदलाव का मैसेज एक – सरकार जनता की सेवक है। पारदर्शिता, जवाबदेही। ये सांस्कृतिक शिफ्ट है। सत्ता का घमंड हटाकर सेवा का भाव। विश्व बैंक रिपोर्ट कहती – अच्छे गवर्नेंस से विकास तेज। भारत में ये बदलाव ट्रांसपेरेंसी बढ़ा रहे।
5 FAQs
- कितने राज्यों ने राज भवन का नाम बदला?
8 राज्य और 1 केंद्र शासित प्रदेश। - क्यों बदला नाम?
कॉलोनियल ‘राज’ हटाकर ‘लोक’ से जनसेवा का संदेश। - कब आया निर्देश?
गवर्नर्स कॉन्फ्रेंस 2024 के बाद MHA पत्र। - अन्य नाम बदलाव कौन से?
राजपथ→कर्तव्य पथ, PMO→सेवा तीर्थ। - इसका फायदा क्या?
सोच बदलेगी, गवर्नेंस जनता-केंद्रित बनेगा।
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