अनुष्ठान में बेटी ने भी निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
मुंबई । गुरुमा करिश्मा शेट्टी ने एक विशेष और दुर्लभ शिव अनुष्ठान कर भक्तिमय वातारण में 300 किलो ताज़ी सब्जियों को अर्पण किया। यह अनुष्ठान एक श्रद्धालु के लिए किया गया।जिन्हें मानसिक शांति, उपचार और दिव्य सहायता की खोज हैं। इसमें तांत्रिक विधियाँ, मंत्रोच्चार, हवन और सात्त्विक दान का सुंदर संगम देखने को मिला।
धनिया, पालक, मेथी, पत्तागोभी और अन्य हरी सब्जियों को एक बड़े ढ़ेर के रूप में सजाया गया। जो समृद्धि, कर्मिक शुद्धि, बाधाओं के निवारण और भावनात्मक स्थिरता का प्रतीक था। कई स्तरों वाले बड़े पीतल के दीपस्तंभ की रोशनी ने पूरे वातावरण को अत्यंत सात्त्विक बना दिया।
अनुष्ठान का सबसे भावुक दृश्य गुरुमां की 10 वर्षीय बेटी की उपस्थिति से हुआ।वह पूरे समय अपनी मां के साथ बैठी रही और अर्पण में सहायता करती रही। वह इस छोटी सी उम्र में ही साधना, सेवा, ध्यान और आध्यात्मिक अनुशासन के मूल सिद्धांत सीखती रही। लोगों ने इसे अगली पीढ़ी को भारतीय परंपराओं से जोड़ने का एक सुंदर उदाहरण बताया।
यह पूरा अनुष्ठान एक श्रद्धालु के लिए एक व्यक्तिगत आध्यात्मिक उपाय था।जिसका उद्देश्य नकारात्मक ऊर्जा को दूर करना, आर्थिक स्थिरता बढ़ाना, मानसिक स्पष्टता लाना और दिव्य संरक्षण प्राप्त कराना था।
गुरुमां करिश्मा, जो अपनी साधनाओं और उच्च-तरंग वाले मंत्रों के लिए प्रसिद्ध हैं।आधुनिक युग में भी प्राचीन परंपराओं को जीवंत बनाए रखने के लिए जानी जाती हैं।
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