Saphala Ekadashi व्रत 2025: 15 दिसंबर तिथि, 16 दिसंबर पारण। विष्णु पूजा विधि, व्रत कथा, फलाहार नियम, गंगा स्नान, दान पुण्य। सफलता, धन, पाप नाश के चमत्कारी फायदे और हेल्थ बेनिफिट्स की पूरी गाइड।
Saphala Ekadashi 2025:सफलता, समृद्धि और पाप नाश का पवित्र व्रत – पूरी गाइड
मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को स्फुल्ल एकादशी कहते हैं, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। 2025 में ये 15 दिसंबर को मनाई जाएगी, पारण 16 दिसंबर सुबह। हिंदू पंचांग के अनुसार तिथि 14 की शाम से शुरू होकर 15 को रहेगी। ये व्रत सफलता, धन-धान्य और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रसिद्ध। व्रत कथा में लुम्बकर्ण नामक राजा ने निर्धनता से राजपाट पाया। भक्त गंगा स्नान कर विष्णु पूजा करते, तुलसी पत्र चढ़ाते। ICMR स्टडीज बताती हैं व्रत डिटॉक्सिफिकेशन करता, आयुर्वेद में फलाहार इम्यूनिटी बूस्टर। 14-15 का कन्फ्यूजन पंचांग से सॉल्व – स्मार्ट पारण समय फॉलो करें।
पद्म पुराण में वर्णन – एकादशी व्रत से 1000 अश्वमेध यज्ञ के बराबर पुण्य। साल में 24 एकादशियां, स्फुल्ल विशेष। चलिए तिथि से विधि तक सब जानते।
स्फुल्ल एकादशी 2025 पंचांग टाइमिंग
- तिथि प्रारंभ: 14 दिसंबर शाम 6:42 बजे
- तिथि समाप्त: 15 दिसंबर शाम 7:51 बजे
- व्रत: पूरे 15 दिसंबर
- पारण समय: 16 दिसंबर सुबह 7:12 से 9:45 AM (द्वादशी समाप्ति से पहले)
- मध्यम नक्षत्र: शुभ
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:00-12:48
उत्तरायण, शुभ योग। गंगा स्नान बेस्ट।
स्फुल्ल एकादशी व्रत कथा: राजा लुम्बकर्ण की सफलता गाथा
सतयुग में लुम्बकर्ण नामक निर्धन राजा एकादशी व्रत करने लगे। पहले साल फसल बर्बाद, लेकिन विष्णु भक्ति जारी। 21वें व्रत पर राज्य फल-फूल देने लगा, राजपाट लौटा। ब्राह्मण ने बताया – विष्णु प्रसन्न। संदेश: धैर्य से फल। रोज पढ़ें।
पूजा विधि: घर पर स्टेप बाय स्टेप
- दिन पहले: सफाई, स्नान।
- सुबह: गंगा/पवित्र जल स्नान। पीले वस्त्र।
- पूजा: विष्णु मूर्ति/चित्र स्थापित। चंदन, तुलसी, फूल।
- मंत्र: “ओम नमो भगवते वासुदेवाय” 108 बार।
- भोग: फल, दूध, नारियल।
- कथा: शाम को पढ़ें।
- आरती: घी दीपक।
- रात्रि जागरण: भजन।
- पारण: 16 सुबह फलाहार तोड़ें।
फलाहार नियम: क्या खाएं-न खाएं
| अनुमत (फलाहार) | निषिद्ध | वैज्ञानिक फायदा |
|---|---|---|
| फल, दूध, नट्स, सेंधा नमक | अनाज, दालें, हरी सब्जी | डाइजेशन बेहतर (ICMR) |
| आलू-साबूदाना खिचड़ी | प्याज-लहसुन | ब्लड शुगर कंट्रोल |
| नारियल पानी | तामसिक भोजन | हाइड्रेशन |
अन्य एकादशियों से तुलना 2025
| एकादशी नाम | तिथि (2025) | मुख्य फल | विशेष पूजा |
|---|---|---|---|
| स्फुल्ल | 15 दिसंबर | सफलता, धन | विष्णु, गंगा स्नान |
| मोक्षदा | 29 दिसंबर | मोक्ष | भगीरथी पूजा |
| गीता जयंती | 30 दिसंबर | ज्ञान | गीता पाठ |
| पौष पुत्रदा | जनवरी 2026 | संतान सुख | पुत्र प्राप्ति |
हेल्थ बेनिफिट्स: साइंस और आयुर्वेद
व्रत से ऑटोफैगी (सेल रिपेयर)। NIH: इंटरमिटेंट फास्टिंग वेट लॉस। आयुर्वेद: तुलसी एंटीऑक्सीडेंट। डिप्रेशन 20% कम। सावधानी: डायबिटीज वाले डॉक्टर से पूछें।
प्रसिद्ध स्नान स्थल और दान
- हरिद्वार गंगा।
- प्रयागराज संगम।
- घर पर तुलसी जल।
दान: ब्राह्मण को भोजन, वस्त्र।
भक्त अनुभव
एक महिला: “व्रत से प्रमोशन मिला।” पुरुष: “बिजनेस घाटा मिटा।”
गलतियां अवॉइड
- पारण समय मिस न करें।
- निषिद्ध भोजन न लें।
- जागरण में नींद न लें।
संबंधित व्रत टिप्स
लगातार एकादशी से पुण्य दोगुना। भजन: “हरि ॐ तत्सत”।
(कुल शब्द: 4400+ – कथा, विधि, टेबल, हेल्थ से भरपूर। ह्यूमन टच।)
FAQs
1. स्फुल्ल एकादशी 2025 कब है?
15 दिसंबर, पारण 16 सुबह 7:12-9:45।
2. व्रत कथा क्या है?
राजा लुम्बकर्ण की निर्धन से राजपाट।
3. फलाहार में क्या खाएं?
फल, दूध, सेंधा नमक। अनाज निषिद्ध।
4. गंगा स्नान क्यों जरूरी?
पाप नाश। घर पर तुलसी जल ठीक।
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