दिल्ली के कई स्कूलों को बम धमकी ईमेल मिलने के बाद इंडियन स्कूल, अल्कॉन इंटरनेशनल समेत संस्थानों से बच्चों को तुरंत घर भेजा गया। पुलिस, बम स्क्वॉड और फायर ब्रिगेड की टीमें जांच में जुटी हैं, अब तक कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली।
दिल्ली स्कूलों में बम धमकी ईमेल: चरणबद्ध तरीके से बच्चों को घर भेजा गया, अब तक कुछ नहीं मिला
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बुधवार की सुबह कई स्कूलों को ईमेल के ज़रिये बम धमकी मिलने से अफरा-तफरी मच गई। इंडियन स्कूल, अल्कॉन इंटरनेशनल स्कूल और पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मी नगर व सादीक नगर इलाके के कुछ अन्य स्कूलों को संदिग्ध ईमेल आए, जिसके बाद स्कूल प्रबंधन ने तुरंत एहतियाती कदम उठाते हुए छात्रों को चरणबद्ध तरीके से घर भेजना शुरू कर दिया।
इंडियन स्कूल ने पैरेंट्स को भेजे नोटिस में साफ लिखा कि स्कूल को ईमेल के ज़रिये बम धमकी मिली है, इसलिए केवल एहतियातन बच्चों की डिस्पर्सल की जा रही है। नोटिस में कक्षा के हिसाब से समय भी तय किया गया – नर्सरी से कक्षा 2 तक के छात्रों के लिए 9:30 बजे, कक्षा 3 से 5 के लिए 9:45 बजे, कक्षा 6 से 8 के लिए 9:55 बजे और कक्षा 9 व उससे ऊपर के लिए 10:15 बजे का समय दिया गया, ताकि भीड़ और घबराहट दोनों को कंट्रोल किया जा सके।
इसी तरह अल्कॉन इंटरनेशनल स्कूल ने भी पैरेंट्स को संदेश भेजकर बताया कि सुबह मिले ईमेल थ्रेट के कारण 11:30 बजे सभी छात्रों की अर्ली डिस्पर्सल की जा रही है। स्कूल ने साफ किया कि बस यूज़र्स, वैन यूज़र्स और पैदल जाने वाले सभी बच्चों को एक साथ छोड़ा जाएगा और माता-पिता से अपील की गई कि वे वैन ड्राइवरों से समन्वय कर समय पर बच्चों को ले जाएं। नोटिस में यह भी लिखा गया कि छात्रों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और “कम्पीटेंट अथॉरिटीज़” से आगे की गाइडलाइन ली जा रही है।
दिल्ली पुलिस और फायर डिपार्टमेंट ने बताया कि उन्हें सुबह के समय एक से अधिक स्कूलों से बम धमकी की सूचना मिली। जैसे ही स्कूलों ने पुलिस को सूचित किया, कई टीमों के साथ बम डिस्पोज़ल स्क्वॉड, डॉग स्क्वॉड और फायर टेंडर मौके पर भेजे गए। शुरुआती जांच में अब तक किसी भी स्कूल परिसर से कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है, लेकिन एंटी-सैबोटाज चेक जारी हैं और तकनीकी टीम ईमेल की सोर्सिंग व आईपी ट्रेल की जांच कर रही है।
यह घटना ऐसे समय हुई है जब राजधानी पहले से ही सुरक्षा के मामले में हाई अलर्ट पर है। कुछ दिन पहले पुरानी दिल्ली में लाल किले के पास हुए धमाके में कम से कम 15 लोगों की मौत हुई थी, जिसके बाद सार्वजनिक जगहों पर सुरक्षा काफी बढ़ा दी गई थी। इसी पृष्ठभूमि में हाल के हफ्तों में कई संस्थानों को बम धमकी ईमेल मिल चुके हैं, जिनमें ज़्यादातर बाद में होक्स साबित किए गए हैं, लेकिन फिर भी हर कॉल को गंभीरता से लेते हुए पूरे प्रोटोकॉल के साथ जांच की जा रही है।
पिछले हफ्ते दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज और देशबंधु कॉलेज को भी आधी रात के आसपास ईमेल के ज़रिये बम धमकी मिली थी। सुबह प्रशासन के संज्ञान में आने के बाद दोनों कॉलेजों को खाली कराया गया, पुलिस और बम स्क्वॉड ने घंटों तलाशी ली और बाद में इन धमकियों को भी फर्जी माना गया। इससे पहले नवंबर में ब्रिटिश स्कूल, संस्कृति स्कूल, मॉडर्न स्कूल और कुछ अन्य प्रतिष्ठित स्कूलों को भी इसी तरह के ईमेल मिले थे, जिनमें अंदर बम लगाए जाने और तुरंत इवैक्युएशन की बात लिखी गई थी।
नए मामले में भी पैटर्न लगभग वैसा ही दिख रहा है – ईमेल में धमकी भरा मैसेज, तय समय पर “ब्लास्ट होने” की चेतावनी और सैकड़ों बच्चों की जान का हवाला देकर प्रशासन पर दबाव बनाने की कोशिश। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि पहले के मामलों और ताज़ा धमकियों के बीच कोई लिंक है या नहीं, और कहीं यह किसी संगठित गिरोह या ट्रोल नेटवर्क का काम तो नहीं जो दहशत फैलाकर सिस्टम से “रीएक्शन” लेना चाहता हो।
ऐसी घटनाओं का सबसे ज़्यादा असर बच्चों और माता-पिता की मानसिक शांति पर पड़ता है। अचानक फोन या मैसेज आना कि “स्कूल तुरंत आकर बच्चे को ले जाइए, बम की धमकी मिली है” किसी भी पैरेंट के लिए शॉक देने वाला होता है। इसलिए स्कूल प्रबंधन ने इस बार नोटिस में साफ तौर पर लिखा कि कदम “केवल एहतियात के तौर पर” उठाए जा रहे हैं, ताकि घबराहट कम हो और भीड़ में भगदड़ जैसी स्थिति न बने।
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि बार-बार फर्जी धमकी आने पर भी पुलिस और संस्थानों को लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए, क्योंकि असली खतरा भी ऐसे ही माहौल का फायदा उठाकर सामने आ सकता है। उनके मुताबिक, हर ईमेल की फॉरेंसिक जांच, समय पर इवैक्युएशन ड्रिल, पैरेंट्स के साथ साफ कम्युनिकेशन और बच्चों को बिना डराए सुरक्षा के बेसिक नियम सिखाना, ये सब मिलकर ऐसी स्थितियों से निपटने की क्षमता बढ़ाते हैं।
दिल्ली पुलिस ने अपील की है कि लोग अफवाहों से बचें और केवल आधिकारिक चैनलों से आई जानकारी पर भरोसा करें। फिलहाल सभी प्रभावित स्कूलों के परिसर की पूरी तरह जाँच की जा रही है और ईमेल भेजने वालों की पहचान के लिए साइबर सेल काम कर रही है। यदि यह धमकी भी फर्जी साबित होती है, तो पहले की तरह संबंधित धाराओं के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी, ताकि संस्थानों और बच्चों की सुरक्षा से “मजाक” करने वालों को स्पष्ट संदेश मिले।
FAQs (Hindi)
- किन-किन स्कूलों को बम धमकी ईमेल मिला?
इंडियन स्कूल, अल्कॉन इंटरनेशनल स्कूल और लक्ष्मी नगर व सादीक नगर क्षेत्र के कुछ अन्य स्कूलों सहित कम से कम दो से तीन स्कूलों को बुधवार सुबह ईमेल के ज़रिये धमकी मिली। - स्कूलों ने छात्रों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए?
स्कूलों ने तुरंत पैरेंट्स को नोटिस भेजकर अर्ली डिस्पर्सल की घोषणा की, कक्षा अनुसार समय तय किया और बच्चों को चरणबद्ध तरीके से घर भेजा, ताकि भीड़ और पैनिक न हो। - क्या अब तक किसी स्कूल में बम या संदिग्ध वस्तु मिली है?
अब तक पुलिस और बम डिस्पोज़ल स्क्वॉड की तलाशी में किसी भी स्कूल से कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है, हालांकि एंटी-सैबोटाज चेक जारी हैं। - हाल में ऐसे और भी मामले सामने आए हैं क्या?
हाँ, बीते दिनों दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस और देशबंधु कॉलेज समेत कई नामी स्कूलों व अदालत परिसरों को भी बम धमकी ईमेल मिले थे, जो जांच के बाद फर्जी पाए गए। - पुलिस आगे क्या कर रही है?
पुलिस साइबर सेल के साथ मिलकर ईमेल की सोर्सिंग, आईपी एड्रेस और पैटर्न की जांच कर रही है और दोषी पाए जाने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की बात कह रही है, साथ ही लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।
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