अमृतसर के 10–12 स्कूलों को बम धमकी ई‑मेल मिलने के बाद छात्रों को तुरंत खाली कराया गया और सभी स्कूलों को दिनभर के लिए बंद कर दिया गया; पुलिस ने एंटी‑सबोटाज चेक किए और कहा कि पिछली घटनाओं की तरह यह भी छात्रों की शरारत हो सकती है, घबराने की जरूरत नहीं।
ई‑मेल से बम धमकी, शहरभर में हड़कंप: अमृतसर के सभी स्कूल एहतियातन बंद, पुलिस ने कहा – घबराने की जरूरत नहीं
अमृतसर के कई स्कूलों को बम धमकी ई‑मेल, छात्र सुरक्षित निकाले गए – पुलिस ने कहा घबराने की जरूरत नहीं
पंजाब के अमृतसर शहर और आसपास के इलाकों में उस समय हड़कंप मच गया जब कई निजी और सरकारी स्कूलों को बम धमकी से भरे ई‑मेल प्राप्त हुए। शुक्रवार सुबह‑सुबह जैसे ही स्कूल प्रबंधन के पास संदिग्ध ई‑मेल पहुंचे, तुरंत सभी छात्रों को कक्षाओं से बाहर निकालकर सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया और अभिभावकों को अपने बच्चों को लेने के लिए स्कूल बुलाया गया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने शहर के सभी स्कूलों – सरकारी और प्राइवेट – को एहतियातन पूरे दिन के लिए बंद रखने के आदेश जारी कर दिए।
अमृतसर के पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने एक बयान में बताया कि शहर और ग्रामीण क्षेत्र के कई स्कूलों को एक संदिग्ध ई‑मेल प्राप्त हुआ, जिसके बाद हर स्कूल पर एक गजेटेड अधिकारी तैनात कर दिया गया और एंटी‑सबोटाज चेक शुरू कर दिए गए। उन्होंने कहा कि साइबर पुलिस स्टेशन इस ई‑मेल के सोर्स को “वार फुटिंग” पर ट्रैक कर रहा है और सभी वरिष्ठ अधिकारी तुरंत स्कूलों के कैंपस पर पहुंचकर सुरक्षा इंतज़ाम का जायजा ले रहे हैं।
10–12 स्कूलों को धमकी, बम स्क्वाड और डॉग स्क्वाड तैनात
अधिकारियों के मुताबिक, करीब 10 से 12 स्कूलों को बम धमकी वाले ई‑मेल मिले, जिनमें बम रखने और विस्फोट की बात लिखी गई थी, हालांकि ई‑मेल का कंटेंट सार्वजनिक नहीं किया गया। जैसे ही इन संदेशों की जानकारी प्रशासन और पुलिस तक पहुंची, फायर टेंडर, बम निरोधक दस्ते, डॉग स्क्वाड और स्थानीय पुलिस की टीमें स्कूल परिसरों में भेजी गईं और इमारतों, बस पार्किंग, बैग्स और अन्य जगहों की बारीकी से तलाशी ली गई।
पुलिस के अनुसार, सभी प्रभावित स्कूलों में एंटी‑सबोटाज चेक पूरे कर लिए गए और फिलहाल किसी भी स्कूल से कोई विस्फोटक या संदिग्ध वस्तु बरामद नहीं हुई है। अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (ADCP‑2) ने मीडिया से बातचीत में कहा कि “हमने सभी स्कूलों में चेकिंग करवा ली है, अभी तक कुछ नहीं मिला है, पहली नजर में ये सिर्फ एक होक्स यानी झूठी धमकी लगती है, लेकिन हम ई‑मेल भेजने वाले की पहचान के लिए जांच जारी रखे हुए हैं।”
घबराए अभिभावक, खाली कराए गए स्कूल
धमकी वाली खबर फैलते ही अभिभावकों में घबराहट फैल गई और बड़ी संख्या में माता‑पिता अपने बच्चों को लेने के लिए स्कूलों के बाहर पहुंच गए। कई स्कूलों ने मैसेज के जरिए तुरंत पैरेंट्स को सूचित किया कि सुरक्षा कारणों से स्कूल आज के लिए बंद कर दिया गया है और बच्चों को जल्द से जल्द घर ले जाएं। कुछ जगहों पर स्कूल गेट के बाहर लंबी कतारें देखी गईं जहां अभिभावक अपने बच्चों का नाम पुकारते हुए अंदर से बाहर आते छात्रों का इंतज़ार कर रहे थे।
जिला प्रशासन ने साफ किया कि सभी बच्चे, शिक्षक और स्टाफ सुरक्षित हैं और यह कदम केवल एहतियाती तौर पर उठाया गया है ताकि किसी भी तरह की जान‑माल की जोखिम से बचा जा सके। कई स्कूलों के प्रिंसिपल्स ने भी लोगों से अपील की कि अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक सूचना पर ही भरोसा करें।
पुलिस का बयान: “पैनिक न करें, पहले भी छात्र मिले थे जिम्मेदार”
कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने लोगों से शांति और संयम बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि पुलिस पूरी तरह अलर्ट है और सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल फॉलो किए जा रहे हैं। उन्होंने याद दिलाया कि पहले भी ऐसी घटनाओं में जांच के बाद पता चला था कि धमकी देने वाले संदेश कुछ छात्रों ने शरारत के तौर पर भेजे थे, जिनके खिलाफ बाद में कार्रवाई की गई और अभिभावकों को कड़ी चेतावनी दी गई।
रिपोर्टों के अनुसार, 2022 में अमृतसर के DAV पब्लिक स्कूल को सोशल मीडिया के माध्यम से फायरिंग और बम धमाके की धमकी दी गई थी, जिसके पीछे स्कूल के ही चार छात्रों का हाथ निकला था; उस समय भी पुलिस ने पूरी इमारत की तलाशी ली थी, लेकिन कुछ नहीं मिला और मामला “शरारती हरकत” साबित हुआ। उस घटना के बाद से पुलिस और स्कूल प्रबंधन अभिभावकों से बार‑बार अपील कर रहे हैं कि वे अपने बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर निगाह रखें ताकि इस तरह की हरकतें दोबारा न हों।
साइबर पुलिस और अन्य एजेंसियां कैसे कर रही हैं जांच?
इस बार की धमकियों में ई‑मेल का इस्तेमाल किया गया है, इसलिए साइबर पुलिस स्टेशन, राज्य की साइबर यूनिट और केंद्र की कुछ एजेंसियां मिलकर ई‑मेल भेजने वाले की पहचान करने की कोशिश कर रही हैं। जांच टीमें सर्वर लॉग, IP एड्रेस, मेल सर्विस प्रोवाइडर और संभावित VPN या फर्जी अकाउंट की डिटेल्स खंगाल रही हैं, ताकि यह तय किया जा सके कि धमकी देश के भीतर से भेजी गई या किसी बाहरी सर्वर के माध्यम से।
अधिकारी मानते हैं कि भले ही शुरुआती संकेत इसे होक्स या “मischief” की ओर इशारा कर रहे हों, फिर भी स्कूलों और बच्चों की सुरक्षा से जुड़े किसी भी ALERT को हल्के में नहीं लिया जा सकता। इसलिए जांच पूरी होने तक शहर की शैक्षणिक संस्थाओं के आसपास पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई है और संदिग्ध गतिविधियों पर खास नजर रखी जा रही है।
अभिभावकों और स्कूलों के लिए क्या सीख?
विशेषज्ञों का मानना है कि बार‑बार होने वाली होक्स धमकियां भी एक तरह से स्कूलों की सुरक्षा व्यवस्था की परीक्षा लेती हैं और सिस्टम को मजबूत बनाने का मौका देती हैं। स्कूलों को सलाह दी जा रही है कि वे इमरजेंसी इवैक्यूएशन ड्रिल नियमित रूप से कराएं, सिक्योरिटी कैमरा और विजिटर लॉग सिस्टम को अपडेट रखें और किसी भी संदिग्ध ई‑मेल या संदेश की सूचना तत्काल पुलिस को दें।
अभिभावकों के लिए भी यह जरूरी है कि वे बच्चों से बातचीत कर उन्हें समझाएं कि बम धमकी या हिंसा से जुड़ी “मजाकिया” हरकतें भी गंभीर अपराध मानी जाती हैं, जिनसे न केवल क़ानूनी कार्रवाई हो सकती है बल्कि पूरे शहर में डर और तनाव का माहौल बन जाता है। साथ ही, बच्चों के मोबाइल और सोशल मीडिया उपयोग पर संतुलित निगरानी रखकर उन्हें जिम्मेदार डिजिटल नागरिक बनने की दिशा में गाइड करना समय की मांग है।
5 FAQs (Hindi)
- अमृतसर में कितने स्कूलों को बम धमकी ई‑मेल मिले?
पुलिस के अनुसार, लगभग 10–12 स्कूलों को संदिग्ध बम धमकी ई‑मेल भेजे गए, जिनमें से कई निजी स्कूल थे। - धमकी के बाद छात्रों और स्कूलों के साथ क्या किया गया?
सभी प्रभावित स्कूलों में तुरंत छात्रों, शिक्षकों और स्टाफ को इमारत से बाहर निकालकर सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया और जिला प्रशासन ने शहर के सभी स्कूलों को एक दिन के लिए बंद करने का आदेश दिया। - क्या किसी स्कूल में बम या विस्फोटक मिला?
अब तक की एंटी‑सबोटाज जांच में किसी भी स्कूल में कोई बम या संदिग्ध वस्तु नहीं मिली, इसलिए पुलिस इसे प्राथमिक तौर पर होक्स मान रही है। - पुलिस और साइबर सेल इस मामले की जांच कैसे कर रहे हैं?
साइबर पुलिस ई‑मेल के सोर्स को ट्रैक कर रही है, IP लॉग, सर्वर डिटेल्स और अकाउंट जानकारी की जांच कर रही है, जबकि स्थानीय थाने, राज्य साइबर यूनिट और केंद्रीय एजेंसियां भी मदद कर रही हैं। - पहले भी क्या ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं?
हां, 2022 और 2025 की कुछ घटनाओं में जांच से पता चला कि धमकी संदेश स्कूल के ही कुछ छात्रों ने फर्जी आईडी और अनुवाद टूल्स का उपयोग करके भेजे थे, जिन्हें बाद में “शरारत” मानते हुए कड़ी चेतावनी दी गई।
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