Home स्पोर्ट्स भारत की पहली Squash World Cup जीत:LA 2028 Olympic का Golden Ticket या सिर्फ शुरुआत?
स्पोर्ट्स

भारत की पहली Squash World Cup जीत:LA 2028 Olympic का Golden Ticket या सिर्फ शुरुआत?

Share
Squash World Cup
Share

भारत ने पहली बार Squash World Cup जीता! जोशना चिनप्पा, अभय सिंह और अनahat सिंह के कमाल से हॉन्गकॉन्ग को 3-0 से हराया। LA 2028 Olympic की तैयारी, खिलाड़ियों की कहानियां और भारत में स्क्वैश का भविष्य जानें।

भारत की Squash World Cup जीत:एशिया का पहला चैंपियन कैसे बना?

सोचिए, एक ऐसा खेल जो भारत में अभी भी क्रिकेट की छाया में खेला जाता है, लेकिन रविवार को चेन्नई के एक्सप्रेस एवेन्यू मॉल में उसने इतिहास रच दिया। भारत ने पहली बार स्क्वैश वर्ल्ड कप का खिताब जीत लिया। हॉन्गकॉन्ग को 3-0 से धूल चटा दी और एशिया का पहला देश बन गया जो इस मुकाम पर पहुंचा। यह जीत सिर्फ ट्रॉफी नहीं, बल्कि लॉस एंजेलिस 2028 ओलंपिक के लिए बड़ा बूस्ट है, जहां स्क्वैश पहली बार ओलंपिक में आएगा।

यह जीत आसान नहीं थी। भारत ने पूरे टूर्नामेंट में एक भी टाई नहीं हारी। ग्रुप स्टेज में स्विट्जरलैंड और ब्राजील को 4-0 से हराया, क्वार्टरफाइनल में साउथ अफ्रीका और सेमीफाइनल में दो बार के चैंपियन मिस्र को 3-0 से। फाइनल में जोशना चिनप्पा ने दुनिया की 37वीं रैंकिंग वाली ली का यी को 3-1 से मात दी। फिर अभय सिंह ने एलेक्स लाउ को 3-0 से। और 17 साल की अनahat सिंह ने टोमाटो हो को 3-0 से ध्वस्त कर खिताब पक्का किया। वेलावन सेन्थिलकुमार को मैदान में आने की जरूरत ही न पड़ी।

यह जीत भारत को ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और मिस्र के बाद चौथा देश बनाती है जो वर्ल्ड कप जीत चुका। PSA वर्ल्ड रैंकिंग में 79वीं जोशना का कमबैक, 29वें नंबर के अभय का दबदबा और जूनियर सेंसेशन अनahat का जलवा – ये सब मिलकर एक नई स्क्वैश क्रांति की शुरुआत कर रहे हैं। लेकिन सवाल यह है, क्या यह ओलंपिक गोल्ड तक पहुंच पाएगी?

स्क्वैश क्या है? बेसिक्स जो हर भारतीय को पता होने चाहिए

स्क्वैश एक तेज रफ्तार रैकेट स्पोर्ट है, जो कोर्ट की चार दीवारों पर खेला जाता है। रबर की गेंद को रैकेट से मारकर विरोधी को रिटर्न न करने दिया जाता है। यह टेनिस और बैडमिंटन का मिक्स लगता है, लेकिन दीवारों की वजह से स्ट्रैटेजी ज्यादा गहरी होती है। एक मैच 3 या 5 गेम्स का होता है, हर गेम 11 पॉइंट्स तक।

भारत में स्क्वैश की शुरुआत 20वीं सदी में ब्रिटिश काल में हुई। मुंबई और चेन्नई जैसे शहरों में क्लब बने। आज PSA टूर पर भारतीय खिलाड़ी चमक रहे हैं। विश्व स्क्वैश फेडरेशन के मुताबिक, दुनिया में 2 करोड़ से ज्यादा खिलाड़ी हैं, लेकिन भारत में सिर्फ 3-4 लाख। यह जीत इसे पॉपुलर बनाने का मौका है।

भारतीय टीम के हीरोज: हर खिलाड़ी की अनसुनी कहानी

जोशना चिनप्पा: 39 साल की वेटरन का कमबैक
जोशना PSA रैंकिंग में 79वीं हैं, लेकिन अनुभव में नंबर 1। फाइनल के पहले मैच में ली का यी को 7-3, 2-7, 7-5, 7-1 से हराया। यह उनका आखिरी बड़ा टूर्नामेंट हो सकता है। जोशना ने 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स गोल्ड जीता, लेकिन चोटों ने परेशान किया। उनकी ट्रेनिंग में योग और आयुर्वेदिक थेरेपी शामिल है, जो रिकवरी में मदद करती है। ICMR की एक स्टडी बताती है कि योग से एथलीट्स की मसल रिकवरी 20-30% तेज होती है।

अभय सिंह: पुरुष सिंगल्स का नया चैंपियन
विश्व नंबर 29 अभय ने एलेक्स लाउ को 7-1, 7-4, 7-4 से सीधे सेट्स में हराया। एशियन गेम्स मेडलिस्ट अभय की स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और डाइट पर फोकस है। वह मिलेट्स और प्रोटीन शेक्स पर चलते हैं। NIH की रिसर्च के अनुसार, हाई-प्रोटीन डाइट मसल बिल्डिंग में 25% बेहतर रिजल्ट देती है।

अनahat सिंह: 17 साल की सेंसेशन
world No. 31 टोमाटो हो को 7-2, 7-2, 7-5 से ब्लैंक किया। अनahat ने जूनियर वर्ल्ड नंबर 1 का तमगा हासिल किया है। उनकी स्पीड और फुटवर्क कमाल का है। कोच कहते हैं, वह रोज 4 घंटे प्रैक्टिस करती हैं। WHO की फिटनेस गाइडलाइंस में 150 मिनट वीकली एरोबिक एक्टिविटी स्ट्रेस कम करने के लिए बताई गई है।

वेलावन सेन्थिलकुमार: बेंच पर ही जीत का हीरो
नेशनल चैंपियन वेलावन को खेलने न पड़े, लेकिन उनकी मौजूदगी ने टीम को मजबूती दी। वह world No. 10 के करीब हैं।

खिलाड़ीPSA रैंकिंगफाइनल मैच स्कोरकी उपलब्धियां
जोशना चिनप्पा793-1 (7-3,2-7,7-5,7-1)कॉमनवेल्थ गोल्ड, 100+ PSA टाइटल्स
अभय सिंह293-0 (7-1,7-4,7-4)एशियन गेम्स मेडल
अनahat सिंह25 (जूनियर)3-0 (7-2,7-2,7-5)जूनियर वर्ल्ड No.1
वेलावन~10नहीं खेलानेशनल चैंपियन 

टूर्नामेंट का सफर: अंडिफीटेड रन की पूरी कहानी

ग्रुप स्टेज: स्विट्जरलैंड 4-0, ब्राजील 4-0। क्वार्टर: साउथ अफ्रीका 3-0। सेमी: मिस्र 3-0। फाइनल: हॉन्गकॉन्ग 3-0। भारत दूसरा सीड था। यह 2023 ब्रॉन्ज से सुधार है। Squash World Cup 1981 से खेला जाता है, भारत पहला एशियाई विजेता।

  • ग्रुप स्टेज हाईलाइट्स: जोशना ने टॉप प्लेयर्स को हराया।
  • क्वार्टरफाइनल: टाइट मैचेस, लेकिन क्लिन स्वीप।
  • सेमीफाइनल: मिस्र के खिलाफ प्रेशर हैंडलिंग।
  • फाइनल: परफेक्ट स्टार्ट से सील।

स्क्वैश के हेल्थ बेनिफिट्स: क्यों खेलें हर उम्र के लोग?

स्क्वैश कार्डियो, स्ट्रेंथ और एजिलिटी का कमाल है। हार्वर्ड स्टडी के मुताबिक, स्क्वैश खेलने से हार्ट अटैक रिस्क 50% कम। 1 घंटे में 800-1000 कैलोरी बर्न। ICMR की रिपोर्ट में कहा गया, एरोबिक स्पोर्ट्स डायबिटीज कंट्रोल में 30% बेहतर।

आयुर्वेद में इसे ‘वात-पित्त संतुलन’ कहा जाता है। दीवारों से रिफ्लेक्स तेज होते हैं। बच्चों के लिए फोकस बढ़ाता है।

  • हार्ट हेल्थ: ब्लड प्रेशर कंट्रोल।
  • वेट लॉस: हाई इंटेंसिटी।
  • मेंटल हेल्थ: स्ट्रेस रिलीज, WHO मानता है।

भारत में स्क्वैश का भविष्य: ओलंपिक 2028 की रोडमैप

LA 2028 में स्क्वैश डेब्यू करेगा। यह जीत बूस्ट है। सरकारी सपोर्ट बढ़ेगा। PSB फंडिंग मिलेगी। चेन्नई, मुंबई में एकेडमी बढ़ेंगी।

  • चुनौतियां: इंफ्रास्ट्रक्चर कम, कोचिंग।
  • अवसर: 200 मिलियन युवा पॉपुलेशन।
  • टारगेट: मिक्स्ड टीम इवेंट में गोल्ड।

ICMR की स्पोर्ट्स साइंस रिसर्च से पता चलता है, प्रोपर ट्रेनिंग से इंजरी 40% कम।

ट्रेनिंग टिप्स: घर पर स्क्वैश स्टार कैसे बनें?

  1. बेसिक्स: रैकेट (Dunlop/Squash), गेंद, शूज।
  2. वॉल प्रैक्टिस: दीवार से गेंद मारो।
  3. फिटनेस: जंपिंग जैक, लंजेस।
  4. डाइट: प्रोटीन 1.6g/kg बॉडी वेट (NIH)।
  5. योग: सूर्य नमस्कार रिफ्लेक्स के लिए।

स्क्वैश जॉइन कैसे करें? भारत के टॉप क्लब्स

  • चेन्नई: SDAT कोर्ट।
  • मुंबई: Willingdon Sports Club।
  • दिल्ली: DFS।
  • ऑनलाइन: Squash India ऐप।

महिलाओं में स्क्वैश: अनahat जैसी नेक्स्ट जेन

17 साल की अनahat ने प्रूव किया, लड़कियां कमाल कर सकती हैं। भारत में 40% जूनियर गर्ल्स खेल रही।

ग्लोबल कॉन्टेक्स्ट: भारत vs वर्ल्ड पावरहाउस

ऑस्ट्रेलिया 5 टाइटल, इंग्लैंड 4। भारत नया चैलेंजर।

FAQs

1. स्क्वैश वर्ल्ड कप 2025 में भारत ने कौन-कौन से मैच जीते?
भारत अंडिफीटेड रहा। ग्रुप में स्विट्जरलैंड और ब्राजील 4-0, क्वार्टर साउथ अफ्रीका 3-0, सेमी मिस्र 3-0, फाइनल हॉन्गकॉन्ग 3-0। जोशना, अभय और अनahat ने फाइनल में जीत पक्की की।

2. LA 2028 ओलंपिक में स्क्वैश कैसे होगा?
मिक्स्ड टीम इवेंट में 2 पुरुष, 2 महिलाएं। भारत की यह जीत क्वालीफिकेशन में मदद करेगी। IOC ने 2023 में शामिल किया। ट्रेनिंग कैंप्स बढ़ेंगे।

3. स्क्वैश खेलने के लिए क्या सामान चाहिए और कितना खर्च?
रैकेट 2000-5000 Rs, गेंद 300 Rs, शूज 3000 Rs। कोर्ट में घंटे 500 Rs। घर पर वॉल से शुरू करें। बच्चों के लिए 10k में किट।

4. स्क्वैश से वजन कम कैसे होता है, कोई स्टडी?
1 घंटे में 800 कैलोरी बर्न। हार्वर्ड स्टडी: लंबे समय तक हार्ट हेल्थ बेस्ट। ICMR: डायबिटीज पेशेंट्स के लिए HIIT जैसा फायदेमंद।

5. भारत में स्क्वैश सीखने के बेस्ट सेंटर कहां?
चेन्नई SDAT, मुंबई RFYC, दिल्ली Squash Point। ऑनलाइन कोचिंग YouTube/PSAI। जूनियर्स के लिए PDTI अकादमी।

Share

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

Mohali Kabaddi Match-Rana Balachauria को मैच से ठीक पहले मारी गोली,सोहाना ग्राउंड पर हड़बड़ी!

Mohali Kabaddi Match में गोलीबारी: खिलाड़ी-आयोजक Rana Balachauria पर बुलेटो की बौछार,...

Axar Patel चोट:Shahbaz Ahmed IND vs SA T20I स्क्वॉड में शामिल,रोटेशन पॉलिसी का असर?

Axar Patel SA T20I के बाकी मैचों से बाहर। शाहबाज़ अहमद IPL...

IPL 2026-KKR के 64 करोड़ पर्स से कौन बनेगा सबसे महंगा खिलाड़ी?

IPL 2026 मिनी ऑक्शन 16 दिसंबर अबू धाबी में सुबह 2:30 IST...

Suryakumar Yadav Out Of Run लेकिन Form में:T20I Captain का राज खोलते हुए बड़े Return का वादा!

Suryakumar Yadav बोले ‘फॉर्म में हूं लेकिन रन नहीं आ रहे’। धरमशाला...