अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वेनेज़ुएला के प्रतिबंधित ऑइल टैंकरों की ‘टोटल और कम्प्लीट’ नाकेबंदी का आदेश दिया। मादुरो सरकार को ‘विदेशी आतंकी संगठन’ घोषित कर दबाव बढ़ाया, तेल कीमतें चढ़ीं और वेनेज़ुएला की पहले से जख्मी अर्थव्यवस्था पर नया झटका लगा।
वेनेज़ुएला की तेल नाकाबंदी: ट्रंप ने मादुरो शासन को ‘विदेशी आतंकी संगठन’ घोषित कर दिया, तेल की कीमतें उछलीं
ट्रंप ने क्या आदेश दिया?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की कि वे वेनेज़ुएला में आने–जाने वाले सभी ‘प्रतिबंधित’ ऑइल टैंकरों की “TOTAL AND COMPLETE BLOCKADE” यानी पूरी नाकेबंदी का आदेश दे रहे हैं। यह कदम कैरिबियन क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य तैनाती और संभावित ज़मीनी हमलों की चेतावनियों के बीच उठाया गया, जिससे वेनेज़ुएला पर दबाव और बढ़ गया।
ट्रंप ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि “वेनेज़ुएला चारों तरफ से दक्षिण अमेरिका के इतिहास की सबसे बड़ी आर्माडा से घिरा हुआ है” और चेतावनी दी कि यह सैन्य घेरा और बढ़ेगा, जब तक वेनेज़ुएला “संयुक्त राज्य अमेरिका से चोरी किए गए तेल, जमीन और अन्य संपत्तियां” वापस नहीं कर देता। इस बयान के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उछाल देखा गया और वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) में करीब 1.7% तक की छलांग लग गई।
मादुरो शासन को ‘विदेशी आतंकी संगठन’ की सूची में डालने की धमकी
ट्रंप ने सिर्फ आर्थिक पाबंदियों पर ही जोर नहीं दिया, बल्कि वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की सरकार को औपचारिक रूप से “FOREIGN TERRORIST ORGANIZATION” यानी विदेशी आतंकी संगठन के रूप में नामित करने की भी घोषणा की। उनके अनुसार “अवैध मादुरो शासन” चोरी किए गए तेल से “ड्रग टेररिज़्म, ह्यूमन ट्रैफिकिंग, मर्डर और किडनैपिंग” को फंड कर रहा है।
अमेरिका पहले ही मादुरो शासन पर लंबे समय से नार्को–ट्रैफिकिंग और संगठित अपराध से जुड़े होने के आरोप लगाता रहा है। हाल में अमेरिकी विदेश विभाग ने मादुरो से जुड़े तथाकथित “Cartel de los Soles” (कार्टेल दे लॉस सोलेस) को भी टेररिस्ट ग्रुप के तौर पर निशाने पर लिया, जिससे मटेरियल सपोर्ट, संपत्ति जब्ती और वीजा/इमिग्रेशन से जुड़े कड़े कदम संभव हो गए हैं।
टैंकरों की नाकेबंदी और ‘The Skipper’ की जब्ती
ट्रंप प्रशासन ने कुछ दिन पहले ही वेनेज़ुएला तट के पास एक प्रतिबंधित ऑइल टैंकर “The Skipper” को जब्त किया था, जो कथित तौर पर वेनेज़ुएला और ईरान से जुड़े प्रतिबंधित तेल की ढुलाई में शामिल था। इस जब्ती के बाद वेनेज़ुएला के लिए जा रहे चार सुपरटैंकरों ने अपना रास्ता बदल लिया और दूसरी दिशाओं में रवाना हो गए, जिससे संकेत मिला कि शिपिंग इंडस्ट्री पर अमेरिकी कार्रवाई का मनोवैज्ञानिक और व्यावसायिक दबाव पड़ रहा है।
अमेरिकी नौसेना और कोस्ट गार्ड ने पिछले कुछ महीनों में वेनेज़ुएला और कोलंबिया के पास संदिग्ध ड्रग–ट्रैफिकिंग जहाजों पर 20 से अधिक हमले किए, जिनमें दर्जनों लोग मारे गए। ट्रंप ने कई बार यह संकेत दिया है कि समुद्री हमलों के बाद अगला कदम भूमि–आधारित स्ट्राइक हो सकता है और मादुरो को सत्ता से हटाने के विकल्प को “रूल आउट” नहीं किया गया है।
वेनेज़ुएला की तेल अर्थव्यवस्था पर असर
वेनेज़ुएला दुनिया के सबसे बड़े प्रमाणित तेल भंडार वाला देश है, लेकिन पिछले एक दशक में तेल उत्पादन में भारी गिरावट आई है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, वेनेज़ुएला से एक महीने में औसतन लगभग 5.9 लाख बैरल प्रतिदिन क्रूड ऑयल लोड होकर निर्यात के लिए रवाना हुआ, जबकि दुनिया की कुल खपत 10 करोड़ बैरल प्रतिदिन से अधिक है – यानी वैश्विक पैमाने पर हिस्सा छोटा लेकिन क्षेत्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण।
अमेरिकी प्रतिबंधों और ट्रेडिंग कंडिशन कड़े होने के बाद से वेनेज़ुएला की सरकार के लिए डॉलर की उपलब्धता तेज़ी से घटी है। स्थानीय अनुमानों के मुताबिक, 2025 के पहले दस महीनों में सरकार के डॉलर रिज़र्व में लगभग 30% की गिरावट आई, जिससे विनिमय दर पर दबाव बढ़ा और महंगाई ने फिर रफ्तार पकड़ ली। निजी अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि साल के अंत तक वेनेज़ुएला में वार्षिक मुद्रास्फीति 400% से ऊपर पहुंच सकती है।
PDVSA, चेवरोन और अंतरराष्ट्रीय तेल कंपनियों की स्थिति
वेनेज़ुएला की सरकारी तेल कंपनी PDVSA (Petroleos de Venezuela SA) देश की पेट्रोलियम इंडस्ट्री की धुरी है और कई अंतरराष्ट्रीय पार्टनर्स के साथ मिलकर उत्पादन करती है। अमेरिकी कंपनी Chevron कॉर्प भी PDVSA के साथ जॉइंट वेंचर में तेल निकालती है और अमेरिकी वित्त मंत्रालय (US Treasury) से मिले विशेष लाइसेंस के तहत प्रतिबंधों के बीच सीमित रूप से काम जारी रखे हुए है।
टैंकर “The Skipper” की जब्ती के बाद Chevron ने वेनेज़ुएला क्रूड की कीमत अमेरिकी रिफाइनरियों के लिए और कम कर दी, ताकि प्रतिबंधों और भू–राजनीतिक जोखिम के बीच भी उसका तेल बिकता रहे। कंपनी ने स्पष्ट किया कि वे अपने ऑपरेशन अमेरिकी कानूनों और लागू प्रतिबंध ढांचे के अनुरूप चला रहे हैं, हालांकि मार्केट विश्लेषकों का कहना है कि ऐसे फैसले काले बाज़ार और ‘ग्रे ट्रेड’ को और बढ़ावा दे सकते हैं।
तेल कीमतों और वैश्विक बाज़ार में हलचल
ट्रंप की नाकेबंदी घोषणा के तुरंत बाद अंतरराष्ट्रीय तेल बाज़ार में कीमतें उछल गईं। WTI और ब्रेंट दोनों में करीब 1% से 2% तक की तेज़ी दर्ज की गई, क्योंकि शिपरों और ट्रेडर्स को आशंका है कि वेनेज़ुएला से निकलने वाले पहले से ही सीमित तेल प्रवाह पर और चोट पड़ेगी और कार्गो रूट्स पर भू–राजनीतिक जोखिम प्रीमियम बढ़ेगा।
विश्लेषकों का मानना है कि भले ही वेनेज़ुएला की हिस्सेदारी वैश्विक सप्लाई में बहुत बड़ी न हो, लेकिन “समुद्री रास्तों पर सैन्य टकराव” जैसे जोखिम भावनात्मक रूप से मार्केट को झकझोरते हैं। ऐसे माहौल में छोटे–मोटे सप्लाई झटके भी सेंटिमेंट के कारण कीमतों को ऊपर धकेल सकते हैं, खासकर जब पहले से रूस, ईरान जैसे अन्य प्रतिबंधित स्रोत भी मार्केट में अनिश्चितता ला रहे हों।
मादुरो सरकार की प्रतिक्रिया और आंतरिक मोर्चा
निकोलस मादुरो की सरकार लंबे समय से अमेरिकी कार्रवाई को अपने तेल संसाधनों पर कब्ज़े की कोशिश बता रही है। वेनेज़ुएला का कहना है कि अमेरिका “वर्ल्ड के सबसे बड़े ऑयल रिज़र्व” पर नज़र गड़ाए हुए है और आर्थिक–सैन्य दबाव के ज़रिए शासन को बदलना चाहता है।
मादुरो ने हाल के महीनों में जनता से अपील की है कि वे “अमेरिकी हमले” के खिलाफ एकजुट हों और नागरिक मिलिशिया में शामिल हों, जिसके बारे में उनका दावा है कि इसमें 80 लाख से अधिक सदस्य हैं। उन्होंने कोलंबिया की सीमा, कुछ तटीय राज्यों और एक द्वीप पर सेना, नौसेना, एयरक्राफ्ट और ड्रोन तैनात कर दिए हैं। अमेरिकी टैंकर जब्ती को उन्होंने “क्रिमिनल और इल्लीगल” करार दिया और कहा कि वेनेज़ुएला अपने संसाधनों की रक्षा करेगा।
व्हाइट हाउस की सोच: ‘जब तक मादुरो झुक न जाए’
व्हाइट हाउस चीफ ऑफ स्टाफ सूज़ी वाइल्स ने Vanity Fair को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि ट्रंप की वेनेज़ुएला नीति का मकसद मादुरो पर अधिकतम दबाव बनाना है। रिपोर्ट के अनुसार, वाइल्स ने कहा कि ट्रंप “किश्तों में नावें उड़ाते रहना चाहते हैं, जब तक कि मादुरो ‘क्राई अंकल’ न कह दें” – यानी सरेंडर या समझौता करने को मजबूर न हो जाएं।
अधिकारी इसे ड्रग–ट्रैफिकिंग के खिलाफ ऑपरेशन के रूप में पेश कर रहे हैं, लेकिन आलोचकों का कहना है कि सैन्य और आर्थिक दोनों स्तरों पर यह अभियान ‘रेजिम चेंज’ की ओर बढ़ता दिख रहा है। इससे नागरिक आबादी, खासकर पहले से महंगाई और बेरोज़गारी से जूझ रहे वेनेज़ुएलावासियों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है।
वेनेज़ुएला की जनता पर आर्थिक बोझ
तेल निर्यात पर निर्भर वेनेज़ुएला की अर्थव्यवस्था कई सालों से संकट में है, लेकिन हाल की पाबंदियां और नाकेबंदी ने इस संकट को और गहरा किया है। डॉलर की कमी, गिरती मुद्रा, और 400% से ऊपर की अनुमानित मुद्रास्फीति का मतलब है कि आम लोगों के लिए रोजमर्रा का सामान, दवाइयां और इंधन तक महंगे और कम उपलब्ध हो रहे हैं।
बाजार में सरकारी सब्सिडी घटने और ब्लैक मार्केट रेट बढ़ने से लोगों की वास्तविक आय लगातार घट रही है। कई रिपोर्टों में बताया गया है कि वेनेज़ुएला से बड़े पैमाने पर पलायन जारी है और लाखों लोग बेहतर जीवन की तलाश में पड़ोसी देशों की ओर जा रहे हैं, जिससे पूरे लैटिन अमेरिका में एक मानवीय और शरणार्थी संकट आकार ले रहा है।
5 अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
- सवाल: ट्रंप ने वेनेज़ुएला के खिलाफ अभी कौन सा नया कदम उठाया है?
जवाब: ट्रंप ने सोशल मीडिया पर घोषणा की कि वे वेनेज़ुएला आने–जाने वाले सभी “sanctioned oil tankers” की “total and complete blockade” का आदेश दे रहे हैं, यानी प्रतिबंधित टैंकरों की पूरी नाकेबंदी होगी। - सवाल: ‘सबसे बड़ी आर्माडा’ वाली बात क्या है?
जवाब: ट्रंप ने दावा किया कि वेनेज़ुएला “दक्षिण अमेरिका के इतिहास की सबसे बड़ी आर्माडा” से चारों तरफ से घिरा हुआ है और चेतावनी दी कि यह सैन्य घेरा तब तक और बढ़ता रहेगा, जब तक वेनेज़ुएला तेल, जमीन और संपत्तियां अमेरिका को वापस नहीं देता। - सवाल: वेनेज़ुएला की तेल अर्थव्यवस्था पर इसका क्या असर पड़ेगा?
जवाब: वेनेज़ुएला पहले से ही कड़े प्रतिबंधों के कारण कमजोर है; वह हाल में लगभग 5.9 लाख बैरल प्रतिदिन निर्यात कर रहा था। डॉलर आपूर्ति में 30% गिरावट और 400% से ऊपर की अनुमानित सालाना मुद्रास्फीति के बीच नाकेबंदी से उसकी आय और घट सकती है और महंगाई व कमी और बढ़ सकती है। - सवाल: ‘The Skipper’ नामक टैंकर का इस कहानी में क्या रोल है?
जवाब: अमेरिका ने वेनेज़ुएला तट के पास प्रतिबंधित तेल ले जा रहे टैंकर “The Skipper” को जब्त कर लिया, जिसके बाद वेनेज़ुएला के लिए जा रहे चार अन्य सुपरटैंकरों ने अपना रास्ता बदल लिया। इस जब्ती को अमेरिकी दबाव की ‘फिजिकल इंटरडिक्शन’ वाली नई स्टेज माना जा रहा है। - सवाल: मादुरो सरकार और अमेरिकी प्रशासन के बीच अगला कदम क्या हो सकता है?
जवाब: मादुरो इसे तेल–लूट की कोशिश और अवैध हमला बता रहे हैं और उन्होंने सेना व नागरिक मिलिशिया को तैयार रहने को कहा है, जबकि व्हाइट हाउस खुले तौर पर कह रहा है कि वे सैन्य और आर्थिक दबाव बढ़ाते रहेंगे, जब तक मादुरो झुक न जाएं। विशेषज्ञों के अनुसार, आगे समुद्री टकराव और गहराते आर्थिक संकट दोनों की आशंका बनी हुई है।
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