NCP नेता माणिकराव कोकटे को 1995 चीटिंग केस में बॉम्बे हाईकोर्ट ने 1 लाख बॉन्ड पर जमानत दी। 30 साल पुराना मामला, राजनीतिक करियर पर साया हटेगा? NCP महाराष्ट्र में क्या असर
30 साल पुराने चीटिंग केस में NCP नेता को राहत: बॉम्बे HC ने 1 लाख बॉन्ड पर जमानत दी!
NCP नेता माणिकराव कोकटे को 30 साल बाद न्याय: बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमानत दी
19 दिसंबर 2025 को बॉम्बे हाईकोर्ट ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता माणिकराव कोकटे को 1995 के एक चीटिंग केस में राहत दी। कोकटे को मात्र 1 लाख रुपये के बॉन्ड पर जमानत मिल गई। ये फैसला 30 साल पुराने मामले में आया, जो उनके राजनीतिक करियर पर लंबे समय से साया डाले हुए था। कोकटे महाराष्ट्र NCP के वरिष्ठ नेता हैं और कई बार विधायक रह चुके।
1995 का ये चीटिंग केस कोकटे पर धोखाधड़ी के आरोपों से जुड़ा। मामला दर्ज होने के बाद कोर्ट प्रोसीडिंग्स चलीं, लेकिन अब हाईकोर्ट ने जमानत दे दी। कोकटे ने बॉन्ड भरकर जमानत ली। ये फैसला NCP के लिए राहत की सांस है, खासकर महाराष्ट्र राजनीति में जहां पार्टी पहले से ही शरद पवार और अजित पवार गुट के झगड़े से जूझ रही। कोकटे का राजनीतिक सफर लंबा है – उन्होंने ग्रामीण इलाकों से कई चुनाव लड़े।
मामले की पृष्ठभूमि: 1995 चीटिंग केस
1995 में कोकटे पर किसी बिजनेस डील में धोखाधड़ी का आरोप लगा। शिकायतकर्ता ने दावा किया कि कोकटे ने पैसे लेकर काम नहीं किया। मामला कोर्ट पहुंचा, चार्जशीट हुई। सालों की सुनवाई चली। कोकटे ने हमेशा बेगुनाही का दावा किया। अब हाईकोर्ट ने सबूतों और कानूनी प्रावधानों के आधार पर जमानत दी। ये आमतौर पर तब होता जब ट्रायल लंबा खिंच जाए या आरोपी फरार न हो।
NCP पर असर: महाराष्ट्र पॉलिटिक्स में ट्विस्ट
NCP महाराष्ट्र में 2023-24 के विधानसभा चुनावों में बंटी। अजित पवार गुट महायुति में, शरद पवार गुट MVA में। कोकटे शरद पवार गुट के लॉयलिस्ट माने जाते। ये जमानत उनके पॉलिटिकल कमबैक का दरवाजा खोलेगी। पार्टी के कई नेता कानूनी मामलों में फंसे रहते – नवाब मलिक, जितेंद्र अव्हाड जैसे। कोकटे की जमानत से पार्टी मोरेल बूस्ट।
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