26 दिसंबर से भारतीय रेलवे ने किराया बढ़ाया: नॉन-AC में हर 500 KM पर 10 रुपये ज्यादा, 2 पैसे/KM मेल-एक्सप्रेस। AC भी महंगा। सालाना 600 करोड़ कमाई, मैनपावर कॉस्ट 1.15 लाख करोड़। लोकल ट्रेन सस्ती
26 दिसंबर से रेल यात्रा महंगी: 500 KM पर 10 रुपये एक्स्ट्रा, लोकल ट्रेन सेफ!
रेलवे का नया किराया बढ़ोतरी: 26 दिसंबर से लंबी यात्राएं महंगी, नॉन-AC पर सबसे ज्यादा असर
26 दिसंबर 2025 से भारतीय रेलवे ने ट्रेन किराए में बढ़ोतरी कर दी है। लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों को ज्यादा खर्च करना पड़ेगा। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 500 किलोमीटर तक की नॉन-एसी कोच यात्रा पर 10 रुपये अतिरिक्त। लेकिन उपनगरीय (लोकल) ट्रेनें और मंथली सीजन टिकट (MST) पर कोई बढ़ोतरी नहीं। सामान्य श्रेणी में 215 किलोमीटर तक की यात्रा सस्ती रहेगी।
रेलवे ने मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के नॉन-एसी कोच में 2 पैसे प्रति किलोमीटर और सभी एसी क्लास में भी 2 पैसे प्रति किलोमीटर का किराया बढ़ाया। रेलवे का बयान: पिछले दशक में नेटवर्क और ऑपरेशंस का जबरदस्त विस्तार, मैनपावर बढ़ा। इस हाइक से सालाना 600 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई। मैनपावर कॉस्ट 1,15,000 करोड़ और पेंशन खर्च 60,000 करोड़ पहुंच गया। 2024-25 में कुल ऑपरेशनल कॉस्ट 2,63,000 करोड़।
किराया बढ़ोतरी का प्रभाव: क्लास-वार ब्रेकडाउन
| दूरी/क्लास | पुराना किराया | नया किराया (उदाहरण) | बढ़ोतरी |
|---|---|---|---|
| 500 KM नॉन-एसी | आधारभूत | +10 रुपये | फ्लैट 10 |
| मेल-एक्सप्रेस नॉन-एसी | X रुपये/KM | +2 पैसे/KM | 1 KM = 0.02 रुपये |
| सभी एसी क्लास | Y रुपये/KM | +2 पैसे/KM | 1 KM = 0.02 रुपये |
| 1000 KM नॉन-एसी | आधारभूत | +20 रुपये | 2×500 KM |
उदाहरण: दिल्ली-मुंबई (1400 KM) नॉन-एसी में करीब 28 रुपये महंगा। AC-2 में 2.8 रुपये/KM एक्स्ट्रा। लोकल पैसेंजर्स को राहत।
पिछली बढ़ोतरी का इतिहास
- जुलाई 2025: नॉन-एसी मेल-एक्सप्रेस में 1 पैसे/KM, एसी में 2 पैसे/KM बढ़ा।
- जनवरी 2020: सामान्य/मेल में 1-2 पैसे/KM, स्लीपर/AC में 2-4 पैसे/KM।
ये छोटी-छोटी बढ़ोतरी से रेवेन्यू जेनरेट। रेलवे ने कस्टमर फीडबैक के बाद रेशनलाइजेशन किया।
रेलवे की वित्तीय चुनौतियां: क्यों बढ़ाना पड़ा?
रेलवे का कहना: दशक भर में ट्रैक KM 1.2 लाख से 1.35 लाख पहुंचा। वंदे भारत, नया टर्मिनल, अमृत भारत स्टेशन – सब खर्चीला। मैनपावर 12 लाख+ कर्मचारी। पेंशन बिल DA बढ़ने से उछला। फ्रेट कमर्शियल से सब्सिडी, पैसेंजर फेयर से बैलेंस। 600 करोड़ से इंफ्रा में निवेश।
यात्रियों पर असर: क्या बदलेगा?
- लंबी दूरी (500+ KM) पैसेंजर्स महसूस करेंगे।
- गरीब/मजदूर वर्ग पर बोझ।
- प्रीमियम ट्रेनें (वंदे भारत) अप्रभावित।
- UTS ऐप से पहले बुकिंग सस्ती रहेगी।
सोशल मीडिया पर विरोध: ‘रेलवे घाटे में, पैसेंजर्स को लूट’। रेलवे: सर्विस बेहतर हो रही।
लोकल ट्रेन राहत: मुंबई, कोलकाता, चेन्नई सेफ
सबअर्बन सर्विसेज पर कोई हाइक नहीं। दैनिक कम्यूटर्स को फायदा। MST स्टूडेंट्स/सीनियर सिटीजन कोटा बरकरार।
भविष्य के संकेत
रेलवे ने डिजिटल टिकटिंग, QR कोड चेकिंग से कॉस्ट सेविंग। लेकिन ऑपरेशनल कॉस्ट बढ़ रहा। अगली बढ़ोतरी 2026? प्रीमियम ट्रेनों पर फोकस।
5 FAQs
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