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बिहार के थानों में अब नहीं लगेगा जनता दरबार,जमीनी विवादों की सुनवाई में सीओ और थाना प्रभारी रहेंगे मौजूद

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मुजफ्फरपुर । बिहार सरकार के उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने मुजफ्फरपुर में आयोजित ‘भूमि सुधार जन कल्याण संवाद’ के दौरान अधिकारियों को कड़ी चेतावनी देते हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ का संदेश दिया है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जो अधिकारी ईमानदारी से अच्छा काम करेंगे, उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा, लेकिन जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार के साक्ष्य मिलेंगे, उन्हें केवल निलंबित या बर्खास्त नहीं किया जाएगा, बल्कि उनकी अवैध रूप से अर्जित संपत्ति को भी जब्त किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री के इस कड़े तेवर से जिले के प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।

जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान लापरवाही और भ्रष्टाचार की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए उपमुख्यमंत्री ने मुसहरी प्रखंड के सतपुरा के राजस्व कर्मचारी राकेश कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का निर्देश दिया। कार्यक्रम में मौजूद आम जनता ने राजस्व कर्मचारी की कार्यशैली को लेकर गंभीर शिकायतें दर्ज कराई थीं, जिसे गंभीरता से लेते हुए मौके पर ही फटकार लगाई गई और निलंबन की कार्रवाई सुनिश्चित की गई। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि जनता को परेशान करने वाले सरकारी कर्मियों के लिए विभाग में कोई जगह नहीं है।

इस दौरान उपमुख्यमंत्री ने जमीन संबंधी विवादों के निपटारे के लिए एक बड़ा नीतिगत बदलाव करने का आदेश दिया। उन्होंने फरमान जारी किया कि अब जमीन संबंधी मामलों को लेकर थानों में जनता दरबार का आयोजन नहीं किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि थानों में अक्सर जमीन के मामलों को लेकर शिकायतें बनी रहती थीं, इसलिए अब व्यवस्था में बदलाव करते हुए जनता के हित में यह निर्णय लिया गया है ताकि पारदर्शिता बनी रहे।

नई व्यवस्था के तहत अब भूमि विवाद से जुड़े मामलों के निपटारे के लिए प्रखंड कार्यालयों में विशेष जनता दरबार लगाए जाएंगे। इसमें अंचल अधिकारी (CO) और संबंधित थाना प्रभारी संयुक्त रूप से मौजूद रहेंगे और मौके पर ही समस्याओं का समाधान करेंगे। विजय सिन्हा ने निर्देश दिया कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि विवादों का निष्पादन नियमानुसार हो और गरीब व असहाय लोगों को न्याय के लिए भटकना न पड़े।

कार्यक्रम के समापन तक भूमि विवाद से संबंधित हजारों आवेदन उपमुख्यमंत्री को सौंपे गए। इन आवेदनों की विशाल संख्या को देखते हुए उन्होंने संबंधित अधिकारियों को सभी मामलों की गहन जांच करने और एक निश्चित समय सीमा के भीतर रिपोर्ट पेश करने का जिम्मा सौंपा। उन्होंने दोहराया कि सरकार भूमि सुधारों को लेकर गंभीर है और हर आवेदन की निष्पक्ष जांच कर जमीन मालिकों के अधिकारों की रक्षा की जाएगी।

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