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पिंपरी-चिंचवड़ चुनाव में पवार परिवार की घरवापसी: NCP–NCP (SP) गठबंधन, ‘परिवार फिर एक साथ’

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Pawars Reunite in Pimpri-Chinchwad: NCP–NCP(SP) Alliance Changes Civic Poll Game
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महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पिंपरी-चिंचवड़ महापालिका चुनाव के लिए अपनी NCP और शरद पवार की NCP (SP) के गठबंधन की घोषणा की। ‘परिवार एक साथ’ वाले इस समझौते से 15 जनवरी के चुनावी समीकरण बदलने वाले हैं।

अजित–शरद पवार की फिर जोड़ी: NCP की अंदरूनी जंग से ‘परिवार एकजुट’ तक, पिंपरी-चिंचवड़ में नई बाजी

अजित पवार का बड़ा दांव: पिंपरी-चिंचवड़ महापालिका के लिए NCP–NCP (SP) साथ, ‘परिवार एक साथ’ संदेश

महाराष्ट्र की राजनीति में पिंपरी-चिंचवड़ महापालिका चुनाव से ठीक पहले बड़ा मोड़ आया है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने घोषणा की है कि उनकी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और उनके चाचा शरद पवार की अगुआई वाली NCP (SP) पिंपरी-चिंचवड़ नगर निगम चुनाव साथ मिलकर लड़ेंगी। उन्होंने इसे “परिवार एक साथ आया है” कहते हुए पवार परिवार की राजनीतिक घरवापसी जैसा संदेश दिया।

अजित पवार 2023 में अपने चाचा से अलग होकर बीजेपी और एकनाथ शिंदे की शिवसेना के साथ चले गए थे। तब उन्होंने शरद पवार की उम्र और नेतृत्व शैली पर खुलकर सवाल उठाए थे। अब 15 जनवरी को होने वाले चुनाव से पहले यह गठबंधन केवल स्थानीय चुनावी समीकरण नहीं, बल्कि राज्य की राजनीति में भी नए सिग्नल भेज रहा है।

पिंपरी-चिंचवड़ गठबंधन की घोषणा: ‘घड़ी’ और ‘तुरही’ साथ

अजित पवार रविवार को पिंपरी-चिंचवड़ में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे थे। मंच से उन्होंने कहा कि पिंपरी-चिंचवड़ महापालिका के चुनाव के लिए “घड़ी और तुरही एक साथ आए हैं। परिवार एकजुट हो गया है।” घड़ी अजित पवार की NCP का चुनाव चिह्न है, जबकि तुरही (तुतारी) NCP (SP) का सिंबल है।

उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे जोरदार मेहनत करें, लेकिन भाषणों में कोई विवादित बयान न दें। उनका कहना था, “हम विकास के लिए काम करने वाले लोग हैं। हम उन लोगों को किनारे करेंगे जिन्होंने इस नगर निगम को कर्ज में डुबोने की कोशिश की।”

पिंपरी-चिंचवड़ महापालिका का महत्व

पिंपरी-चिंचवड़ नगर निगम (PCMC) महाराष्ट्र की सबसे समृद्ध महापालिकाओं में से एक मानी जाती है, BMC के बाद इसकी पहचान ‘इंडस्ट्रियल और मिडिल क्लास बेल्ट’ के रूप में है। यह इलाका पुणे मेट्रो रीजन का हिस्सा है और यहां ऑटोमोबाइल, आईटी, मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े बड़े-बड़े उद्योग हैं।

2017 में एकीकृत NCP का इस क्षेत्र में अच्छा जनाधार था और पिंपरी-चिंचवड़ में पवारों की पकड़ मजबूत रही। अब जब दोनों गुट साथ आ रहे हैं, तो बीजेपी और उसके सहयोगियों के लिए चुनौती बढ़ सकती है। 29 नगर निगमों के चुनाव 15 जनवरी को होंगे, जिसमें पिंपरी-चिंचवड़ के साथ पुणे की महापालिका भी शामिल है। वोटों की गिनती 16 जनवरी को होगी।

गठबंधन की टाइमिंग और पुणे तक विस्तार

पिंपरी-चिंचवड़ गठबंधन के साथ ही खबर आई कि पुणे महापालिका चुनाव के लिए भी दोनों NCP गुटों के बीच समझौते पर बातचीत आगे बढ़ चुकी है। अजित पवार ने सार्वजनिक मंच से संकेत दिए कि सीट बंटवारे पर चर्चा चल रही है और इस पर जल्द घोषणा होगी।

रिपोर्टों के मुताबिक, दोनों पक्षों के नेता सीट शेयरिंग पर सहमति बनाने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ सीटों पर एक-दूसरे के दबदबे को देखते हुए समझौते में “पीछे हटने” वाले फैसले भी हुए हैं, ताकि गठबंधन के व्यापक हित को प्राथमिकता दी जा सके।

अजित बनाम शरद: 2023 की कड़वाहट से 2025 की ‘परिवार राजनीति’ तक

2023 में जब अजित पवार ने शरद पवार की NCP को तोड़कर बीजेपी–शिंदे सरकार के साथ हाथ मिलाया, तो यह महाराष्ट्र की राजनीति के सबसे बड़े घटनाक्रमों में से एक था। अजित ने कई बार सार्वजनिक मंच से चाचा को उम्र के आधार पर रिटायरमेंट का सुझाव दिया था। उन्होंने कहा था कि “दूसरी पार्टियों में 75 की उम्र में नेता रुक जाते हैं, आप 83 के बाद भी क्यों रुके नहीं? हमें भी मौका दीजिए।”

अब वही अजित पवार पिंपरी-चिंचवड़ में “परिवार एक साथ” का नारा दे रहे हैं। यह राजनीतिक तौर पर व्यावहारिक गठबंधन है या भावनात्मक घरवापसी, इस पर सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं के दबाव और पवार परिवार की पारंपरिक पकड़ को देखते हुए दोनों गुटों ने साथ आने का रास्ता चुना है।

शरदचंद्र पवार AI सेंटर: बरामती से तकनीक की नई कहानी

इसी दौरान, पवार परिवार बरामती में भी सुर्खियों में रहा, जहां उद्योगपति गौतम अडाणी ने ‘शरदचंद्र पवार सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ का उद्घाटन किया। यह सेंटर विद्या प्रतिष्ठान के अंतर्गत स्थापित किया गया है और पूरी तरह अडाणी ग्रुप चेयरमैन द्वारा फंडेड है। इसका उद्देश्य AI, डेटा साइंस और मशीन लर्निंग में उच्च शिक्षा, रिसर्च और स्किल डेवलपमेंट को बढ़ावा देना है।

इस कार्यक्रम में शरद पवार, सुप्रिया सुले और अजित पवार सहित पवार परिवार के प्रमुख चेहरे मौजूद रहे। अडाणी ने शरद पवार को अपना “मेंटर” बताया और कहा कि भविष्य के बीज एल्गोरिद्म में बोए जाएंगे। यह राजनीतिक रूप से भी दिलचस्प तस्वीर है – एक ओर परिवार की अंदरूनी राजनीति, दूसरी ओर AI जैसी हाई-टेक फील्ड में उनका नया संस्थागत दायरा।

महाराष्ट्र की 29 महापालिकाओं के चुनाव: बड़ा दांव

महाराष्ट्र में कुल 29 नगर निगमों के चुनाव 15 जनवरी को होने वाले हैं। इनमें पिंपरी-चिंचवड़ और पुणे के साथ नासिक, नागपुर, ठाणे, कल्याण-डोंबिवली, और औरंगाबाद जैसी अहम शहरी संस्थाएं शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही साफ कर दिया है कि स्थानीय निकाय चुनावों में कोई रोक नहीं है, इसलिए चुनाव समय पर होंगे।

पीसीएमसी और पुणे जैसे नगर निगम शहरी विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर, इंडस्ट्री और मिडिल क्लास वोट बैंक के लिहाज से बेहद अहम हैं। यहां के नतीजे 2026 के बड़े राजनीतिक समीकरणों और अगली विधानसभा/लोकसभा रणनीति को भी प्रभावित कर सकते हैं।

स्थानीय समीकरण: पिंपरी-चिंचवड़ में कौन कहां?

पिंपरी-चिंचवड़ में फिलहाल बीजेपी और उसके सहयोगी नगर निगम में मजबूत स्थिति में रहे हैं, जबकि NCP और पवार परिवार का पारंपरिक आधार भी गहरा है। NCP–NCP (SP) की एकजुटता स्थानीय मराठी, ओबीसी, मुस्लिम और मजदूर वोटों में समन्वय की कोशिश है।

अजित पवार ने भाषणों में बार-बार “विकास” और “कर्जमुक्त निगम” की बात की, यह संकेत है कि गठबंधन नगर निगम के फाइनेंशियल मैनेजमेंट को चुनावी मुद्दा बनाना चाहता है। दूसरी ओर, बीजेपी इस गठबंधन को “अवसरवादी” बताते हुए परिवारवाद और भ्रष्टाचार का मुद्दा उठा सकती है।

संभावित राजनीतिक प्रभाव

  1. बीजेपी के लिए चुनौती
    एकजुट NCP गुटों के सामने बीजेपी को उम्मीदवार चयन और प्रचार में अतिरिक्त रणनीति बनानी होगी। शहरी विकास, मेट्रो, सड़क और जल-सीवर जैसे मुद्दों पर काम का हवाला देकर बीजेपी मुकाबला करेगी।
  2. महा विकास आघाड़ी (MVA) की अंदरूनी राजनीति
    क्योंकि NCP (SP) MVA का हिस्सा है, स्थानीय स्तर पर कांग्रेस और शिवसेना (UBT) के साथ सीट तालमेल पर भी दबाव बढ़ेगा। पहले जब गठबंधन को लेकर उलझन थी, तब कांग्रेस और शिवसेना (UBT) ने पुणे में अलग मिलकर लड़ने पर विचार किया था, अब फिर से समन्वय बैठकें शुरू हुई हैं।
  3. पवार परिवार की छवि
    “परिवार साथ आया” वाला नैरेटिव पवारों को अपने मूल गढ़ में मजबूत कर सकता है। हालांकि, विरोधी यह सवाल उठाएंगे कि अगर परिवार साथ है तो 2023 की बगावत का क्या मतलब था। यह संतुलन अजित पवार को संभालना होगा।

छोटी लेकिन अहम डिटेल्स

– नामांकन की आखिरी तारीख 30 दिसंबर रखी गई है, यानी गठबंधन को उम्मीदवार चयन बेहद तेज रफ्तार से करना होगा।
– पिंपरी-चिंचवड़ में रोजमर्रा के ट्रैफिक, पानी, कचरा प्रबंधन और हाउसिंग जैसे मुद्दे मतदाताओं की प्राथमिकता में हैं।
– सोशल मीडिया कैंपेन में “घड़ी-तुतारी एकत्र” जैसे स्लोगन दिखने शुरू हो गए हैं।

पिंपरी-चिंचवड़ और पुणे: 15 जनवरी की लड़ाई कैसी दिखती है? (संक्षिप्त तालिका)

तालिका: प्रमुख फैक्टर और समीकरण

फैक्टर / पहलूपिंपरी-चिंचवड़पुणे
चुनाव की तारीख15 जनवरी 202615 जनवरी 2026
नतीजे16 जनवरी 202616 जनवरी 2026
प्रमुख गठबंधनNCP + NCP(SP), संभावित MVA समन्वयNCP + NCP(SP), MVA घटक दल
मुख्य प्रतिद्वंदीBJP और सहयोगीBJP और सहयोगी
राजनीतिक संदेश‘परिवार एक साथ’, स्थानीय विकासपवार परिवार की पकड़ बनाम BJP शहरी नेटवर्क

5 FAQs

  1. अजित पवार ने कौन सा गठबंधन घोषित किया है?
    अजित पवार ने अपनी NCP और शरद पवार की NCP (SP) के बीच पिंपरी-चिंचवड़ नगर निगम चुनाव के लिए गठबंधन की घोषणा की, जिसे उन्होंने “परिवार एक साथ” कहा।
  2. पिंपरी-चिंचवड़ और पुणे महापालिका चुनाव कब हैं?
    दोनों नगर निगम सहित महाराष्ट्र की 29 महापालिकाओं के चुनाव 15 जनवरी को होंगे और मतगणना 16 जनवरी को होगी।
  3. क्या यह गठबंधन पुणे में भी लागू होगा?
    हाँ, दोनों NCP गुटों के बीच पुणे महापालिका चुनाव के लिए भी सीट बंटवारे पर बातचीत चल रही है और इन्हें साथ लड़ाने की तैयारी लगभग तय मानी जा रही है।
  4. पवार परिवार अभी और किस वजह से चर्चा में है?
    बरामती में गौतम अडाणी ने शरदचंद्र पवार सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन AI का उद्घाटन किया, जो AI और टेक्नोलॉजी शिक्षा–रिसर्च को बढ़ावा देगा।
  5. इस गठबंधन का राजनीतिक महत्व क्या है?
    यह कदम पिंपरी-चिंचवड़ और पुणे में BJP के लिए सीधी चुनौती खड़ी करता है, MVA के भीतर नई समीकरण बनाता है और पवार परिवार की ‘एकजुट’ छवि को मजबूत करता है, खासकर उनके पारंपरिक गढ़ों में।

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