दिल्ली सरकार IIT कानपुर के साथ AI-बेस्ड प्रदूषण कंट्रोल सिस्टम बना रही। हाइपरलोकल सोर्स ट्रैकिंग, सेंसर-सैटेलाइट डेटा से स्रोत पर कार्रवाई। वाहन, धूल, इंडस्ट्री पर रीयल-टाइम एक्शन से साल भर साफ हवा!
IIT कानपुर-Delhi Govt का AI प्रदूषण कंट्रोल प्लान: डस्ट से वाहनों तक, सबके स्रोत पकड़े जाएंगे!
दिल्ली प्रदूषण पर AI का नया हथियार: IIT कानपुर के साथ सरकार की स्मार्ट रणनीति
दिल्ली सरकार अब प्रदूषण से लड़ने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सहारा ले रही है। पर्यावरण मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि IIT कानपुर के साथ मिलकर AI-इनेबल्ड डिसीजन सपोर्ट सिस्टम विकसित किया जा रहा है। ये सिस्टम डेटा-ड्रिवन तरीके से प्रदूषण को उसके स्रोत पर ही खत्म करेगा, न कि शहर के औसत आंकड़ों पर। हाइपरलोकल सोर्स अपॉर्शनमेंट, सेंसर-बेस्ड मॉनिटरिंग और सैटेलाइट डेटा का इस्तेमाल होगा। ये साल भर चलने वाली क्लीन एयर स्ट्रैटेजी का हिस्सा है।
सरकार ‘होल-ऑफ-गवर्नमेंट’ अप्रोच अपना रही है। कई विभाग, सिविक एजेंसियां और NCR जिले एक कॉमन डेटा प्लेटफॉर्म पर आएंगे। इससे कोऑर्डिनेटेड एक्शन, एनफोर्समेंट और मॉनिटरिंग आसान होगी। सिरसा ने कहा कि अब पॉलिसी डिसीजन रीयल-टाइम डेटा, सटीक सोर्स आईडेंटिफिकेशन और मेजरेबल आउटकम्स से होंगे। “दिल्ली प्रदूषण से साइंस, एविडेंस और अकाउंटेबिलिटी से लड़ेगी। हर एफर्ट का लोगों को दिखाई देने वाला असर दिखेगा।”
IIT कानपुर के साथ AI सिस्टम: कैसे काम करेगा?
ये कोलैबोरेशन एडवांस्ड एयर क्वालिटी इंटेलिजेंस सिस्टम बनाएगा। ये कंटीन्यूअस मॉनिटरिंग, एनालिसिस और फोरकास्टिंग करेगा। टारगेटेड इंटरवेंशंस संभव होंगे – रिएक्टिव या सीजनल अप्रोच खत्म। डायनामिक सोर्स अपॉर्शनमेंट से वैज्ञानिक तरीके से पता चलेगा कि प्रदूषण किसका योगदान दे रहा: धूल, वाहन उत्सर्जन, इंडस्ट्री, बायोमास बर्निंग या रीजनल फैक्टर्स। इससे अथॉरिटीज सोर्स पर शार्प एक्शन ले सकेंगी।
मल्टी-एजेंसी कोऑर्डिनेशन जरूरी। म्यूनिसिपल बॉडीज, डिस्ट्रिक्ट अडमिन और एनफोर्समेंट एजेंसियां शेयर्ड साइंटिफिक एविडेंस पर काम करेंगी। रोल्स क्लियर, अकाउंटेबिलिटी सिस्टम बनेगा। दिल्ली सरकार चार फ्रंट्स पर काम कर रही: वाहन उत्सर्जन, धूल कंट्रोल, पॉल्यूटिंग इंडस्ट्रीज, वेस्ट मैनेजमेंट।
पिछले 24 घंटों के आंकड़े: एक्शन मोड
- 250 स्मॉल और 92 लार्ज कंस्ट्रक्शन/डिमॉलिशन साइट्स चेक।
- 6,291 किमी सड़कें मैकेनिकली स्वेप्ट, 1,694 किमी पर वॉटर स्प्रिंकलिंग।
- 405 एंटी-स्मॉग गन्स डिप्लॉय।
- 12,000 मीट्रिक टन कचरा हटाया।
- वाहन कंट्रोल: 7,023 चालान, 65 नॉन-डेस्टिन्ड ट्रक्स डायवर्ट (ईस्टर्न-वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर)।
- 41 ट्रैफिक बॉटलनेक्स डीकंजेस्ट।
- 58 पब्लिक कंप्लेंट्स (ऐप/सोशल मीडिया) सॉल्व।
ये राउंड-द-क्लॉक इंटरवेंशंस हैं।
दिल्ली प्रदूषण के स्रोत: डेटा से नजर
CPCB और SAFAR डेटा के मुताबिक, दिल्ली का AQI अक्सर 300-400+ रहता। मुख्य स्रोत:
| स्रोत | योगदान (%) | मुख्य कार्रवाई |
|---|---|---|
| धूल (रोड, कंस्ट्रक्शन) | 25-35 | मैकेनिकल स्वीपिंग, वॉटर स्प्रिंकल |
| वाहन उत्सर्जन | 20-30 | चालान, ट्रक डायवर्ट, BS-VI फ्यूल |
| इंडस्ट्री | 15-20 | शटडाउन, CEMS मॉनिटरिंग |
| बायोमास/स्टबल बर्निंग | 10-25 (सीजनल) | NCR कोऑर्डिनेशन, अल्टरनेटिव्स |
| रीजनल (NCR ट्रांसपोर्ट) | 15-20 | OSB, GRAP स्टेजेस |
AI सिस्टम इनका हाइपरलोकल ब्रेकडाउन देगा। मिसाल के तौर पर, रोहिणी में धूल ज्यादा तो लोकल स्वीपिंग बढ़ेगी। सैटेलाइट से बायोमास स्पॉटिंग तुरंत अलर्ट।
NCR और साल भर स्ट्रैटेजी: व्यापक प्लान
ये सिर्फ दिल्ली नहीं, NCR डिस्ट्रिक्ट्स को भी कवर करेगा। OSB (Odd-Even, GRAP) के अलावा परमानेंट सॉल्यूशंस: EV चार्जिंग, ग्रीन हाईवे, वेस्ट-टू-एनर्जी। इंस्टीट्यूशनल कैपेसिटी बिल्डिंग पर फोकस – बेस्ट साइंटिफिक एक्सपर्टीज। फॉर्मल डिस्कशंस के बाद इंप्लीमेंटेशन रोडमैप आएगा।
पिछले प्रयासों से सबक
- GRAP स्टेज 4: स्कूल बंद, कंस्ट्रक्शन स्टॉप – लेकिन रिएक्टिव।
- 10,000+ एंटी-स्मॉग गन्स: लेकिन सोर्स पर फोकस कम।
- BS-III व्हीकल्स स्क्रैप: अच्छा स्टेप, लेकिन इंप्लीमेंटेशन स्लो।
AI से प्रिवेंटिव, प्रेडिक्टिव अप्रोच आएगा। IIT कानपुर का एक्सपीरियंस (एयर क्वालिटी मॉडलिंग) फिट बैठता।
लोगों को फायदा: मापने लायक बदलाव
सिरसा का जोर है कि एफर्ट्स का AQI में दिखे। मॉनिटरिंग ऐप्स से ट्रांसपेरेंसी। हेल्थ इम्पैक्ट कम: रेस्पिरेटरी केसेज घटेंगे (AIIMS डेटा: 40% पॉल्यूशन से लिंक्ड)। इकोनॉमी बूस्ट: क्लीन एयर से टूरिज्म, प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी।
भविष्य की उम्मीदें
अगर सफल, ये मॉडल अन्य शहरों (मुंबई, कोलकाता) के लिए ब्लूप्रिंट बनेगा। सेंट्रल गवर्नमेंट के NCAP (नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम) से लिंक। टेक-साइंस से प्रदूषण जंग जीतना संभव।
5 FAQs
- दिल्ली सरकार का नया AI प्रदूषण सिस्टम क्या है?
IIT कानपुर के साथ AI डिसीजन सपोर्ट सिस्टम: हाइपरलोकल सोर्स ट्रैकिंग, सेंसर-सैटेलाइट डेटा से रीयल-टाइम एक्शन। - प्रदूषण स्रोत कैसे पहचाने जाएंगे?
डायनामिक सोर्स अपॉर्शनमेंट से: धूल, वाहन, इंडस्ट्री, बायोमास, रीजनल – सटीक प्रतिशत। - पिछले 24 घंटों में क्या एक्शन हुए?
6,291 किमी सड़कें स्वेप्ट, 7,023 चालान, 12,000 टन कचरा हटाया, 405 एंटी-स्मॉग गन्स। - ये सिस्टम कब शुरू होगा?
फॉर्मल डिस्कशंस के बाद रोडमैप, लेकिन तैयारी चल रही। - NCR का इसमें रोल क्या?
कॉमन डेटा प्लेटफॉर्म से कोऑर्डिनेशन, रीजनल फैक्टर्स कंट्रोल।
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