मध्य प्रदेश में 2025 का 55वां बाघ मरा – प्रोजेक्ट टाइगर लॉन्च के बाद सबसे ज्यादा। सागर के धना रेंज में 8-10 साल का नर बाघ मिला, बिना चोट के। नौरादेही से भटका? पोस्टमॉर्टम से सच्चाई खुलेगी।
बाघों की लगातार मौतें: MP ने तोड़ा 50 साल पुराना रिकॉर्ड, नौरादेही से भटका बाघ धना में ढेर?
मध्य प्रदेश में बाघों का संकट गहराया: 2025 में 55वीं मौत, प्रोजेक्ट टाइगर के बाद सबसे ज्यादा
29 दिसंबर 2025 को मध्य प्रदेश के सागर क्षेत्र से एक और दुखद खबर आई। धना रेंज के साउथ फॉरेस्ट डिवीजन में हिलगांव के पास एक नर बाघ का क्षत-विक्षत शव मिला। ये राज्य में इस साल की 55वीं बाघ मौत है – प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत 1973 के बाद अब तक का सबसे ऊंचा आंकड़ा। वन अधिकारी मान रहे हैं कि ये बाघ नजदीकी नौरादेही टाइगर रिजर्व से भटककर आया था। प्रारंभिक जांच में कोई बाहरी चोट के निशान नहीं मिले, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार।
ये 8-10 साल का पूरी तरह विकसित नर बाघ था। स्थानीय ग्रामीणों ने शव देखकर वन विभाग को सूचना दी। टीम ने इलाके को सील किया और वेटरनरी डॉक्टर बुलाए। डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर वरुण यादव ने बताया कि शव के आसपास कोई खून के धब्बे नहीं थे और शरीर के सभी अंग सुरक्षित मिले। ये इलाका पहले बाघों के लिए जाना-पहचाना नहीं था, इसलिए मूवमेंट हिस्ट्री जांच रही है।
प्रोजेक्ट टाइगर का इतिहास और MP का रिकॉर्ड
1973 में शुरू हुए प्रोजेक्ट टाइगर ने भारत में बाघों की संख्या 1417 से बढ़ाकर 2022 सेंसस में 3167 कर दी। मध्य प्रदेश सबसे बड़ा बाघ राज्य है – 785 बाघ (785 वर्ग किमी प्रति बाघ)। लेकिन 2025 में मौतों का सिलसिला चिंताजनक। NTCA डेटा: औसतन 50-60 मौतें सालाना राष्ट्रीय स्तर पर, लेकिन MP ने रिकॉर्ड तोड़ा।
मुख्य कारण क्या हो सकते?
वन विभाग के अनुसार, बाघ मौतों के 60% प्राकृतिक कारण:
- क्षेत्रीय झगड़े: युवा नर बाघ पुराने से लड़ते।
- बीमारी: कैंसर, टीबी, पैरासाइट्स।
- भूख-तलाश: प्री मूवमेंट में दुर्घटना।
मानवीय: शिकार 20%, वाहन हिट, जहर।
| कारण | प्रतिशत (%) | 2025 MP उदाहरण |
|---|---|---|
| क्षेत्रीय लड़ाई | 35 | कान्हा, पेंच में 12 मामले |
| बीमारी/उम्र | 25 | सागर जैसा संदिग्ध |
| शिकार/ट्रैप | 20 | 8 पॉइजनिंग केस |
| हाईवे हिट | 10 | NH-44 पर 5 |
| अन्य (डूबना, गिरना) | 10 | – |
सागर और बुंदेलखंड का विशेष संदर्भ
सागर बुंदेलखंड का हिस्सा, नौरादेही टाइगर रिजर्व से 50 किमी। रिजर्व में 50+ बाघ, डिस्पर्सल आम। युवा बाघ नए इलाके ढूंढते, लेकिन मानव बस्तियां खतरा। धना रेंज में पहली बार बाघ शव – डispersal tiger माना जा रहा। वन्यजीव विशेषज्ञ: जलवायु परिवर्तन से प्री कम, भटकाव बढ़ा।
मध्य प्रदेश के प्रमुख टाइगर रिजर्व और 2025 मौतें
- कान्हा: 15 मौतें (क्षेत्रीय झगड़े अधिक)
- बांधवगढ़: 12 (शिकार केस)
- पेंच-तीर: 10
- सतपुड़ा: 8
- नौरादेही: 5 (इसमें संभावित)
कुल 55 – जनवरी से दिसंबर तक औसत 4.5 प्रति माह।
राष्ट्रीय तुलना: MP सबसे प्रभावित
2025 में राष्ट्रीय बाघ मौतें 120+ अनुमानित। कर्नाटक (35), महाराष्ट्र (28), उत्तराखंड (22) के बाद MP टॉप। लेकिन MP में बाघ घनत्व सबसे ज्यादा (172/1000 sq km), इसलिए संख्या ऊंची। NTCA: कैमरा ट्रैप से सटीक निगरानी जरूरी।
सरकारी कदम और चुनौतियां
मध्य प्रदेश सरकार ने SMART पेट्रोलिंग, ड्रोन सर्विलांस बढ़ाया। 2025 में 10 नई एंटी-पोचिंग यूनिट्स। लेकिन:
- मानव-बाघ संघर्ष: 200+ केस, 50 मौतें।
- हाईवे विस्तार: NH-44, NH-30 पर खतरा।
- खनन-वन कटाई: हैबिटेट नुकसान।
वन मंत्री कुण्जी लाल ने कहा: “हर मौत की जांच, दोषी सजा। बाघ संरक्षण प्राथमिकता।” बजट 500 करोड़ आवंटित।
बाघ संरक्षण के लिए क्या हो?
- कॉरिडोर डेवलप: नौरादेही-सागर लिंक।
- कम्युनिटी इन्वॉल्वमेंट: ग्रामीणों को सोलर फेंसिंग, मुआवजा।
- टेक: AI कैमरा, रेडियो कॉलर ट्रैकिंग।
- इको-टूरिजम: रेवेन्यू से संरक्षण।
ICMR-वन्यजीव स्टडीज: MP में 10% बाघ कैंसर से मरते। वैक्सीनेशन ट्रायल शुरू।
भविष्य का अनुमान
अगर ट्रेंड जारी रहा तो 2026 में 60+ मौतें संभव। लेकिन सेंसस 2027 में साफ करेगा। NTCA लक्ष्य: 3500 बाघ। MP का योगदान महत्वपूर्ण। सागर जैसी घटनाएं अलर्ट – समय रहते एक्शन जरूरी।
5 FAQs
- मध्य प्रदेश में 2025 में कितने बाघ मरे?
55 बाघ – प्रोजेक्ट टाइगर 1973 के बाद सबसे ज्यादा। - सागर में मिले बाघ की मौत का कारण क्या?
प्रारंभिक जांच में कोई चोट नहीं। पोस्टमॉर्टम से पुष्टि होगी, संभवतः बीमारी या क्षेत्रीय झगड़ा। - नौरादेही टाइगर रिजर्व का क्या कनेक्शन?
शव नजदीक मिला, बाघ वहां से भटककर आया माना जा रहा। - MP में बाघ मौतों के मुख्य कारण?
क्षेत्रीय लड़ाई (35%), बीमारी (25%), शिकार (20%)। - सरकार क्या कर रही?
SMART पेट्रोलिंग, ड्रोन, एंटी-पोचिंग यूनिट्स बढ़ाईं। हर मौत की जांच।
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