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मनी लॉन्ड्रिंग केस में संदीपा विर्क बरी: मुख्य आरोपी अमित गुप्ता फरार, कोर्ट ने क्यों छोड़ा?

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Sandeepa Virk bail Delhi High Court
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दिल्ली हाईकोर्ट ने इंफ्लुएंसर संदीपा विर्क को 6 करोड़ मनी लॉन्ड्रिंग केस में जमानत दे दी। 4 महीने से ज्यादा जेल में रहीं, पुलिस-मजिस्ट्रेट जांच में कोई केस नहीं। मुख्य आरोपी अमित गुप्ता फरार।

दिल्ली HC ने दी जमानत: इंफ्लुएंसर संदीपा विर्क पर कोई केस नहीं, पुलिस जांच में क्लीन चिट!

दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: इंफ्लुएंसर संदीपा विर्क को 6 करोड़ मनी लॉन्ड्रिंग केस में जमानत

29 दिसंबर 2025 को दिल्ली हाईकोर्ट ने सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर संदीपा विर्क को 6 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दे दी। संदीपा पिछले 4 महीने से ज्यादा समय से हिरासत में थीं। कोर्ट ने पुलिस और मजिस्ट्रेट की जांच के आधार पर उनके खिलाफ कोई ठोस केस न होने का फैसला सुनाया। इस केस का मुख्य आरोपी अमित गुप्ता अभी भी फरार है। ये फैसला ED (प्रवर्तन निदेशालय) के PMLA (धन शोधन निषेध कानून) के तहत दर्ज मामले में आया है।

संदीपा विर्क सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं, खासकर लाइफस्टाइल, फैशन और प्रोडक्ट रिव्यूज के लिए जानी जाती हैं। ED ने उन पर आरोप लगाया था कि वो अमित गुप्ता के साथ मिलकर मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल रहीं। जांच में पता चला कि 6 करोड़ रुपये का कथित अवैध धन ट्रांसफर और इन्वेस्टमेंट के जरिए सफेद किया गया। लेकिन कोर्ट ने पाया कि पुलिस और मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट में संदीपा के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं।

कोर्ट की दलीलें और जांच का नतीजा

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि प्रारंभिक जांच में संदीपा विर्क के खिलाफ कोई प्रथम दृष्टया अपराध साबित नहीं होता। पुलिस जांच और मजिस्ट्रेट के बयानों से साफ है कि उनका सीधा हाथ नहीं। जमानत याचिका सुनवाई में ED के वकील ने विरोध किया, लेकिन कोर्ट ने सबूतों की कमी का हवाला देकर जमानत मंजूर कर ली। शर्तें लगाई गईं – पासपोर्ट जमा, ED को रिपोर्टिंग और जांच में सहयोग।

अमित गुप्ता की भूमिका: मुख्य आरोपी फरार

केस का असली सूत्रधार अमित गुप्ता माना जा रहा, जो अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है। ED के मुताबिक, गुप्ता ने फर्जी इनवॉयसेस, शेल कंपनियों और क्रिप्टो ट्रांजेक्शन के जरिए ब्लैक मनी व्हाइट की। संदीपा पर आरोप था कि उन्होंने प्रमोशनल कॉन्टेंट के बदले पैसे लिए और अनजाने में फंस गईं। लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। गुप्ता पर रेड जारी, लोकेशन ट्रैकिंग चल रही।

मनी लॉन्ड्रिंग केस कैसे बना?

ED ने इस साल अगस्त में केस दर्ज किया। शुरुआत एक इनकम टैक्स रेड से हुई, जिसमें 6 करोड़ के अनट्रेस्ड ट्रांजेक्शन मिले। इंफ्लुएंसर्स को टारगेट कर प्रोडक्ट प्रमोशन के नाम पर पैसे लेना, फिर उसे हवाला या क्रिप्टो में कन्वर्ट करना – ये पैटर्न कई केसों में देखा गया। संदीपा का नाम इसी चेन में आया। लेकिन जांच में साबित नहीं हुआ।

इंफ्लुएंसर्स और मनी लॉंड्रिंग: बढ़ते केस

2025 में ED ने 15+ इंफ्लुएंसर्स के खिलाफ कार्रवाई की। ज्यादातर प्रोडक्ट एंडोर्समेंट, फर्जी इनवॉयसेस और टैक्स चोरी से जुड़े।

  • पिछले महीने मुंबई इंफ्लुएंसर को 2 करोड़ केस में अरेस्ट।
  • दिल्ली-NCR में 5 केस, ज्यादातर फिटनेस/फैशन कैटेगरी।
  • ED डेटा: 2025 में 200 करोड़+ की मनी लॉन्ड्रिंग इंफ्लुएंसर्स से लिंक।

संदीपा का केस उनमें अलग क्योंकि कोर्ट ने जल्दी जमानत दी।

पहलूविवरण
केस वैल्यू6 करोड़ रुपये
संदीपा की हिरासत4+ महीने
मुख्य आरोपीअमित गुप्ता (फरार)
कोर्ट फैसलापुलिस/मजिस्ट्रेट जांच में कोई केस नहीं
PMLA सेक्शनधन शोधन निषेध कानून

PMLA कानून और जमानत की कठिनाई

PMLA के तहत जमानत मिलना मुश्किल – ट्रिपल टेस्ट: आरोपी दोबारा अपराध न करे, जांच में सहयोग करे, समाज के लिए खतरा न हो। लेकिन हाईकोर्ट ने इसे पास किया। सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों में कहा गया कि बिना ठोस सबूत हिरासत नहीं। संदीपा को इसी आधार पर राहत।

इंफ्लुएंसर्स के लिए सबक

ये केस सोशल मीडिया स्टार्स के लिए चेतावनी। ED अब सख्त – अनवेरिफाइड ब्रांड्स प्रमोट न करें, इनकम सोर्स क्लियर रखें। ITR फाइलिंग, GST कंप्लायंस जरूरी। क्रिप्टो/हाई रिस्क इन्वेस्टमेंट में सावधानी। संदीपा की रिहाई से उनके फॉलोअर्स राहत, लेकिन करियर पर असर पड़ेगा।

अभी आगे क्या?

संदीपा जमानत पर बाहर, लेकिन ट्रायल चलेगा। अमित गुप्ता पकड़े जाने पर नया ट्विस्ट संभव। ED अपील कर सकती। इंफ्लुएंसर्स कम्युनिटी में चर्चा – क्या प्रमोशनल डील्स अब रिस्की?


5 FAQs

  1. संदीपा विर्क को जमानत क्यों मिली?
    पुलिस और मजिस्ट्रेट जांच में उनके खिलाफ कोई केस साबित नहीं हुआ। दिल्ली HC ने सबूतों की कमी मानी।
  2. केस में कितने पैसे की मनी लॉन्ड्रिंग थी?
    6 करोड़ रुपये। ED ने PMLA के तहत दर्ज किया था।
  3. मुख्य आरोपी कौन है और कहां है?
    अमित गुप्ता, अभी फरार। उसके खिलाफ रेड जारी।
  4. संदीपा कितने समय से जेल में थीं?
    4 महीने से ज्यादा हिरासत में रहीं।
  5. PMLA में जमानत मिलना इतना आसान क्यों नहीं?
    ट्रिपल टेस्ट पास करना पड़ता – दोबारा अपराध न करे, जांच सहयोग, समाज के लिए खतरा न हो।

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