लखनऊ के राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल के पास 170 भेड़ें रहस्यमयी तरीके से मरीं। एनजीओ ने जहर या लापरवाही का शक जताया। पुलिस ने सैंपल पोस्टमॉर्टम के लिए भेजे। इवेंट वेस्ट या क्रूरता? पूरी जांच
लखनऊ भेड़ हादसा: इवेंट के बाद 170 भेड़ें ढेर, पोस्टमॉर्टम से खुलेगा राज – क्रूरता या लापरवाही?
लखनऊ में भेड़ों का रहस्यमयी कत्लेआम: राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल के पास 170 की मौत, पुलिस ने सैंपल जांच के लिए भेजे
31 दिसंबर 2025 को लखनऊ से एक चौंकाने वाली खबर आई। राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल के आसपास करीब 170 भेड़ें अचानक मर गईं। आसरा द हेल्पिंग हैंड्स ट्रस्ट नामक एनजीओ ने मड़ियां पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। एनजीओ फाउंडर चारू खरे ने कहा कि एक इवेंट के कुछ दिनों बाद ये हादसा हुआ। प्राइमा फेसी ये साफ नहीं कि भेड़ें वेस्ट मटेरियल खा लीं या किसी ने जहर दे दिया। उन्होंने पोस्टमॉर्टम और सख्त जांच की मांग की।
मड़ियां SHO शिवानंद मिश्रा ने पुष्टि की कि सैंपल पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिए गए हैं। एनजीओ का कहना है ये “बहुत गंभीर और संवेदनशील” मामला है। क्रूरता या लापरवाही की आशंका से इंकार नहीं। अगर जहर की पुष्टि हुई या लापरवाही साबित हुई तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो। एनजीओ ने जांच में पूरा सहयोग देने का भरोसा दिया।
राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल क्या है?
राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल लखनऊ के गोमती नगर में स्थित एक प्रमुख स्मारक स्थल है। यहां स्वतंत्रता संग्राम के नायकों – मंगल पांडे, चंद्रशेखर आजाद, राम प्रसाद बिस्मिल आदि – की याद में मूर्तियां और प्रदर्शनियां हैं। हाल ही में यहां एक बड़ा इवेंट हुआ था, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए। इवेंट के बाद बचे प्लास्टिक, फूड वेस्ट या अन्य कचरे को ठीक से न साफ करने से भेड़ें प्रभावित हुईं या नहीं, ये जांच का विषय है।
संभावित कारण: जहर, वेस्ट या बीमारी?
वेटरनरी एक्सपर्ट्स के मुताबिक, भेड़ें प्लास्टिक बैग या पॉलीथीन खा लेती हैं, जो आंतों में रुकावट पैदा करता। जहर (फॉस्फेट, कार्बामेट) तेज असर करता – उल्टी, दौड़ना, अचानक मौत। PPR (पेस्ट्स डेस पेटिट्स रूमिनेंट्स) जैसी बीमारी भी तेज फैलती। लखनऊ के मौसम में ठंड से स्ट्रेस भी हो सकता। पोस्टमॉर्टम से ही सच्चाई खुलेगी – पेट सैंपल, लीवर, किडनी चेक।
| संभावित कारण | लक्षण | जांच विधि |
|---|---|---|
| जहर (कीटनाशक) | तेज मौत, झाग, दौड़ना | केमिकल एनालिसिस |
| प्लास्टिक/वेस्ट | पेट ब्लॉक, धीमी मौत | अल्ट्रासाउंड, एक्सरे |
| PPR वायरस | बुखार, नाक बहना | PCR टेस्ट |
| ठंड/स्ट्रेस | कमजोरी, भूख न लगना | क्लिनिकल चेक |
एनजीओ की भूमिका और मांगें
आसरा द हेल्पिंग हैंड्स ट्रस्ट लखनऊ आधारित पशु कल्याण संगठन है। चारू खरे ने शिकायत में साफ कहा – अगर जहर दिया गया तो क्रूरता अधिनियम के तहत मुकदमा। इवेंट ऑर्गेनाइजर्स की लापरवाही साबित हुई तो एक्शन। उन्होंने कहा, “हम जांच में हर मदद करेंगे।” ये आवाज पशु अधिकारों के लिए महत्वपूर्ण।
उत्तर प्रदेश में पशु मौतों का ट्रेंड
UP में 2025 में बड़े पशु हादसे बढ़े:
- कानपुर: 50 गायें जहर से मरीं (फसल बचा रहे किसान)
- वाराणसी: 100 बकरी डूब गईं
- आगरा: 30 भेड़ें बिजली तार से
लखनऊ में ये पहला बड़ा केस। ICAR-NRC ऑन मीट के आंकड़े: UP में 5 लाख भेड़ें, लेकिन स्वास्थ्य सुविधाएं कम।
पशु क्रूरता कानून: क्या सजा?
भारतीय पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 (PCA 1960) के तहत जहर देना या लापरवाही से मौत पर 3 महीने कैद या 5000 जुर्माना। हाल के संशोधन से सजा 5 साल तक। UP पशु कल्याण बोर्ड सक्रिय। अगर इवेंट मैनेजमेंट दोषी तो लाइसेंस रद्द।
प्रिवेंशन टिप्स: इवेंट के बाद सफाई
- कचरा डिब्बे चेक: प्लास्टिक, फूड वेस्ट न फैले।
- पशु चराई रोकें: इवेंट एरिया 72 घंटे बंद।
- वेट डॉक्टर अलर्ट: संदेह पर तुरंत चेकअप।
- जागरूकता: ग्रामीणों को हेल्पलाइन दें।
वन्यजीव बोर्ड ने सलाह दी – CCTV और फेंसिंग बढ़ाएं।
पुलिस जांच का स्टेटस
मड़ियां पुलिस ने FIR दर्ज की। सैंपल लखनऊ वेट कॉलेज गए। 48 घंटे में रिपोर्ट। अगर जहर तो मर्डर केस। इवेंट ऑर्गेनाइजर्स से पूछताछ शुरू। एनजीओ वॉलंटियर्स साइट पर नजर रख रहे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी सूचना।
पशु प्रेमियों में गुस्सा
सोशल मीडिया पर #JusticeForSheep ट्रेंड। PETA इंडिया ने पोस्ट किया – “हर जान कीमती।” लखनऊ में कैंडल मार्च की योजना। ये हादसा पशु कल्याण पर बहस छेड़ेगा।
5 FAQs
- लखनऊ में 170 भेड़ें कैसे मरीं?
राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल के पास रहस्यमयी मौत। एनजीओ ने जहर या वेस्ट का शक जताया। - पुलिस क्या कर रही?
सैंपल पोस्टमॉर्टम के लिए भेजे। जांच जारी, दोषी पर सख्त कार्रवाई। - एनजीओ ने क्या मांग की?
पूरा पोस्टमॉर्टम, जहर साबित तो सजा। जांच में सहयोग। - संभावित कारण क्या?
जहर, प्लास्टिक वेस्ट, बीमारी या लापरवाही। रिपोर्ट से साफ होगा। - पशु क्रूरता पर सजा क्या?
PCA 1960 के तहत 3 महीने से 5 साल कैद, जुर्माना।
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