दिल्ली पुलिस ने 200 करोड़ के फर्जी बैंक ऑक्शन घोटाले का भंडाफोड़ किया। DLF कैमेलियाज के नाम पर 12 करोड़ की फर्जी डील से खुला राष्ट्रीय नेटवर्क। SBI दस्तावेज जाली, 5 गिरफ्तार, मनी लॉन्ड्रिंग का खेल!
बैंक लोन रिकवरी का झूठा जाल: DLF प्रॉपर्टी के नाम पर 200 करोड़ की ठगी, मनी ट्रेल खुली!
फर्जी बैंक ऑक्शन का 200 करोड़ का खेल: दिल्ली पुलिस ने DLF कैमेलियाज डील से खोला पर्दा
31 दिसंबर 2025 को दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे राष्ट्रीय स्तर के प्रॉपर्टी घोटाले का भंडाफोड़ किया, जिसने देशभर में 200 करोड़ रुपये की ठगी की। ये घोटाला गुरुग्राम के शानदार DLF कैमेलियाज प्रोजेक्ट के एक काल्पनिक फ्लैट की 12.04 करोड़ रुपये की बिक्री से शुरू हुआ। पांच लोगों की गिरफ्तारी के बाद पता चला कि ये गिरोह SBI जैसे बैंकों के नाम पर जाली दस्तावेज बनाकर अमीरों को लुभाता था। बाजार मूल्य के आधे दाम पर “बैंक लोन रिकवरी” का झांसा देकर ठगते थे।
घोटाले की शुरुआत: एक महिला की शिकायत
अगस्त 2024 में गुरुग्राम में हाई–एंड फ्लैट ढूंढ रही एक महिला को अभिनव पाठक नाम के मेडिसिन डिस्ट्रीब्यूटर ने संपर्क किया। पाठक ने DLF कैमेलियाज का एक प्रीमियम फ्लैट बाजार मूल्य के लगभग आधे – 12.04 करोड़ रुपये में – देने का लालच दिया। दावा किया कि ये SBI की बैंक ऑक्शन से आया है, जहां खराब लोन रिकवर करने के लिए प्रॉपर्टी बिकती हैं। एम/एस एमजी लीजिंग एंड फाइनेंस के प्रतिनिधियों ने जाली सेल सर्टिफिकेट, ऑक्शन रसीदें और कवरिंग लेटर्स दिखाए, सब कुछ SBI के नाम पर।
महिला ने अगस्त से अक्टूबर 2024 के बीच RTGS और डिमांड ड्राफ्ट से पूरी रकम ट्रांसफर कर दी। जब फ्लैट की पजेशन की बारी आई तो SBI ने साफ कहा – ये सारे दस्तावेज फर्जी हैं। 13 जून 2025 को शिकायत दर्ज हुई। क्राइम ब्रांच ने जांच शुरू की तो पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश हो गया।
पैसे का सफर और गिरफ्तारियां
जांच में पैसे मोहित गोयल की प्रोप्राइटरशिप फर्म में पहुंचे। दिल्ली–एनसीआर, भopal और मुंबई में सर्चेस चलीं। गोयल भूमिगत हो गया था, लेकिन टेक्निकल सर्विलांस से ट्रैक हुआ। 22 नवंबर को दिल्ली पुलिस ने मुंबई से भागते हुए उसे ऋषिकेश–देहरादून रोड पर डोईवाला के पास पकड़ा। गोयल की गिरफ्तारी से चार और नाम सामने आए।
- विशाल मल्होत्रा: प्रॉपर्टी डीलर, HDFC बैंक करंट अकाउंट खोलकर पैसे रूट किया।
- राम सिंह उर्फ बाबाजी: कमीशन लेने वाला, बाद में बाबाजी फाइनेंस में मनी लॉन्ड्रिंग।
- सचिन गुलाटी: IDFC फर्स्ट बैंक अकाउंट का इस्तेमाल फंड्स घुमाने के लिए।
- भारत छाबड़ा: स्पेशलाइज्ड सॉफ्टवेयर से जाली दस्तावेज तैयार करने वाला।
- अभिनव पाठक: शिकायतकर्ता को डील से जोड़ने वाला, कमीशन का हिस्सा।
गिरोह का तरीका: दोहराया जाने वाला फॉर्मूला
गोयल गिरोह ने मॉर्टगेज्ड, विवादित या पूरी तरह काल्पनिक प्रॉपर्टीज चुनती। टाइटल डीड्स, बैंक ऑक्शन पेपर्स जाली बनवाती। पैसे कई अकाउंट्स और फर्म्स से लेयरिंग कर बाबाजी फाइनेंस पहुंचाते, जहां ऊंची ब्याज दर पर घुमाते। गोयल 40% मुनाफा रखता, सिंह 60% लेता। 2019 से दिल्ली, पंजाब, मध्य प्रदेश, गोवा में 16 ऐसे केस, पुलिस रिकॉर्ड्स में दर्ज।
DLF कैमेलियाज जैसी लग्जरी प्रॉपर्टीज का बाजार मूल्य 20–25 करोड़ होता है। आधे दाम पर “ऑक्शन डील” का लालच अमीरों को फंसाता। NCR में लग्जरी होम प्राइसेस बढ़ने से लोग ऐसे “बारगेन” ढूंढते। फर्जी बैंक पेपर्स से भरोसा बनता।
मॉडस ऑपरेंडी: स्टेप बाय स्टेप
- स्टेप 1: अमीर खरीदारों को टारगेट, सोशल मीडिया/रेफरल से संपर्क।
- स्टेप 2: डिस्ट्रेस्ड प्रॉपर्टी दिखाना, बैंक ऑक्शन का हवाला।
- स्टेप 3: जाली SBI/अन्य बैंक दस्तावेज दिखाना – सेल डीड, रसीदें।
- स्टेप 4: आंशिक पेमेंट लेकर विश्वास बनाना, फिर पूरा ट्रांसफर।
- स्टेप 5: पैसे लेयरिंग – कई अकाउंट्स, फर्म्स, हाई–इंटरेस्ट लोन।
ये तरीका आम प्रॉपर्टी फ्रॉड से अलग था, क्योंकि बैंक पेपर्स की जालसाजी से “इंस्टीट्यूशनल वैलिडिटी” का भ्रम पैदा होता।
| घटक | भूमिका | बैंक/फर्म |
|---|---|---|
| मोहित गोयल | मास्टरमाइंड | प्रोप्राइटरशिप फर्म |
| विशाल मल्होत्रा | मनी रूटिंग | HDFC करंट अकाउंट |
| राम सिंह (बाबाजी) | लॉन्ड्रिंग | बाबाजी फाइनेंस |
| सचिन गुलाटी | फंड रोटेशन | IDFC फर्स्ट अकाउंट |
| भारत छाबड़ा | डॉक्यूमेंट फोर्जरी | स्पेशल सॉफ्टवेयर |
राष्ट्रीय प्रभाव: कई राज्यों में केस
पुलिस के मुताबिक, ये नेटवर्क 2019 से सक्रिय। दिल्ली में 8, पंजाब 4, MP 3, गोवा 1 केस। हर जगह वही फॉर्मूला – फर्जी मॉर्टगेज/ऑक्शन पेपर्स। टोटल ठगी 200 करोड़ से ज्यादा। जांच में और शिकारकर्ता सामने आ सकते। EOW, ईडी को इंफो दी गई है।
प्रॉपर्टी बाजार का ट्रेंड: क्यों सफल हुआ घोटाला?
NCR में लग्जरी फ्लैट्स 20–30% महंगे हुए। लोग “डिस्ट्रेस्ड एसेट्स” ढूंढते। RBI के SARFAESI एक्ट से बैंक ऑक्शन आम बने। गिरोह ने इसी का फायदा उठाया। विशेषज्ञ: खरीदारों को वेरिफिकेशन जरूरी – बैंक से डायरेक्ट कन्फर्मेशन।
पुलिस की चेतावनी और सलाह
DCP (क्राइम ब्रांच) आदित्य गौतम ने कहा, “ऑक्शन डील्स के दस्तावेज हमेशा बैंक से वेरिफाई करें। ब्रोकरों पर भरोसा न करें।” RBI, बैंकों से सर्कुलर: फर्जीवाड़े रोकने के लिए। सोशल मीडिया पर ऐसे ऐड्स से सावधान।
अन्य बड़े प्रॉपर्टी घोटाले 2025
- नोएडा: 100 करोड़ फर्जी RERA प्रोजेक्ट।
- पुणे: 50 करोड़ बिल्डर फंड डायवर्जन।
- बेंगलुरु: 75 करोड़ फर्जी टाइटल डीड्स।
ये केस प्रॉपर्टी मार्केट में ट्रांसपेरेंसी की जरूरत दिखाते।
5 FAQs
- फर्जी बैंक ऑक्शन घोटाले में कितनी ठगी हुई?
देशभर में 200 करोड़ रुपये से ज्यादा, DLF कैमेलियाज डील में 12.04 करोड़। - घोटाले का मुख्य आरोपी कौन?
मोहित गोयल – मास्टरमाइंड, 16 पुराने केसों का वांटेड। - फर्जी दस्तावेज कैसे बनाए गए?
भारत छाबड़ा ने स्पेशलाइज्ड सॉफ्टवेयर से SBI के नाम पर सेल सर्टिफिकेट, रसीदें तैयार कीं। - पैसे कहां गए?
कई अकाउंट्स से लेयरिंग कर राम सिंह के बाबाजी फाइनेंस में, जहां हाई ब्याज पर घुमाए। - प्रॉपर्टी डील में सावधानी कैसे बरतें?
बैंक से डायरेक्ट वेरिफिकेशन, RERA चेक, लीगल टाइटल सर्च। ब्रोकरों पर भरोसा न करें।
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