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रेल मंत्री का ऐलान: वंदे भारत स्लीपर ट्रेन 180 किमी/घंटा दौड़ी, जल्द लॉन्च होने वाली है!

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180 kmph Stability Magic: Vande Bharat Sleeper's Water Test Stuns in Kota-Nagda Run
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वंदे भारत स्लीपर ट्रेन ने कोटा-नागदा में 180 किमी/घंटा की स्पीड टेस्ट पास की। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वीडियो शेयर किया जिसमें पानी का गिलास स्थिर रहा। 16 कोच, KAVACH सिस्टम, बायो-वैक्यूम टॉयलेट्स – लॉन्ग डिस्टेंस सफर बदल देगी!

कोटा-नागदा में वंदे भारत स्लीपर का कमाल: 180 किमी/घंटा पर पानी का गिलास न हिला, टेक का जादू!

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का धमाकेदार ट्रायल: 180 किमी/घंटा की स्पीड पर पानी का गिलास भी नहीं हिला

भारतीय रेलवे लंबी दूरी के रात के सफर को नई ऊंचाई देने की तैयारी में जुटा है। वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के प्रोटोटाइप ने कोटा-नागदा सेक्शन पर 180 किमी/घंटा की रफ्तार छू ली। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने खुद एक्स पर वीडियो शेयर किया, जिसमें ट्रेन की अधिकतम डिजाइन स्पीड पर कोच के अंदर रखे पानी के गिलास स्थिर दिख रहे। ये “वॉटर टेस्ट” नई जनरेशन ट्रेन की स्थिरता और इंजीनियरिंग का कमाल दिखाता है। कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी ने ट्रायल पास कर दिया।

ये वंदे भारत का स्लीपर वर्जन है, जो चेयर कार मॉडल की तरह ही सेमी-हाई स्पीड पर चलेगा लेकिन रात के सफर के लिए। BEML ने दो प्रोटोटाइप रेक बनाए हैं – कुल 16 कोच: 11 एसी थ्री-टियर, 4 एसी टू-टियर और 1 एसी फर्स्ट क्लास। ऑपरेशनल स्पीड 160 किमी/घंटा होगी, लेकिन टेस्टिंग 180 तक। आने वाले सालों में 200+ ऐसी ट्रेनें लाने का प्लान।

ट्रायल की खास बातें: कोटा-नागदा रन

30 दिसंबर को RDSO (रिसर्च डिजाइन्स एंड स्टैंडर्ड्स ऑर्गनाइजेशन) के तहत ट्रायल हुआ। ट्रेन ने 180 किमी/घंटा छुआ, जहां पानी के गिलास हिले ही नहीं। ये सस्पेंशन सिस्टम, एयरोडायनामिक डिजाइन और वाइब्रेशन कंट्रोल की ताकत दिखाता। रेल मंत्री ने लिखा, “वंदे भारत स्लीपर आज कमिश्नर द्वारा टेस्ट की गई। कोटा-नागदा में 180 किमी/घंटा दौड़ी और वॉटर टेस्ट ने नई टेक्नोलॉजी दिखाई।” वीडियो वायरल हो गया।

यूरोपियन रोलिंग स्टॉक से इंस्पायर्ड डिजाइन

स्लीपर कोच यूरोपियन ट्रेनों जैसा:

  • कस्टमाइज्ड बर्थ्स, ऊपरी बर्थ तक आसान एक्सेस।
  • लो-इंटेंसिटी नाइट लाइटिंग, पर्सनल रीडिंग लैंप्स।
  • हर सीट पर चार्जिंग पॉइंट्स, फोल्डेबल रिफ्रेशमेंट टेबल्स।
  • GFRP पैनल्स से इंटीरियर्स, ऑटोमैटिक स्टेशन डोर्स।

पैसेंजर सुविधाएं

  • बायो-वैक्यूम टॉयलेट्स (एयरक्राफ्ट जैसे), दिव्यांगों के लिए एक्सेसिबल टॉयलेट।
  • बेबी केयर यूनिट, एसी फर्स्ट क्लास में हॉट वॉटर शावर क्यूबिकल्स।
  • ऑडियो-विजुअल अनाउंसमेंट्स, CCTV सर्विलांस।
  • मॉड्यूलर पैंट्री, सेंट्रलाइज्ड कोच मॉनिटरिंग सिस्टम।
  • इमरजेंसी कम्युनिकेशन से डायरेक्ट लोको पायलट कॉल।

सुरक्षा और टेक्नोलॉजी का कमाल

  • KAVACH एंटी-कॉलिजन सिस्टम (देशी), रीजेनरेटिव ब्रेकिंग से एनर्जी सेविंग।
  • फुली सील्ड गैंगवेज, ऑटोमैटिक इंटरकनेक्टिंग डोर्स से एयर क्वालिटी और टेम्परेचर स्टेबल।
  • ट्रेन का वजन हल्का, एयरोडायनामिक शेप से हाई स्पीड पर कम ड्रैग।

वंदे भारत चेयर कार vs स्लीपर: तुलना

विशेषतावंदे भारत चेयर कारवंदे भारत स्लीपर
कोच कॉन्फिगरेशन8 चेयर कार कोच16 स्लीपर कोच (11-3A, 4-2A, 1-1A)
अधिकतम स्पीड180 किमी/घंटा (टेस्ट)180 किमी/घंटा (टेस्ट), 160 ऑपरेशनल
सफर प्रकारडे टाइम, मीडियम डिस्टेंसनाइट, लॉन्ग डिस्टेंस
मुख्य सुविधाएंरोटेटिंग सीट्स, पैंट्रीबर्थ एक्सेस, शावर, बेबी यूनिट
सुरक्षाKAVACHKAVACH + रीजेनरेटिव ब्रेकिंग

भविष्य की योजनाएं: 200+ ट्रेनें

रेल मंत्रालय का प्लान: 2026-30 में 200+ वंदे भारत स्लीपर। शुरुआत मुंबई-हावड़ा, दिल्ली-लखनऊ, चेन्नई-बेंगलुरु जैसे रूट्स से। ये अमृत भारत स्टेशन स्कीम से जुड़ेंगी। लागत बचत: लोकल मैन्युफैक्चरिंग से 30% सस्ती। BEML के अलावा ICF, RCF प्रोडक्शन बढ़ाएंगे।

ट्रायल स्टेटस और लॉन्च

दोनों प्रोटोटाइप एक्सटेंसिव टेस्टिंग में: स्पीड, ब्रेकिंग, सेफ्टी, पैसेंजर कम्फर्ट। CRS अप्रूवल मिला। जनवरी 2026 में पहली कमर्शियल रन संभव। रूट्स पर ट्रैक अपग्रेड (DEDICATED FREIGHT CORRIDOR से लिंक) जरूरी।

रेलवे का बड़ा ट्रांसफॉर्मेशन

वंदे भारत ने 2019 से अब तक 100+ ट्रेनें चला लीं। स्लीपर वर्जन से लॉन्ग हॉल मार्केट (50% पैसेंजर) कवर होगा। टिकट रेट प्रीमियम लेकिन समय बचत से आकर्षक। ICMR सर्वे: 80% पैसेंजर हाई-स्पीड पसंद।

अन्य अपडेट्स

  • वंदे भारत एक्सपोर्ट: ऑस्ट्रेलिया, यूरोप इंटरेस्ट।
  • नई फैक्ट्री: गुजरात में 500 ट्रेनें सालाना।
  • ग्रीन एनर्जी: सोलर पैनल्स से सेल्फ-पावर।

ये ट्रेन रेल सफर को हाई-टेक बना देंगी।

5 FAQs

  1. वंदे भारत स्लीपर ने कितनी स्पीड का टेस्ट पास किया?
    180 किमी/घंटा कोटा-नागदा सेक्शन पर। ऑपरेशनल 160 किमी/घंटा होगी।
  2. वॉटर टेस्ट क्या दिखाता है?
    ट्रेन की स्थिरता – 180 किमी/घंटा पर गिलास नहीं हिले, सस्पेंशन का कमाल।
  3. कितने कोच हैं और कौन सी क्लास?
    16 कोच: 11 एसी 3-टियर, 4 एसी 2-टियर, 1 एसी फर्स्ट क्लास।
  4. मुख्य सुविधाएं क्या हैं?
    बायो-वैक्यूम टॉयलेट्स, शावर, KAVACH, CCTV, रीडिंग लैंप्स, बेबी यूनिट।
  5. कब लॉन्च होगी?
    ट्रायल पूरा, CRS अप्रूवल मिला। जनवरी 2026 में पहली रन संभव।

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