Home फूड आम वाली कढ़ी (Fajetto): आम, दही और बेसन का ऐसा कॉम्बो जो गर्मियों में दिल जीत ले
फूड

आम वाली कढ़ी (Fajetto): आम, दही और बेसन का ऐसा कॉम्बो जो गर्मियों में दिल जीत ले

Share
Fajetto
Share

आम वाली कढ़ी या गुजराती Fajetto एक मीठी‑खट्टी दही‑बेसन की करी है जो पके आम या आमरस से बनती है। सीखें आसान स्टेप, हेल्दी टिप्स और सर्विंग आइडियाज़ के साथ पूरी रेसिपी।

Fajetto-आम वाली कढ़ी क्यों इतनी खास है?


गर्मियों में आम तो हर घर की रसोई में पहुंच ही जाता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि बची हुई आमरस या पके आम से कितनी शानदार, हल्की और कम्फर्टिंग करी बन सकती है? आम वाली कढ़ी यानी गुजराती फजेतो ठीक वही डिश है – मीठा‑खट्टा‑तीखा स्वाद, दही और बेसन की क्रीमी टेक्सचर और आम की फ्रूटी खुशबू, जो चावल या खिचड़ी के साथ पूरे मील को सैटिस्फाइंग बना देती है।
गुजरात में फजेतो अक्सर तब बनता है जब घर में आमरस बच जाता है और उसे वेस्ट करने के बजाय दही‑बेसन वाली कढ़ी में मिलाकर नया, मज़ेदार स्वाद तैयार किया जाता है। ये डिश हल्की है, भारी मसालों से भरी नहीं होती और गर्मी के दिनों में लंच या डिनर के लिए एकदम परफेक्ट कम्फर्ट फूड मानी जाती है।

आम वाली कढ़ी (फजेतो) क्या है?
आम वाली कढ़ी दरअसल दही और बेसन से बनने वाली कढ़ी का ही एक फ्रूटी अवतार है, जिसमें पके आम का रस या पल्प मिलाया जाता है और ऊपर से घी में तड़का देकर इसे हल्का मीठा‑खट्टा‑तीखा बनाया जाता है।
कई घरों में इसे leftover आमरस से बनाया जाता है, तो कुछ जगहों पर खासतौर से फजेतो के लिए पके आम से ताज़ा पल्प निकाला जाता है, और कभी‑कभी आम की गुठली भी स्वाद के लिए धीमी आंच पर उबाली जाती है ताकि उसका रस भी कढ़ी में उतर जाए।

स्वाद और टेक्सचर: आम कढ़ी कैसी लगती है?
आम वाली कढ़ी का फ्लेवर लेयर्ड होता है – दही की हल्की खटास, आम की स्वाभाविक मिठास, हरी मिर्च और लाल मिर्च से हल्की तीखापन और मेथी, जीरा, हींग जैसे तड़के से आने वाली नट्टी‑सी, देसी खुशबू।
टेक्सचर की बात करें तो सही तरीके से फेंटी हुई दही‑बेसन और पानी के साथ पकने पर यह कढ़ी न ज्यादा गाढ़ी होनी चाहिए, न बहुत पतली – लगभग सूप जैसी स्मूद, कोटिंग कंसिस्टेंसी, जो चावल के साथ मिलकर बहती भी रहे और चम्मच से उठाने पर हल्की‑सी पकड़ भी दे।

किस तरह के आम इस रेसिपी के लिए बेस्ट हैं?
आम वाली कढ़ी के लिए ज़्यादातर घरों में पका, मीठा आम या आमरस यूज़ किया जाता है, क्योंकि दही में खुद हल्की खटास होती है और बहुत ज्यादा खट्टा आम डालेंगे तो बैलेंस बिगड़ सकता है।
आपके पास यदि घर का बना आमरस हो, तो वही सबसे बेस्ट है; नहीं तो आप पैकेट वाला पल्प भी यूज़ कर सकते हैं, बस ध्यान रहे कि उसमें पहले से बहुत ज़्यादा शुगर न मिली हो ताकि आप स्वाद के अनुसार खुद मिठास एडजस्ट कर सकें।

दही और बेसन का रोल क्या है?
कढ़ी की बेसिक बॉडी दही और बेसन से आती है – दही से क्रीमीनेस और हल्का खट्टापन, बेसन से बॉडी और बाइंडिंग ताकि उबालने पर दही फटे नहीं और पतली छाछ जैसा न लगे।
अधिकांश रेसिपीज़ में गाढ़ा, ताज़ा दही – अध​िकतर फुल‑फैट या कम से कम सेमी‑फैट – यूज़ करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इससे कढ़ी का टेक्सचर ज्यादा रिच और स्मूद बनता है और लो‑फैट दही की तुलना में फटने का रिस्क थोड़ा कम रहता है।

आम वाली कढ़ी के लिए सामग्री (एक घर की सर्विंग के हिसाब से)

नीचे दी गई मात्रा लगभग 3–4 लोगों के लिए एक नॉर्मल लंच/डिनर सर्विंग के लिए सोची गई है; आप लोगों की संख्या और अपनी पसंद के हिसाब से हल्का‑फुल्का एडजस्ट कर सकते हैं।

तालिका: बेसिक सामग्री और अनुमानित मात्रा

  • दही (गाढ़ा, फुल‑फैट या सेमी‑फैट): लगभग 1 कप
  • पका आम पल्प या आमरस: 1 कप (बहुत मीठा हो तो शक्कर कम रखें)
  • बेसन: 2–3 बड़े चम्मच
  • पानी: लगभग 3–4 कप, जरूरत के हिसाब से कंसिस्टेंसी के लिए
  • नमक: स्वाद अनुसार
  • हल्दी पाउडर: 1/4 छोटा चम्मच के आसपास
  • हरी मिर्च पेस्ट या बारीक कटी: 1–2 छोटा चम्मच, स्वाद मुताबिक
  • अदरक पेस्ट या कद्दूकस: 1 छोटा चम्मच
  • गुड़ या शक्कर: 1–2 बड़ा चम्मच (जरूरत और आम की मिठास के अनुसार)
  • कढ़ी के लिए घी या तेल: 1–2 बड़ा चम्मच

तड़के के लिए

  • घी: 1–1.5 बड़ा चम्मच
  • राई (सरसों के दाने): 1/2 छोटा चम्मच
  • जीरा: 1/2 छोटा चम्मच
  • मेथी दाना: 1/4 छोटा चम्मच (हल्की कड़वाहट और सुगंध के लिए)
  • सूखी लाल मिर्च: 1–2
  • करी पत्ते: 8–10
  • हींग: एक‑दो चुटकी
  • कश्मीरी लाल मिर्च पाउडर: 1/2 छोटा चम्मच (रंग के लिए, चाहें तो)
  • ऊपर से सजाने के लिए हरा धनिया बारीक कटा

स्टेप 1: दही‑बेसन और आम पल्प का बेस तैयार करें
सबसे पहले दही को अच्छी तरह से फेंट लें ताकि उसमें कोई गांठ न रहे और टेक्सचर एकदम स्मूद हो जाए; अगर दही बहुत खट्टा है, तो थोड़ा मीठा आम पल्प ज्यादा रखने से बैलेंस किया जा सकता है।
एक बड़े बाउल में बेसन डालें, थोड़ा ठंडा या नार्मल तापमान का पानी डालकर गाढ़ा, बिना गाठों वाला घोल बना लें, फिर उसमें फेंटा हुआ दही, आम पल्प, हल्दी, अदरक‑हरी मिर्च पेस्ट और नमक मिलाकर इतना पानी डालें कि मिश्रण पतला छाछ जैसा लगे – ध्यान रहे कि बेसन कहीं भी तल्ला में बैठकर गाठ न बना पाए।

स्टेप 2: दही न फटे – आंच और हिलाने पर खास ध्यान
एक गहरे, हैवी‑बॉटम पैन या कड़ाही में यह दही‑आम‑बेसन वाला मिक्सचर डालें और गैस पर रखें, लेकिन शुरुआत में आंच मीडियम‑लो ही रखें ताकि दही अचानक ज्यादा गरम होकर फटे नहीं।
मिश्रण को लगातार हिलाते रहें – खासकर जब तक वह अच्छी तरह गर्म होकर पहली बार उबाल के करीब न पहुँच जाए; लगभग 7–10 मिनट तक लगातार हिलाने से बेसन भी पकता रहेगा और दही स्मूद बना रहेगा, इससे फटने की संभावना काफी कम हो जाती है।

स्टेप 3: कंसिस्टेंसी और फ्लेवर को बैलेंस करें
जब कढ़ी हल्की‑सी गाढ़ी हो जाए और उबाल आने लगे, तब आंच को लो‑मीडियम कर दें और 5–7 मिनट तक बीच‑बीच में चलाते हुए पकने दें, ताकि कच्चे बेसन की स्मेल पूरी तरह खत्म हो जाए और आम, दही, मसालों का स्वाद एक‑दूसरे के साथ ब्लेंड हो जाए।
अब कढ़ी को चखकर देखें – अगर आम बहुत मीठे थे तो गुड़ या शक्कर कम लगेगी, अगर हल्की खटास बढ़ानी हो तो थोड़ा और दही या नमक एडजस्ट कर सकते हैं; गुजरात स्टाइल में फजेतो हल्का मीठा और खट्टा दोनों होता है, तो स्वाद के इस बैलेंस के साथ खेला जा सकता है।

स्टेप 4: तड़का – फजेतो की जान
एक छोटे तड़का पैन में घी गरम करें, उसमें पहले राई डालें और जब वह चटकने लगे तो जीरा, मेथी दाना, सूखी लाल मिर्च, करी पत्ते और हींग डालकर हल्का‑सा भूनें ताकि खुशबू बाहर आए, लेकिन मेथी जली नहीं।
आंच से पैन को थोड़ी देर के लिए साइड में खींच लें, कश्मीरी लाल मिर्च पाउडर डालें (ताकि जल न जाए, सिर्फ रंग और हल्का स्वाद दे) और तुरंत यह सारा तड़का उबलती हुई आम कढ़ी पर डाल दें; पूरा किचन एकदम देसी खुशबू से भर जाएगा और कढ़ी का फ्लेवर कई गुना बढ़ जाएगा।

स्टेप 5: फाइनल सिमर और रेस्टिंग टाइम
तड़का डालने के बाद कढ़ी को और 3–5 मिनट ही हल्की आंच पर पकाएं; बहुत देर तक उबालने से आम का फ्रेश फ्रूटी फ्लेवर हल्का दब सकता है और दही‑बेसन भी ज्यादा पककर गाढ़े पेस्ट जैसा हो सकता है।
गैस बंद करने के बाद अगर आपके पास टाइम हो, तो कढ़ी को 5–10 मिनट ढककर रेस्ट करने दें; इससे तड़के का फ्लेवर कढ़ी के हर हिस्से में अच्छी तरह घुल‑मिल जाता है और चावल या खिचड़ी के साथ खाने पर स्वाद और संतुलित लगता है।

आम वाली कढ़ी को हेल्दी बनाने के तरीके
दही‑आधारित कढ़ी खुद ही हल्की और अपेक्षाकृत कम ऑयली करी होती है, लेकिन अगर आप हेल्थ को लेकर और कॉन्शियस हैं तो घी की मात्रा थोड़ा कम रख सकते हैं या आधा‑आधा घी और न्यूट्रल ऑयल का कॉम्बिनेशन यूज़ कर सकते हैं, ताकि सैचुरेटेड फैट थोड़ी कम हो।
बेसन में अच्छा प्लांट‑बेस्ड प्रोटीन और फाइबर होता है, जो लंबे समय तक पेट भरा रखने और ब्लड शुगर को बहुत तेज़ ऊपर न जाने में मददगार माना जाता है, इसलिए फ्राई वाली भारी सब्जियों के बजाय ऐसी हल्की कढ़ी चावल के साथ लेना कई लोगों के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है, खासकर जब तेल कंट्रोल में हो।

दही और आम – पाचन और गट हेल्थ
सही मात्रा में और सही तापमान पर खाया जाए तो दही में मौजूद गुड बैक्टीरिया (प्रोबायोटिक कल्चर) आंतों के माइक्रोफ्लोरा को सपोर्ट करते हैं और डाइजेशन में मददगार हो सकते हैं; कई न्यूट्रिशन सोर्सेज गर्मियों में दही‑आधारित डिशेस को कूलिंग और डाइजेशन‑फ्रेंडली मानते हैं, बशर्ते व्यक्ति को लैक्टोज या दही से एलर्जी न हो।
आम में विटामिन A, विटामिन C और कुछ B‑विटामिन, साथ ही डायटरी फाइबर और विभिन्न एंटीऑक्सीडेंट कंपाउंड्स पाए जाते हैं, जो इम्युनिटी, स्किन हेल्थ और समग्र पोषण के लिए लाभदायक माने जाते हैं; हाँ, डाइबिटीज़ या शुगर कंट्रोल वाले लोगों को पोर्शन साइज और कुल कार्ब्स पर ध्यान रखना ज़रूरी है।

कंसिस्टेंसी और गाढ़ापन कैसे कंट्रोल करें?
अगर कढ़ी बहुत पतली लग रही हो तो उसे थोड़ी देर और धीमी आंच पर उबालें या एक छोटा चम्मच बेसन को थोड़े पानी में घोलकर धीरे‑धीरे गर्म कढ़ी में डालते हुए लगातार हिलाते रहें; कुछ मिनट में कढ़ी हल्की गाढ़ी हो जाएगी।
अगर कढ़ी ज़्यादा गाढ़ी हो गई हो तो गर्म पानी या पतली छाछ डालकर उबाल आने तक पकाएं और नमक‑मसाले थोड़ा‑बहुत एडजस्ट कर दें; ध्यान रहे कि बहुत बाद में पानी डालने से स्वाद हल्का पड़ सकता है, इसलिए कंसिस्टेंसी शुरुआत से ही ध्यान में रखें।

दही फटने से बचाने के ज़रूरी टिप्स

  • हमेशा दही को पहले कमरे के तापमान के करीब ले आएं; सीधे फ्रीज से निकला ठंडा दही गर्म कड़ाही में जाते ही जल्दी फट सकता है।
  • दही और बेसन को पानी के साथ बहुत अच्छे से फेंटें, कोई भी गांठ न रहे; बेसन दही को स्टेबलाइज़ करने में मदद करता है और फटने के चांस कम करता है।
  • शुरू में आंच ज्यादा तेज न रखें; मीडियम‑लो फ्लेम पर लगातार हिलाते हुए कढ़ी को पहले गर्म होने दें, फिर उबाल तक लाएं।
  • बहुत देर तक तेज उबाल पर रखने से भी दही अलग होना शुरू हो सकता है, इसलिए उबाल आने के बाद जेंटल सिमर रखें।

स्वाद में वैरिएशन कैसे लाएं?
अगर आप ज्यादा मीठा पसंद नहीं करते तो आम पल्प थोड़ा कम और दही थोड़ा ज्यादा रख सकते हैं, साथ में गुड़ या शक्कर सीमित रखें; इससे कढ़ी में हल्की‑सी खटास ज्यादा उभरकर आएगी।
तीखा पसंद करने वालों के लिए हरी मिर्च थोड़ा बढ़ाकर, ऊपर से तड़के में लाल मिर्च पाउडर या साबुत लाल मिर्च थोड़ा ज्यादा डाली जा सकती है; हालांकि फजेतो का क्लासिक प्रोफाइल हल्का मीठा और मीडियम स्पाइस वाला होता है।

ज्यादा हेल्दी या लो‑फैट वर्ज़न के लिए टिप्स
अगर आप फैट कंट्रोल में रखना चाहते हैं तो घी की मात्रा आधी करके बाकी में किसी हल्के रिफाइंड ऑयल या कोल्ड‑प्रेस्ड ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हैं; इससे फलेवर में थोड़ा बदलाव आएगा, लेकिन कढ़ी फिर भी अच्छी लगेगी।
बहुत ज्यादा क्रीमीयनेस के लिए फुल‑फैट दही जरूरी नहीं है; कई लोग सेमी‑स्किम्ड दही से भी संतुलित टेक्सचर पा लेते हैं, बशर्ते बेसन और पानी का रेशियो सही हो और कढ़ी को धीरे‑धीरे पकाया जाए।

बचने वाले आम और आम की गुठली का स्मार्ट यूज़
घर में जब भी आमरस या मैश्ड पल्प बनता है, अक्सर छिलके और गुठलियों के पास थोड़ा सा आम बचा रह जाता है; फजेतो बनाने का एक ट्रेडिशनल तरीका यही है कि इन गुठलियों को धोकर उसी पानी में उबाला जाता है, जिससे कढ़ी में हल्का‑सा और आम का फ्लेवर आता है।
ये तरीका फूड वेस्टेज भी कम करता है और कढ़ी को नेचुरल आम की खुशबू से भर देता है; बस ध्यान रहे कि गुठलियाँ अच्छी तरह धोकर ही इस्तेमाल हों ताकि कोई गंदगी या जहरीले केमिकल (अगर आम पर वैक्सिंग या स्प्रे रहा हो) कढ़ी में न जाए।

किसके साथ सर्व करें – थाली आइडियाज़
सबसे क्लासिक कॉम्बो है आम वाली कढ़ी के साथ सादा गरम‑गरम चावल, साथ में घी की हल्की‑सी बूंद और पापड़ या कोई ड्राई दाल या सूखी सब्जी; यह कॉम्बिनेशन न ज्यादा भारी होता है, न बहुत ड्राय, बल्कि बैलेंस्ड लगता है।
आप चाहें तो इसे खिचड़ी, जीरा राइस या हल्की पुलाव के साथ भी सर्व कर सकते हैं, खासकर जब घर में फेस्टिव या फैमिली लंच हो और आप रूटीन प्लेन कढ़ी की जगह कुछ अलग परफ्यूम्ड और थाली‑फ्रेंडली डिश चाहते हों।

स्टोरेज: फ्रिज में कितने दिन चलेगी?
घर में बनी दही‑बेसन की कढ़ी आमतौर पर फ्रिज में 1–2 दिन तक अच्छे से रह सकती है, बशर्ते उसे जल्दी ठंडा करके साफ, एयरटाइट कंटेनर में रखा जाए और बार‑बार रूम टेम्परेचर पर बाहर न रखा जाए।
फूड सेफ्टी गाइडलाइंस के हिसाब से पकी हुई डिशेज को ज्यादा देर तक कमरे के तापमान पर (लगभग 5°C से 60°C के बीच तापमान, जिसे कई स्रोत “डेंजर ज़ोन” मानते हैं) छोड़ना सुरक्षित नहीं माना जाता, इसलिए कोशिश करें कि 1–2 घंटे के भीतर इसे ठंडा कर फ्रिज में रख दें।

रीहीट कैसे करें कि स्वाद और सेफ्टी दोनों बने रहें?
फ्रिज से निकली हुई आम कढ़ी को दोबारा गर्म करते समय कम आंच पर धीरे‑धीरे गरम करें, बीच‑बीच में चलाते रहें ताकि तली पर लगने या फिर से फटने का रिस्क न रहे; बहुत तेज आंच पर अचानक उबाल देने से टेक्सचर खराब हो सकता है।
फूड सेफ्टी एजेंसियाँ बताती हैं कि बचा हुआ खाना दोबारा गरम करते समय पर्याप्त गर्म होना चाहिए और बार‑बार रीहीट करने से बचना चाहिए, इसलिए जितनी कढ़ी सर्व करनी हो, उतनी ही अलग पैन में निकालकर गरम करना बेहतर रहता है।

किसे कितनी मात्रा में खाना ठीक है? (जनरल पॉइंट्स)
आम वाली कढ़ी में आम और गुड़/शक्कर की वजह से नेचुरल और ऐडेड शुगर दोनों रह सकती हैं; डाइबिटीज़ या ब्लड शुगर मैनेजमेंट वाले लोगों के लिए हिस्से का आकार और चावल के साथ कुल कार्ब इंटेक पर नज़र रखना ज़रूरी है और बेहतर होगा कि व्यक्तिगत डाइट सलाह के लिए डॉक्टर या रजिस्टर्ड डाइटीशियन से बात की जाए।
जिन लोगों को डेयरी से एलर्जी, लैक्टोज इनटॉलरेंस या दही से जुड़ी कोई मेडिकल कंडीशन हो, उन्हें दही‑आधारित ये कढ़ी लेने से पहले अपने हेल्थ प्रोफेशनल से सलाह लेनी चाहिए; इसी तरह बहुत छोटे बच्चों, बुजुर्गों या कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों के लिए भी स्पेशल गाइडेंस जरूरी हो सकती है।

बार‑बार बनने वाली फैमिली रेसिपी कैसे बनाएं?
जब एक बार आपको अपने घर के स्वाद के हिसाब से मिठास, खटास और तीखेपन का सही बैलेंस मिल जाए, तो आप उसी के अनुसार अपनी “फैमिली रेशियो” सेट कर सकते हैं – जैसे: 1 कप दही, 1 कप आम पल्प, 3 कप पानी, 2 बड़े चम्मच बेसन, 1 बड़ा चम्मच गुड़, वगैरह।
इसी बेस रेशियो को ध्यान में रखकर हर बार लोगों की संख्या के मुताबिक मात्रा को 2x या 3x करना आसान हो जाता है, और हर बार करीब‑करीब वही टेस्ट दोहराया जा सकता है, जो घरवालों को पसंद आ चुका हो।

क्विक रीकैप – आम वाली कढ़ी को परफेक्ट बनाने के 7 ज़रूरी टिप्स

  • गाढ़ा, ताज़ा दही और पका हुआ मीठा आम या आमरस इस्तेमाल करें।
  • दही और बेसन को पानी के साथ अच्छी तरह फेंटकर बिल्कुल स्मूद, बिना गांठों वाला मिक्सचर बनाएं।
  • शुरू में आंच मीडियम‑लो रखें और कढ़ी गरम होने तक लगातार चलाते रहें ताकि दही न फटे।
  • मेथी, जीरा, राई, करी पत्ता और हींग के तड़के से क्लासिक गुजराती फ्लेवर लाएं, घी फ्लेवर को और रिच बनाता है।
  • मिठास के लिए गुड़ या शक्कर को अपने आम की मिठास और घर के टेस्ट के मुताबिक एडजस्ट करें।
  • कढ़ी को बहुत गाढ़ा सूप जैसा रखें – न बहुत पतला, न बहुत मोटा – ताकि चावल के साथ बैलेंस बने।
  • बची हुई कढ़ी को जल्दी ठंडा करके साफ, एयरटाइट कंटेनर में फ्रिज में रखें और 1–2 दिन के भीतर इस्तेमाल कर लें।

FAQs

प्र.1: आम वाली कढ़ी के लिए मीठा आम लेना ज़रूरी है क्या?
उ.1: ज्यादातर लोग मीठा, पका आम या आमरस यूज़ करते हैं ताकि दही की खटास और कढ़ी की मिठास के बीच बैलेंस बना रहे; बहुत खट्टे आम से कढ़ी ज़्यादा तीखी‑सी लग सकती है, इसलिए बेहतर है कि मीठा या हल्का मीठा आम लिया जाए और ज़रूरत हो तो थोड़ा अतिरिक्त दही या नमक से बैलेंस किया जाए।

प्र.2: क्या आम वाली कढ़ी को बिना गुड़ या शक्कर के बना सकते हैं?
उ.2: अगर आम खुद बहुत मीठे हैं और आप ज्यादा शुगर नहीं लेना चाहते, तो गुड़ या शक्कर बिल्कुल कम या जीरो रख सकते हैं; ऐसे में कढ़ी हल्की खट्टी और बस नेचुरल फ्रूटी मीठी लगेगी, जो कई लोगों को ज्यादा पसंद आती है, खासकर जब इसे चावल की बजाय खिचड़ी या रोटी के साथ लिया जाए।

प्र.3: क्या आम वाली कढ़ी को फ्रीज़ करके बाद में यूज़ कर सकते हैं?
उ.3: दही‑आधारित कढ़ी को फ्रीज़ करने पर दोबारा गरम करने के बाद टेक्सचर थोड़ा दाने‑दाने या अलग‑अलग जैसा हो सकता है, इसलिए आमतौर पर इसे फ्रेश या 1–2 दिन फ्रिज में रखकर ही इस्तेमाल करना बेहतर माना जाता है; अगर कभी ज़रूरत पड़े तो छोटे हिस्सों में फ्रीज़ करके बाद में बहुत धीरे‑धीरे गरम करें और लगातार चलाते रहें, पर स्वाद और टेक्सचर कुछ बदल सकते हैं।

प्र.4: आम वाली कढ़ी को ग्लूटेन‑फ्री कैसे बनाएं?
उ.4: इस रेसिपी में वैसे भी बेसन, दही और आम का इस्तेमाल होता है, जो नेचुरली ग्लूटेन‑फ्री हैं; बस इतना ध्यान रखें कि हींग अगर व्‍यावसायिक पैकेट वाली है तो कई बार उसमें गेहूं या मैदा मिलाकर तैयार किया जाता है, इसलिए शुद्ध हींग या ग्लूटेन‑फ्री लेबल वाली हींग लें और बाकी मसालों में भी कोई गेहूं आधारित ऐडिटिव न हो।

प्र.5: आम वाली कढ़ी को बच्चों के लिए कैसे हल्की बनाएं?
उ.5: बच्चों के लिए बनाते समय हरी मिर्च और लाल मिर्च पाउडर की मात्रा बहुत कम रखें या बिल्कुल न डालें, सिर्फ हल्दी, थोड़ा अदरक और मीठा आम पल्प रहने दें; आप चाहें तो कढ़ी को थोड़ा ज्यादा पतला रखकर चावल के साथ मैश करके दे सकते हैं, ताकि बच्चों के लिए निगलना भी आसान हो और स्पाइस लेवल भी कंट्रोल में रहे।

Share

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

Healthy Banana Dosa-बच्चों का फेवरेट मीठा ब्रेकफास्ट, सिर्फ 5 सामग्री से तैयार

होल व्हीट आटा, पके केले, अंडा, गुड़ और दालचीनी से बना Banana...

Aam Shrikhand Recipe:गाढ़े दही और पके आम से बनी गर्मियों की क्रीमी मिठाई 

Aam Shrikhand या अमरखंड गाढ़े दही, पके आम, चीनी और इलायची से...

Crispy Baby Corn Fry:15 मिनट में बनने वाला परफेक्ट 5 बजे का स्नैक

Crispy Baby Corn Fry में बेबी कॉर्न को मैदा, कॉर्नफ्लोर और राइस...

Karnataka Style Rice Bath:हरी मसाला पुलाव, ब्रेड क्रूटॉन्स और फ्राइड प्याज़ वाला ज़बरदस्त वन‑पॉट मील

Karnataka Style Rice Bath में धनिया‑पुदीना, नारियल, हरी मिर्च, माराठी मोग्गु और...